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स्वतंत्रता सेनानी चौ. रणबीर सिंह की पुण्यतिथि पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दी श्रद्धांजलि

• चौ. रणबीर सिंह ने पहले आजादी की लड़ाई में फिर किसानों, आम लोगों के अधिकारों के लिये आजीवन संघर्ष किया –हुड्डा

रोहतक: पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने महान स्वतंत्रता सेनानी और संविधान निर्मात्री सभा के सदस्य रहे चौ. रणबीर सिंह की पुण्यतिथि के मौके पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। हुड्डा ने उनके जीवनकाल को याद करते हुए कहा कि पिता जी का सारा जीवन देश व समाज की सेवा में गुजरा। उन्होंने हर मंच से आम गरीब, किसान, मजदूर की आवाज उठाई। चौ. रणबीर सिंह ने पहले आजादी की लड़ाई में फिर किसानों, आम लोगों के अधिकारों के लिये आजीवन संघर्ष किया। इस अवसर पर सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने उनकी समाधि पर श्रद्धासुमन अर्पित किये। इस दौरान आयोजित प्रार्थना सभा व हवन-पूजन में बड़ी संख्या में स्थानीय गणमान्य लोगों ने उनका स्मरण कर अपनी श्रद्धांजलि दी। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि गांधीवादी विचारक मेरे दादाजी ने हमें सच्चाई के रास्ते पर अडिग रहने और किसी भी ज़ुल्म के आगे न झुकने की सीख दी। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि जिन आदर्शों और मूल्यों के लिये हमारे पूर्वजों ने देश की आजादी की लड़ाई लड़ी, त्याग और बलिदान दिया। उन आदर्शों व मूल्यों पर ही देश के संविधान का निर्माण हुआ और हम हर हाल में उसकी रक्षा करेंगे।

इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा करौर गाँव में आयोजित स्वैच्छिक रक्तदान शिविर में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए और रक्तदान करने वालों की हौसलाअफजाई की और कहा कि रक्त की हर एक बूंद इंसान का जीवन बचाने में महत्वपूर्ण योगदान देती है। इसलिये रक्त दान महान दान की श्रेणी में आता है और जाति, धर्म के भेदभाव से ऊपर है।

दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि संविधान सभा में चौ. रणबीर सिंह जी ने 23 नवंबर, 1948 को सबसे पहले MSP का प्रस्ताव रखा था, जिसके बाद धीरे-धीरे MSP प्रणाली लागू हुई और उसमें कई फसलें जोड़ी गयी। देश के किसान जिस MSP की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं उस MSP की सबसे पहले वकालत संविधान सभा में चौ. रणबीर सिंह जी ने की। इसके अलावा, उन्होंने संविधान सभा में हिन्दी को राष्ट्रभाषा का दर्जा, गौरक्षा, पिछड़े वर्ग को आरक्षण जैसे महत्त्वपूर्ण प्रस्ताव रखे। चौ. रणबीर सिंह हुड्डा भारतीय कृषक समाज के संस्थापक महामंत्री भी थे। उन्होंने कहा था कि एक दिन किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य देना ही पड़ेगा।

उन्होंने बताया कि अंग्रेज हुकूमत के अत्याचारों के आगे न झुकने वाले चौ. रणबीर सिंह ने 8 विभिन्न जेलों में अपनी उम्र के महत्त्वपूर्ण वर्ष कैद में काटे। जिसमें से 4 आज भारत में और 4 पाकिस्तान में हैं। चौ. रणबीर सिंह दुनिया के अकेले व्यक्ति हैं जो 7 भिन्न-भिन्न सदनों के सदस्य रहे। वे कांस्टिट्यूएंट असेम्बली, कांस्टिट्यूएंट लेजिसलेटिव असेम्बली, प्रोविजनल पार्लियामेंट, लोकसभा, राज्यसभा, पंजाब विधानसभा तथा हरियाणा विधानसभा के सदस्य रहे। उनका यह अद्भुत रिकार्ड लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में सम्मान के साथ दर्ज है।

उन्होंने कहा कि चौ. रणबीर सिंह जी ने आजीवन केवल संघर्ष ही नहीं किया, बल्कि भारत के निर्माण में अपना हाथ भी बंटाया। हरियाणा और पंजाब की सरकारों में मंत्री पद पर रहते हुए देश के विकास में अपना अमूल्य योगदान दिया। भाखड़ा नांगल बांध परियोजना के रूप में चौ. रणबीर सिंह ने भारत के पहले विस्मयकारी बांध के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी, ताकि हमारे किसानों को बारहमासी जल की सप्‍लाई उपलब्‍ध हो सके। चौ. रणबीर सिंह जी का मानना था कि देश और देश का संविधान बिना गांव, गरीब और किसान के अधूरा है। यही कारण है कि इस बड़ी परियोजना के तत्‍काल अनुमोदन एवं त्‍वरित क्रियान्‍वयन के परिणामस्‍वरूप भाखड़ा नहर प्रणाली का कार्य शीघ्र पूरा हुआ और इसका उद्घाटन 7 जुलाई, 1954 को देश के प्रथम प्रधानमंत्री पण्डित जवाहर लाल नेहरू द्वारा किया गया। इस बाँध के बनने से विभिन्न राज्यों को मुख्य रूप से सिंचाई, विद्युत उत्पादन और बाढ नियंत्रण की सुविधांए प्राप्त हुई।

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