Uttar Pradesh

CBI ने विकास भवन स्थित PNB शाखा में करोड़ों रुपये के घोटाले के मामलें में की छापेमारी

सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच लखनऊ की टीम ने विकास भवन स्थित पंजाब नेशनल बैंक शाखा में विभिन्न सरकारी योजनाओं के करोड़ों रुपये के घोटाले के सिलसिले में गुरुवार को छापेमारी की। दो सदस्यीय टीम ने बैंक के साथ ही समाज कल्याण समेत कुछ अन्य विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों से पूछताछ की। कुछ जरूरी दस्तावेज भी लिए। टीम अभी गोरखपुर में ही रुकी है और शुक्रवार को भी जांच कर सकती है।

फर्जी खाते खोलकर सरकारी धन के गबन के मामले की जांच के लिए लखनऊ से आई टीम के अधिकारियों ने मंगलवार को भी गोरखपुर के कुछ अधिकारियों एवं कर्मचारियों से भी सम्पर्क किया था। लेकिन गुरुवार को टीम विकास भवन पहुंची। बैंक के अलावा टीम ने समाज कल्याण विभाग, डीपीआरओ कार्यालय समेत कुछ अन्य विभागों में भी पूछताछ की और दस्तावेज एकत्र किए। समाज कल्याण विभाग से 2012 से 2015 के बीच छात्रवृत्ति पाने वाले लाभार्थियों की सूची की मांग की गई लेकिन विभागीय अधिकारियों ने लखनऊ से उपलब्ध होने की बात कहीं।

फिलहाल टीम अभी गोरखपुर में डेरा डाले हुए है। शुक्रवार को लखनऊ प्रस्थान करेंगे। घोटाले की रकम पांच करोड़ होने का आंकलन किया जा रहा लेकिन बताया जा रहा है कि यह रकम और बढ़ सकती है। सीबीआई ने इस मामले में अप्रैल 2017 में पूर्व ब्रांच मैनेजर एसएन चौबे समेत बैंक के 5 अधिकारियों -कर्मचारियों के साथ अज्ञात पर एफआईआर दर्ज किया है।

पहले भी हो चुकी है अधिकारियों कर्मचारियों से पूछताछ
सीबीआई कई बार बैंक समेत विभिन्न विभागों के अधिकारियों, कर्मचारियों को लखनऊ में बुला कर घंटों पूछताछ कर चुकी है। 2019 में 23 और 24 सितंबर को भी समाज कल्याण विभाग के दो कर्मचारियों से पूछताछ की थी। घोटाले में बैंक अधिकारियों, कर्मचारियों के साथ ही जिले के कुछ अन्य विभागों के भी पूर्व व वर्तमान अधिकारी-कर्मचारी रडार पर हैं।

15 डमी अकाउंट खोल किया गबन
पूर्व प्रबंधक एसएन चौबे ने बैंक के अपने अधिकारियों-कर्मचारियों के सहयोग से वर्ष 2012 से 2015 के बीच विभिन्न सरकारी योजनाओं के 15 डमी अकाउंट खोलकर करीब 5 करोड़ रुपये निकाल लिए। इन योजनाओं में महामाया आर्थिक मदद, रानी लक्ष्मी बाई योजना, विकलांग पेंशन, छात्रवृत्ति, वृद्धा-विधवा पेंशन सरीखी योजनाएं शामिल थीं।

इन पर दर्ज है एफआईआर

ब्रांच मैनेजर श्यामा नंद चौबे, लोन इंचार्ज प्रदीप कुमार जायसवाल, लोन इंचार्ज ओम प्रकाश मल्ल, हेड कैशियर राजेंद्र कुमार, चपरासी अरविंद कुमार समेत कई अन्य अज्ञात।

इन खातों से हुए गबन का खेल
तत्काल खाता नंबर 0183010100015950- छात्रवृत्ति खाता

तत्काल खाता नंबर 4755002100000050- छात्रवृत्ति (सामान्य)
तत्काल खाता नंबर 4755005500000041- छात्रवृत्ति (पिछड़ा वर्ग)

तत्काल खाता नंबर 4755005500001197- संग्रह खाता छात्रवृत्ति
तत्काल खाता नंबर 4755002100000082- संग्रह खाता

बचत खाता नंबर 4755000100025276- संग्रह खाता
बचत खाता नंबर 4755000100029591- संग्रह खाता (टू)

बचत खाता नंबर 4755000100029856- संग्रह खाता- लोहिया योजना
तत्काल खाता नंबर 4755005500000014- वृद्धा पेंशन योजना

तत्काल खाता नंबर 4755005500000023- विधवा पेंशन योजना
तत्काल खाता नंबर 4755005500000032- विकलांग पेंशन योजना

तत्काल खाता नंबर 4755005500000117- महामाया आर्थिक मदद योजना
बचत खाता नंबर 4755000100027937- रानी लक्ष्मी बाई योजना

बचत खाता नंबर 4755000100027955- विधवा पेंशन योजना
बचत खाता नंबर 4755000100027946- वृद्धा पेंशन योजना

सीबीआई की टीम जांच के संदर्भ में आई थी। कुछ मामलों में पूछताछ की। जो भी जानकारी मांगी जा रही है, उन्हें दे रहे हैं। हम पूछताछ में पूरा सहयोग कर रहे हैं।
मैनेजर सिंह, प्रबंधक, पीएनबी, विकास भवन शाखा

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