Uttar Pradesh

योगी के शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी के अलावा एक और वीआइपी होगा शामिल,जाने कौन है वो शख्स 

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत पाने के बाद लगातार दूसरी बार सत्ता में आने वाली भारतीय जनता पार्टी 25 मार्च को लखनऊ में होने वाले शपथ ग्रहण समारोह को बेहद यादगार बनाने में जुटी है। योगी आदित्यनाथ सरकार के इस शपथ ग्रहण समारोह में पीएम नरेन्द्र मोदी तथा अन्य वीआइपी के साथ ही भगवा गमछा धारण करने वाला 106 वर्ष का एक शख्स भी सभी का ध्यान अपनी ओर जरूर आकृष्ट करेगा।

भारतीय जनता पार्टी के सबसे वृद्घ तथा वरिष्ठ कार्यकर्ता नारायण उर्फ भुलई भाई को भी शपथ ग्रहण में शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजा गया है। करीब 70 वर्ष से भारतीय जनता पार्टी से जुड़े नारायण उर्फ भुलई भाई 1974 में नौरंगिया (कुशीनगर के खड्डा) से जनसंघ के विधायक चुने गए थे। भुलई भाई भाजपा के सबसे वरिष्ठ कार्यकर्ता हैं। वह 70 वर्ष से पार्टी के साथ जुड़े हुए हैं। स्वर्गीय श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के साथ काम करने वाले भुलई भाई जनसंघ के दिनों से राजनीति में हैं।

एमए तक की शिक्षा प्राप्त करने वाले भुलई भाई राज्य सरकार की सेवा में शिक्षा अधिकारी के रूप में कार्यरत थे। इसके बाद पंडित दीन दयाल उपाध्याय तथा श्यामा प्रसाद मुखर्जी के विचारों से प्रभावित होकर 1950 से उनके साथ चल पड़े और जनसंघ में शामिल हो गए। उत्तर प्रदेश में प्रचंड जीत के साथ सत्ता में वापसी के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाजपा के सबसे वरिष्ठ कार्यकर्ता भुलई भाई के नाम से लोकप्रिय 106 वर्षीय नारायण से फोन पर बात की और हालचाल जाना। फोन काल के दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री को जीत की बधाई दी और कहा कि वह तो उनको नरेन्द्र मोदी के बाद देश का प्रधानमंत्री बनते देखना चाहते हैं।

नारायण उर्फ भुलई भाई 1950 में विजयादशमी के दिन जनसंघ में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने श्यामा प्रसाद मुखर्जी और दीनदयाल उपाध्याय जैसे कद्दावर नेताओं के साथ भी काम किया। भुलई भाई 1974 में देवरिया के नौरंगिया (वर्तमान में कुशीनगर के खड्डा) से विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक बने थे। जब भारतीय जनसंघ की स्थापना हुई थी, तब वह एमए कर रहे थे। इसके बाद बाद में वह शिक्षा अधिकारी बन गए। पंडित दीन दयाल उपाध्याय के विचारों से प्रभावित होकर उन्होंने राजनीति में कदम रखा। वर्ष 1974 में भुलई भाई ने अपनी नौकरी छोड़ दी और राजनीति में कदम रखकर देश और समाज के लिए कुछ करने की ठानी। इसी वर्ष यानी 1974 में भारतीय जनसंघ ने उन्हें नौरंगिया विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया, जिसमें उन्होंने जीत हासिल की। 1977 में वह दूसरी बार विधायक चुने गए। भारतीय जनता पार्टी की स्थापना के बाद भुलई भाई इसके कार्यकर्ता बन गए। भुलाई भाई की पहचान उनका भगवा गमछा है।

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