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महिलाओं को भूल कर भी नहीं करना चाहिए इन बीमारियों को नज़रअंदाज़,जानें एक्सपर्ट्स की राय

महिलाओं को अपने खुद के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्हें खुद की नियमित जांच करवानी चाहिए। उन्हें अपने मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए और जब नई स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं सामने आएं, तो डॉक्टर से सलाह मशविरा करना चाहिए। अगर महिलाओं को ज़रा भी समस्या या असमानता लगती है, तो उनके लिए डॉक्टर से कंसल्टेशन करना बहुत ज़रूरी हो जाता है। जब कोई स्वास्थ्य समस्या उभरती हैं, तो बेहतर होता है कि उसके गंभीर या बढ़ने से पहले ही इलाज शुरू हो जाए। महिलाओं और उनकी सेहत से जुड़ी समस्याओं के बारे में मेडिकल एक्सपर्ट्स की क्या राय है।

नॉएडा इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज के डीन और जनरल सर्जरी के प्रोफ़ेसर डॉ. आशुतोष निरंजन ने महिलाओं से जुड़ी कुछ स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में बताया:

-सांस की तकलीफ एक ऐसी समस्या है जिसे अक्सर नज़रअंदाज कर दिया जाता है। लेकिन जब भी आपको यह समस्या हो तो फौरन डॉक्टर को दिखाना सही है, खासकर अगर इसके साथ रुक-रुक कर थकान भी होती है, तो सावधान होने में भी भलाई है।

-साथ ही महिलाएं सिर दर्द और चक्कर आने को भी नज़रअंदाज़ कर देती हैं, लेकिन कभी-कभी यह स्ट्रोक का संकेत भी हो सकता है। दिल की बीमारी और स्ट्रोक दोनों के इलाज के लिए समय पर कार्रवाई बहुत ज़रूरी है।

-कोलोन कैंसर इस वक्त महिलाओं के लिए कैंसर से संबंधित मौत का तीसरा प्रमुख कारण बना हुआ है, और दुर्भाग्य से यह एक ऐसी बीमारी है जिसका अक्सर शुरुआती स्टेज में पता नहीं चलता। आंत्र परिवर्तन हमेशा कोलोन कैंसर जैसी गंभीर बात का संकेत नहीं होता हैं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इन परिवर्तनों के प्रति सचेत रहना चाहिए और ज़रूरत पड़ने पर अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए।

-महिलाओं को अक्सर अच्छी नींद नहीं आती और इससे उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ता है। खराब नींद से प्रजनन क्षमता और गर्भावस्था की समस्याएं, डायबिटीज, हृदय की बीमारी, हाई ब्लड प्रेशर, मूड डिसऑर्डर और खराब याददाश्त और एकाग्रता में कमी जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। अगर आप इन समस्याओं से पार नहीं पा सकते हैं, तो अपने डॉक्टर या नींद विशेषज्ञ से बात करके देखें। वे आपकी इसमें मदद कर सकते हैं।

-महिलाओं को खुद को एचपीवी की वैक्सीन लगवानी चाहिए। यह वैक्सीन न केवल सर्वाइकल कैंसर बल्कि कई यौन से फैलने वाली बीमारियों को रोकती है। समय-समय पर ब्रेस्ट कैंसर की जांच करवाना भी ज़रूरी है।

महिलाओं में बढ़ रही हैं मानसिक बीमारियां

जिंदल नेचरक्योर इंस्टीटयूट के डेप्युटी चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ. जी प्रकाश ने बताया, “भारतीय महिलाओं में मानसिक रूप से परेशान होने का कारण आमतौर पर लैंगिग असमानता, अकेलापन, गरीबी, घरेलू हिंसा, यौन शोषण, और बहुत ज़्यादा काम करना है। असमान आर्थिक और सामाजिक परिस्थितियों के कारण भी महिलाओं में डिप्रेशन होने का ख़तरा ज़्यादा होता है। इस वजह से ख़राब मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य और स्पष्ट सोचने की उनकी क्षमता बाधित होती है और क्रोनिक बीमारियों से लड़ने के लिए उनकी इम्युनिटी कम हो जाती है। समय के साथ मानसिक स्वास्थ्य में लापरवाही बरतने से महिलाएं हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा और हृदय संबंधी बीमारियों सहित अन्य गंभीर स्वास्थ्य बीमारियों से ग्रसित होने के प्रति संवेदनशील हो जाती है।”

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