Uttarakhand

लव मैरिज का ताना दे रहे थे लोगों से तंग आकर, बेटी को दिया जहर और फिर खुद गटक लिया

मुझे किसी ने ताना मारा तो मैं आवेश में आ गई और आत्महत्या की ठान ली। फिर सोचा कि पति दिल्ली में है तो मेरी मौत के बाद मेरी बच्ची को कौन संभालेगा। यही सोचकर मैंने पहले बच्ची को जहर देकर हत्या की और फिर खुद गटक लिया। मुझे नहीं पता था कि मुझे बचा लिया जाएगा। किसी तरह से मेरी प्राची को बचा लो। उसे अब तक नहीं बताया गया है कि उसकी बेटी की मौत हो चुकी है।

अपनी 11 माह की बच्ची को मौत की घाट उतारने वाली महिला उपचार के बाद जब होश में आई तो उसने अपनी बच्ची का ही हाल चाल जाना। चिकित्सकों ने बच्ची को अलग कमरे में इलाज करने की बात कही, लेकिन महिला को चिकित्सकों की बात पर यकीन नहीं हुआ। जब उसे ढांढस दिया गया कि बच्ची का अलग कमरे में उपचार चल रहा है तो वह कुछ बयान देने को तैयार हुई।

उसने बताया कि उसका विवाह डेढ़ साल पहले कोठू रामपुर निवासी सूरज के साथ हुआ। शादी के कुछ माह बाद ही उसकी पुत्री हुई। बताया कि उनका प्रेम विवाह था। कभी कभार गांव के कुछ लोग उनके प्रेम विवाह पर चर्चा करते थे। प्रेम विवाह को गलत बताते थे। कई बार उसने इस तरह की बातें सुनी तो उसे आत्मग्लानि हुई और रविवार की सुबह वह इतने आवेश में आई कि उसने अपनी जीवन लीला ही समाप्त करने की ठान ली।

खुदकुशी के दौरान उसके दिमाग में आया कि उसका पति सूरज तो दिल्ली में निजी कंपनी में नौकरी करके परिवार का पेट पालता है। यदि उसकी बच्ची रही तो उसको कौन देखेगा। जिस पर उसने योजना बनाई कि बच्ची को भी अपने साथ ही इस दुनिया से विदा करेगी। यह सोच उसने देकर बच्ची की हत्या की और खुद भी जहर गटक लिया। यह कहते हुए वह फिर से फफक-फफक कर रोने लगी और अपनी बेटी प्राची को अपने साथ भेजने की बात कहने लगी।

चिकित्सा स्टाफ और वहां मौजूद पुलिस अधिकारी उसे ढांढस बंधाने लगे। लेकिन रमा की सिसकियां रोकने में हर कोई नाकाम रहा। बच्ची की हत्या के बाद अब कानून अपना काम करेगा। एक महिला के आवेश में आने के बाद एक परिवार बिखर गया है। इधर थानाध्यक्ष केएस बिष्ट ने कहा कि मामले की तह तक जांच की जा रही है। महिला के बयान लिए गए हैं। उसी आधार पर जांच की जाएगी।

मुझे किसी ने ताना मारा तो मैं आवेश में आ गई और आत्महत्या की ठान ली। फिर सोचा कि पति दिल्ली में है तो मेरी मौत के बाद मेरी बच्ची को कौन संभालेगा। यही सोचकर मैंने पहले बच्ची को जहर देकर हत्या की और फिर खुद गटक लिया। मुझे नहीं पता था कि मुझे बचा लिया जाएगा। किसी तरह से मेरी प्राची को बचा लो। उसे अब तक नहीं बताया गया है कि उसकी बेटी की मौत हो चुकी है।

अपनी 11 माह की बच्ची को मौत की घाट उतारने वाली महिला उपचार के बाद जब होश में आई तो उसने अपनी बच्ची का ही हाल चाल जाना। चिकित्सकों ने बच्ची को अलग कमरे में इलाज करने की बात कही, लेकिन महिला को चिकित्सकों की बात पर यकीन नहीं हुआ। जब उसे ढांढस दिया गया कि बच्ची का अलग कमरे में उपचार चल रहा है तो वह कुछ बयान देने को तैयार हुई।

उसने बताया कि उसका विवाह डेढ़ साल पहले कोठू रामपुर निवासी सूरज के साथ हुआ। शादी के कुछ माह बाद ही उसकी पुत्री हुई। बताया कि उनका प्रेम विवाह था। कभी कभार गांव के कुछ लोग उनके प्रेम विवाह पर चर्चा करते थे। प्रेम विवाह को गलत बताते थे। कई बार उसने इस तरह की बातें सुनी तो उसे आत्मग्लानि हुई और रविवार की सुबह वह इतने आवेश में आई कि उसने अपनी जीवन लीला ही समाप्त करने की ठान ली।

खुदकुशी के दौरान उसके दिमाग में आया कि उसका पति सूरज तो दिल्ली में निजी कंपनी में नौकरी करके परिवार का पेट पालता है। यदि उसकी बच्ची रही तो उसको कौन देखेगा। जिस पर उसने योजना बनाई कि बच्ची को भी अपने साथ ही इस दुनिया से विदा करेगी। यह सोच उसने देकर बच्ची की हत्या की और खुद भी जहर गटक लिया। यह कहते हुए वह फिर से फफक-फफक कर रोने लगी और अपनी बेटी प्राची को अपने साथ भेजने की बात कहने लगी।

चिकित्सा स्टाफ और वहां मौजूद पुलिस अधिकारी उसे ढांढस बंधाने लगे। लेकिन रमा की सिसकियां रोकने में हर कोई नाकाम रहा। बच्ची की हत्या के बाद अब कानून अपना काम करेगा। एक महिला के आवेश में आने के बाद एक परिवार बिखर गया है। इधर थानाध्यक्ष केएस बिष्ट ने कहा कि मामले की तह तक जांच की जा रही है। महिला के बयान लिए गए हैं। उसी आधार पर जांच की जाएगी।

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