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महँगाई की मार से टूट चुके आम आदमी पर और बोझ लादना अन्याय  है।

चौतरफा महँगाई की मार झेल रही जनता के आवागमन पर योगी सरकार 24 प्रतिशत बोझ बढ़ाने जा रही है। सरकारी बसों के किराए में प्रति किलोमीटर प्रति व्यक्ति 25 पैसे की वृद्धि आम जनता के लिए  बहुत ज्यादा है। मौजूदा 1.05 रुपये प्रति किलोमीटर प्रति व्यक्ति से बढ़ाकर 1.30 रुपये प्रति किलोमीटर प्रति व्यक्ति करने का निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण है। 200 किमी की दूरी पर 50 रुपये की वृद्धि आम और गरीब जनता की कमर तोड़ने जैसा निर्णय है।सरकारी बसों का किराया बढ़ते ही निजी बस एवं अन्य संसाधनों का किराया भी बेतहाशा बढ़ जाएगा। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता डॉ उमा शंकर पाण्डेय ने सरकार के इस निर्णय की निंदा करते हुए कहा की महंगाई और बेरोजगारी के इस दौर में योगी सरकार का यह निर्णय जनविरोधी है,अच्छे दिनों का वादा करके सत्ता में आयी भाजपा सरकार के द्वारा जनता पर लगातार अन्याय जारी है। यह सरकार संवेदनहीन हो गई है जिसे गरीबों की जरा भी चिंता नहीं है।

     डॉ पाण्डेय ने कहा की सरकारी बसों के किराए में एकतरफा 24 प्रतिशत वृद्धि बहुत ज्यादा है। पहले ही आटा, चावल, दाल, सब्जी, तेल, दवाइयां, बच्चों की फीस, बिजली आदि सभी दैनिक उपभोग की वस्तुएं बेतहाशा महंगाई के चरमोत्कर्ष पर हैं। लोग बेरोजगार हैं, नौकरियां मिल नहीं रही है और जो नौकरी कर रहे हैं वह अपने संस्थानों द्वारा श्रम कानूनों के घनघोर उल्लंघन के शिकार हैं। वेतन श्रम कानूनों के प्रतिकूल हैं। ऐसे में महंगाई की एक और मार उत्तर प्रदेश की जनता के लिए सर्वथा अनुचित है। यह ऐसा दौर है जिसमें सरकार रोजगार के अवसर बढ़ाने का स्वांग कर रही है किंतु रोजगार सृजन धरातल पर दिखाई नही देता है। अरबों रुपए इवेंट मैनेजमेंट में खर्च हो रहे हैं लेकिन इंडस्ट्रीज दिखाई नही दे रही हैं। कमियों को छिपाने के लिए प्रचार माध्यमों पर अंधाधुंध खर्च किया जा रहा है। बड़े-बड़े दावे करके सरकार जनता को गुमराह करने का प्रयास करती रहती है।सरकार का एकमात्र लक्ष्य है येन केन प्रकारेण जनता की जेब से पैसे निकालना।

      प्रवक्ता ने कहा कि सरकार का यह कहना कि रोडवेज 210 करोड़ रुपए के घाटे में चल रही है हास्यास्पद है।जब जनता नकद किराया देकर बसों में यात्रा करती है फिर घाटा कैसे हो सकता है? घाटे का एकमात्र कारण है। परिवहन विभाग का भ्रष्ट तंत्र और व्याप्त भ्रष्टाचार, यह घाटा सरकार के भ्रष्टाचार की ही पोल खोलता है।

      डॉ पाण्डेय ने योगी सरकार से माँग की है कि सरकार जनता पर भार लादने के बजाय घाटे को रोकने के लिए परिवहन विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाए।

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