Uttar Pradesh

देश को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्ति के लिए जिले में आजादी की अलख जगाने गोंडा आए थे महात्‍मा गांधी, पढ़े पूरी खबर

देश को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्ति के लिए जिले में आजादी की अलख जगाने महात्मा गांधी गोंडा भी एक बार आए थे। उनकी यादें जिले से जुड़ी हुई हैं। वर्ष 1929 में गोंडा में बड़ी-बड़ी सभाएं कर उन्होंने यहां के लोगों में आजादी के प्रति जोश भरा। मनकापुर का राज भवन, सरयू प्रसाद कन्या पाठशाला, दुखहरन नाथ मंदिर महात्मा गांधी के पदचिन्हों का साक्षी है।

वर्ष 1929 में पूर्वी जिलों का दौरा निपटाने के बाद महात्मा गांधी 1929 में महात्मा गांधी ट्रेन से गोंडा आए। मनकापुर आगमन पर राज सदन के भीतर आयोजित विशाल सभा में महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े क्रान्तिकारियों और युवाओं में जोश भरा। इसके बाद महात्मा गांधी राजा रघुराज सिंह के साथ गोंडा मुख्यालय आए। यहां उन्हें सरजू प्रसाद कन्या पाठशाला में ठहराया गया था।

दुखहरन नाथ मंदिर के पास उन्होंने एक बड़ी सभा की थी। यहां पर देश भक्त जनता द्वारा उन्हें पांच सौ रुपये की थैली भेंट की गई। सरजू प्रसाद कन्या पाठशाला में भी रात में प्रार्थना सभा की गई। 1929 में ही पूर्ण स्वराज्य का लक्ष्य घोषित होने पर इसके लिए 26 जनवरी को सभी स्थानों पर प्रतिज्ञा करने की योजना बनाई गई। जिस पर प्रेम पकड़िया नामक स्थान पर सुदामा चरित पर प्रवचन हुआ।

प्रेम पकड़िया में चला नमक आन्दोलन : नगर के मध्य गोलागंज मुहल्ले में प्रेम पकड़िया के ऐतिहासिक मैदान में भी वह गये थे। यहां भी उन्होंने स्वतंत्रता प्रेमियों को आन्दोलन में कूदने का आवाहन किया था। बाद में गांधी जी आवाहन पर 11 अप्रैल 1930 को इस मैदान में नमक आन्दोलन शुरु हुआ और आजादी के दीवानों ने नमक बनाने का प्रदर्शन किया था।

नगर के बीचो बीच मालवीय नगर मुहल्ले में आठ एकड़ में जिस पार्क की स्थापना वर्ष 1902 में हुई थी, पहले इसे एडवर्ड पार्क के नाम से जाना जाता था। वर्ष 1947 में देश की आजादी के बाद जिले में गांधी जी की समृति को संजोए रखने के लिए राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि स्वरूप एडवर्ड पार्क को गांधी पार्क का नाम देकर उनकी इटैलियन संगमरमर से बनी प्रतिमा 1950 में स्थापित की गई और पार्क को पर्यटन स्थल के रुप में करने का निर्णय लिया गया।

संस्थान के तत्कालीन अध्यक्ष लाल बिहारी टंडन ने लखनऊ के गवर्नमेंट आटर्स एंड क्राफ्टस कालेज लखनऊ के प्रिंसिपल राय चौधरी से मिलकर माडल तैयार कराया। इटली के शिल्पकार एंटोनियो मारजोलो के देखरेख में प्रतिमा व उसका आधार स्तंभ तैयार किया गया। इटैलियन संगमरमर की यह प्रतिमा इटली में तैयार हुई थी, जिसे हवाई जहाज से लाया गया था।

प्रतिमा के निर्माण पर 50, आधार निर्माण पर 20 और वायुयान से प्रतिमा लाने पर पांच हजार रुपये खर्च किए गए थे। साढ़े नौ फीट ऊंची इस प्रतिमा का अनावरण वर्ष 1951 में उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री पंडित गोविंद वल्लभ पंत ने किया था। पार्क में दक्षिण ओर डा. सम्पूर्णानंद प्रेक्षागृह का निर्माण कराया गया। जिसका शिलान्यास 15 सितम्बर 1956 को तत्कालीन मुख्यमंत्री डा. सम्पूर्णानंद ने किया था।

किसी भी प्रकार के कवरेज के लिए संपर्क AdeventMedia: 9336666601

अन्य खबरों के लिए हमसे फेसबुक पर जुड़ें।

आप हमें ट्विटर पर फ़ॉलो कर सकते हैं.

हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब कर सकते हैं।

Related Articles

Back to top button
Event Services