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अक्षर पटेल को क्यों कहा जाता है ‘जयसूर्या’, पिंक बॉल टेस्ट मैच से पहले सामने आई सच्चाई

गुजरात के शहर अहमदाबाद में भी इंटरनेशनल क्रिकेट की वापसी लंबे समय के बाद हो रही है। इंग्लैंड के खिलाफ भारतीय टीम को चार मैचों की टेस्ट सीरीज का तीसरा मुकाबला मोटेरा क्रिकेट स्टेडियम में खेलना है। इसी मुकाबले में दो लॉकल ब्वॉय भी खेलने जा रहे हैं। इनमें एक जसप्रीत बुमराह हैं, जबकि दूसरे अक्षर पटेल, जिन्होंने इसी महीने टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अक्षर पटेल को जयसूर्या कहा जाता है।

दरअसल, अहमदाबाद से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित छोटे से शहर नडियाद में जन्मे अक्षर पटेल अभी भी यहीं अपने परिवार के साथ छोटे से बंगले में रहते हैं, जो अब अपने घरेलू मैदान पर पिंक बॉल टेस्ट मैच में उतरने वाले हैं। बुधवार 24 फरवरी से शुरू हो रहे तीसरे टेस्ट मैच में अक्षर पटेल को प्लेइंग इलेवन में मौका मिलेगा, क्योंकि उन्होंने डेब्यू मैच में खुद को साबित कर दिया है कि वे अच्छी गेंदबाजी के साथ-साथ बल्लेबाजी भी कर सकते हैं।

बात करते हैं कि आखिरकार चेन्नई में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में अक्षर पटेल को विकेटकीपर रिषभ पंत ने जयसूर्या क्यों कहा था। हर कोई इस बात से हैरान था कि पंत श्रीलंकाई टीम के महान क्रिकेटर सनत जयसूर्या का नाम क्यों ले रहे हैं? उस समय बहुत कम लोगों का ध्यान रिषभ पंत की इस बात पर गया, क्योंकि पंत अक्सर कुछ न कुछ बोलते रहते हैं, लेकिन सच्चाई कुछ है। अक्षर पटेल को जयसूर्या ही नाम निकनेक के तौर पर बचपन से मिला है।

स्कूल के प्रिंसिपल ने पहले तो अक्षर पटेल की नाम की अंग्रेजी स्पेलिंग को Akshar से Axar कर दिया था और बाद में उनको गली क्रिकेट में नडियाद के जयसूर्या का नाम मिला था। इसी के बाद से उनको जयसूर्या कहा जाता है। इसके पीछे कारण ये है कि उनकी बल्लेबाजी और गेंदबाजी के साथ-साथ फील्डिंग भी उसी तरह की है। हालांकि, अक्षर पटेल मध्यक्रम में बल्लेबाजी करते हैं, जबकि जयसूर्या टॉप ऑर्डर के दमदार बल्लेबाज थे।

अक्षर पटेल के चचेरे भाई ने एक अंग्रेजी अखबार को बताया, “वह बहुत तेज गेंदबाजी करता था। पूरा जयसूर्या की तरह। हर कोई चाहता था कि अक्षर उसकी टीम से खेले, लेकिन बाद वह जिला और फिर गुजरात की एज-ग्रुप टीम का हिस्सा बन गया तो उसने टेनिस बॉल क्रिकेट को छोड़ दिया।” हालांकि, अक्षर पटेल खुद भी गेंदबाजी करना पसंद नहीं करते थे, लेकिन नेशनल क्रिकेट एकेडमी यानी एनसीए में अंडर 19 कैंप के दौरान उनका मूड बदल गया था।

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