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भारतीय नौसेना ने हासिल की बड़ी कामयाबी,सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली का का सफलतापूर्वक परीक्षण किया 

भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने गुरुवार को कम उड़ान लक्ष्य को मारकर अपनी जहाज आधारित सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। परीक्षण का वीडियो भारतीय नौसेना ने अरपने ट्विटर पर साझा किया है।

भारतीय नौसेना ने ट्वीट किया, सभी एक दिन में काम करते हैं! अपनी नौसेना की निर्देशित-मिसाइल एंटी-सबमरीन स्टील्थ फ्रिगेट को देखें। उसने वह किया, जो वह सबसे अच्छा करता है। उसने अपने एसएएम सिस्टम के साथ एक कम उड़ान लक्ष्य को सफलतापूर्वक प्राप्त किया है। उसने अपने चालक दल के ‘फर्स्ट हिट, फर्स्ट हार्ड’ मंत्र की पुष्टि की है। बता दें कि यह परीक्षण बल द्वारा पश्चिमी समुद्र तट पर तैनात एक स्टील्थ फ्रिगेट से किया गया था।

18 मई को हेलीकाप्टर से एंटी शिप मिसाइल की पहली फायरिंग

भारतीय नौसेना को 18 मई यानी बुधवार को बड़ी कामयाबी मिली थी। उस दिन नौसेना ने डीआरडीओ के सहयोग से आईटीआर बालासोर, ओडिशा में सीकिंग 42 बी हेलीकाप्टर से पहली स्वदेशी रूप से विकसित नौसेना एंटी-शिप मिसाइल की पहली फायरिंग सफलतापूर्वक की थी।

भारतीय नौसेना आत्मनिर्भर बनने की ओर तेजी से अग्रसर

बता दें, भारतीय नौसेना आत्मनिर्भर बनने की ओर तेजी से अग्रसर है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 17 मई को स्वदेश निर्मित दो युद्धपोतों ‘सूरत’ और ‘उदयगिरी’ को मुंबई के मझगांव डाक्स में लान्च किया था। इस कार्यक्रम के शुभारंभ में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि कोविड और यूक्रेन में चल रहे उथल पुथल के बीच इन विध्वंसकों का निर्माण व शुभारंभ हमारी समुद्री क्षमता और आत्मनिर्भरता की एक मिसाल है।

पहली बार एक साथ लान्च किए गए दो युद्धपोत

मझगांव डाक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) के मुताबिक, ऐसा पहली बार हुआ है कि देश में ही बने दो युद्धपोतों को एक साथ लान्च किया गया है। एमडीएल एक प्रमुख जहाज और पनडुब्बी निर्माण रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है।

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