Uttar Pradesh

जाने कैसे बच्चों के लिए धोखा साबित हो रहे सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूल,अभिभावक हिंदी मीडियम में बच्चों को पढ़ाने को मजबूर

जिम्मेदारों की लापरवाही में बेसिक शिक्षा की शैक्षिक गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। सर्वाधिक स्थित बदतर हो गई इंग्लिश मीडियम व माडल स्कूल के बच्चों की। कान्वेंट की तर्ज पर विकसित 256 स्कूलों के बच्चों को कक्षा पांच के बाद इंग्लिश मीडियम से पढ़ाई की सुविधा नहीं मिल रही है। अभिभावक हिंदी मीडियम व निजी विद्यालय में बच्चों को पढ़ाने को मजबूर है।

बेसिक स्कूलों में कान्वेंट की तर्ज पर अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा की वर्ष 2015 में शुरुआत हुई। जनपद के हथौड़ा व चिनौर गांव स्थित प्राथमिक विद्यालयों को इंग्लिश मीडियम में उच्चीकृत कर माडल स्कूल बना गया। बेहतर परिणाम देख शासन प्रत्येक विकास खंड में दस- दस प्राथमिक विद्यालय इंग्लिश मीडियम में परिवर्तित कर दिए गए। 2020 तक इंग्लिश मीडियम स्कूलों की संख्या 256 हो गई। लेकिन इन विद्यालयों से पास आउट बच्चों के लिए उच्च प्राथमिक विद्यालयों को इंग्लिश मीडियम में उच्चीकृत करने की समुचित व्यवस्था न हुई। वर्तमान में 2720 बेसिक स्कूलों में मात्र 19 उच्च प्राथमिक विद्यालय ही इंग्लिश मीडियम से संचालित है। नतीजतन इंग्लिश मीडियम से कक्षा पांच पास आउट बच्चों को या तो हिंदी मीडियम में पढ़ता पड़ता है। अन्यथा निजी विद्यालयों को सहारा लेना पड़ता।

प्रत्येक न्याय पंचायत के लिए इंग्लिश मीडियम स्कूल जरूरी: जनपद की 1069 ग्राम पंचायत तथा 122 न्याय पंचायत में 256 प्राथमिक विद्यालय इंग्लिश मीडियम है। कक्षा 6 से 8 तक इंग्लिश मीडियम की पढ़ाई के लिए उच्च प्राथमिक विद्यालय मात्र 19 है। जबकि प्रत्येक न्याय पंचायत स्तर पर इंग्लिश मीडियम स्कूल विकसित किया जा सकता है।

संविलियन विद्यालय भी इंग्लिश मीडियम में उच्चीकृत नहीं: जनपद में सबसे पहले इंग्लिश मीडियम व माडल स्कूल में परिवर्तित हथौड़ा बुजुर्ग तथा चिनौर प्राथमिक विद्यालय अब संविलियन में परिवर्तित हो गए। अर्थात अब इन विद्यालयों में कक्षा एक से आठ तक की शिक्षा दी जा रही है। लेकिन विडंबना यह है कि कक्षा पांच तक इंग्लिश मीडियम से पढ़ने वाले बच्चों को कक्षा 6 में हिंदी मीडियम से बढ़ना पड़ता है। इससे बच्चे व अभिभावक परेशान है।

क्‍या कहते हैं अभिभावक: मैं सिलाई का काम करता हूं। बच्चों ने सूरतपुर प्राथमिक स्कूल से इंग्लिश मीडियम से कक्षा पांच पास किया। कक्षा 6 में प्रवेश के लिए पास में कोई बेसिक विद्यालय नहीं है। मजबूरी में बच्चों का निजी स्कूल में प्रवेश दिलाया। जहां फीस अधिक है। – रमाकांत

प्रत्येक न्याय पंचायत स्तर एक उच्च प्राथमिक विद्यालय इंग्लिश मीडियम होना चाहिए। ताकि कक्षा पांच तक इंग्लिश मीडियम पढ़ाई करने वाले बच्चों को हिंदी मीडियम की दिक्कत न हो। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए। – रामबाबू

क्‍या बोले प्रधानाध्‍यापक: विद्यालय आकर कई अभिभावकों ये प्रश्न करते कि कक्षा पांच के बाद आखिर कहां प्रवेश कराएं। अच्छा होता कि कक्षा पांच पास के बाद उच्च प्राथमिक विद्यालय में इंग्लिश मीडियम से पढ़ाई की व्यवस्था होती। – गायत्री शुक्ला, प्रधानाध्यापक प्राथमिक विद्यालय सूरतपुर

सबसे पहले हमारा विद्यालय माडल क्स्ूल बना। संविलियन के बाद उच्च प्राथमिक कक्षाओं में इंग्लिश मीडियम पढ़ाई की व्यवस्था नही हुई। इससे बच्चे परेशान है। कई अभिभावक बच्चों को निजी स्कूल में प्रवेश को विवश है। – सुखमीत कौर, शिक्षक संविलियन विद्यालय हथौड़ा बुजुर्ग

क्‍या बोले अधिकारी: जनपद में 256 प्राथमिक व 19 उच्च प्राथमिक विद्यालय इंग्लिश मीडियम सें संचालित है। इसी सत्र में उच्च प्राथमिक इंग्लिश मीडियम की संख्याा वृद्धि का प्रस्ताव है। जल्द ही समस्या का समाधान हो जाएगा। – सुनील कुमार सिंह, प्रभारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी।

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