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बिहार सरकार ने CBSE की 12वीं की बोर्ड परीक्षा में परीक्षार्थियों को प्रश्नों के ज्यादा विकल्प देने का दिया सुझाव

बिहार सरकार (Bihar Government) ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की 12वीं की बोर्ड परीक्षा में परीक्षार्थियों को प्रश्नों के ज्यादा विकल्प (options) देने का सुझाव दिया है। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी (Bihar Education Minister) ने अपर मुख्य सचिव संजय कुमार (Additional Chief Secretary Sanjay Kumar) समेत अन्य सीनियर अफसरों के साथ महत्वपूर्ण बैठक के बाद केंद्र सरकार (Central Government) को भेजे सुझाव में कहा है कि इस बार बिहार बोर्ड (Bihar Board) ने परीक्षार्थियों के हित में प्रश्नों के ज्यादा विकल्प देने का माॅडल अपनाया। यहां तक कि वस्तुनिष्ठ प्रश्नों (Objective questions) की संख्या भी ज्यादा कर दिया था। इससे कोरोना महामारी (Covid Pandemic) के बीच परीक्षार्थियों (examinees) पर मानसिक दवाब (mental pressure) कम पड़ा और उनका परिणाम (result) भी बेहतर आया। 

ऑनलाइन परीक्षा हो तो ज्यादा बेहतर :

शिक्षा मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने केंद्र को भेजे सुझाव में यह भी कहा है कि विद्यार्थियों की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए यदि आनलाइन परीक्षा संचालित (conduct online examination) हो तो ज्यादा बेहतर होगा। कोरोना महामारी की दूसरी लहर (second wave of Covid) बेहद कम हो तभी सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा (CBSE 12th Board Exam 2021) ली जाए। परीक्षार्थियों को परीक्षा का शिड्यूल एक माह पहले मुहैया कराई जाए, ताकि हर परीक्षार्थी परीक्षा के दबाव से उबरा रहे। अभी एक-डेढ़ माह तक परीक्षा लेना मुनासिब नहीं होगा। सभी विद्यार्थियों की सुरक्षा प्राथमिकता में होनी चाहिए।

कोर्ट से आदेश मिलते ही सवा लाख शिक्षकों की नियुक्ति

  शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) का नाम लिए बगैर कहा कि राज्य सरकार करीब सवा लाख प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षकों की नियुक्तियों (appointment of teachers in Bihar) के प्रति बेहद गंभीर है। जिन्हें भी इस विषय से थोड़ा भी सरोकार है, उन्हें पता है कि ये नियुक्तियां न्यायिक हस्तक्षेप के कारण रुकी हुई हैं। राज्य सरकार न्यायालय की अनुमति मिलते ही तत्काल शिक्षकों की नियुक्ति करेगी। इसकी सारी तैयारी हो चुकी है।

उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग की ओर से पटना उच्च न्यायालय (Patna High Court) में मेंशनिंग की गई थी। तिथि भी निर्धारित हुई, लेकिन दुर्भाग्य से न्यायाधीशों के कोरोना संक्रमित होने और लाॅकडाउन (Lockdown) की स्थिति के कारण सुनवाई नहीं हो सकी। पिछले सप्ताह भी सरकार द्वारा ग्रीष्मावकाश (Summer vaccation) से पहले सुनवाई का अनुरोध न्यायालय से किया गया। यह सब जिन्हें नहीं मालूम, उन्हें शिक्षकों से कोई मतलब हो ही नहीं सकता।

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