Uttarakhand

उत्‍तराखंड में मौसम की बेरुखी से प्यासी धरती ,38 साल बाद बिना बारिश के गुजर गया पूरा मार्च

उत्तराखंड में शुष्क मौसम के बीच पारे में उछाल बरकरार है। मौसम की बेरुखी के चलते मार्च सूखा बीत गया। इस दौरान प्रदेश के छह जिलों में बारिश नहीं हुई। जबकि, अन्य सात जिलों में भी नाम मात्र की बारिश हुई। दून में 38 साल बाद यह पहला मौका है जब मार्च बिना बारिश से गुजर गया। ऐसे में ज्यादातर जिलों में पारा भी सामान्य से कई डिग्री सेल्सियस तक अधिक बना रहा। जिससे मार्च मध्य से ही भीषण गर्मी का एहसास हो रहा है।

12 साल बाद उत्तराखंड के ज्यादातर इलाकों में पारा औसत से चार से सात डिग्री सेल्सियस ऊपर रहा। बारिश की बात करें तो प्रदेश में मार्च में औसत बारिश 54.9 मिलीमीटर के सापेक्ष 2.2 मिमी रही, जो कि सामान्य से 96 प्रतिशत कम है।प्रदेश में इस बार शीतकाल में रिकार्ड बारिश और बर्फबारी हुई। अक्टूबर से फरवरी तक कई बार बारिश और बर्फबारी दर्ज की गई।

बीते सीजन में बारिश में सामान्य से डेढ़ गुना, जबकि बर्फबारी में दोगुना बढ़ोतरी दर्ज की गई। विशेषज्ञों ने इसे प्रशांत महासागर में होने वाले ला नीना का प्रभाव बताया था। हालांकि, मार्च शुरू होने के बाद से ही प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में मौसम शुष्क बना हुआ है। चटख धूप खिलने के साथ ही तापमान में भी लगातार वृद्धि हो रही है। मौसम की बेरुखी से प्रदेश के तकरीबन सभी जिले बारिश को तरस रहे हैं।

खासकर देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, टिहरी, पौड़ी और अल्मोड़ा में अब तक मेघ नहीं बरसे हैं। जबकि, उक्त सभी जिलों में सामान्य बारिश 10 मिलीमीटर से लेकर 46 मिलीमीटर तक दर्ज की जाती है। मौसम विशेषज्ञ इसे पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवाती प्रवाह के कमजोर पडऩे को मान रहे हैं।

बारिश की स्थिति

जिला, वास्तविक बारिश, सामान्य बारिश, अंतर

  • देहरादून, 00, 51.8, -100
  • टिहरी, 00, 51.2, -100
  • अल्मोड़ा, 00, 44.5, -100
  • पौड़ी, 00, 36.6, -100
  • हरिद्वार, 00, 26.5, -100
  • ऊधमसिंह नगर, 00, 13.0, -100
  • नैनीताल, 0.2, 41.3, -99
  • रुद्रप्रयाग, 1.9, 78.4, -97
  • उत्तरकाशी, 2.6, 72.0, -96
  • पिथौरागढ़, 5.2, 73.8, -93
  • चमोली, 5.2, 75.4, -93
  • चंपावत, 2.2, 27.1, -92
  • बागेश्वर, 5.7, 44.5, -87

12 साल में सबसे गर्म रहा यह मार्च

यह बीते 12 वर्षों में पहला मौका है जब पारा मार्च में लगातार सामान्य से चार से सात डिग्री सेल्सियस ऊपर रहा। दून में मार्च में सर्वाधिक तापमान का रिकार्ड 28 मार्च 1892 को 37.2 डिग्री सेल्सियस है। वहीं, ऊधमसिंह नगर में 30 मार्च 2017 को 36.9 डिग्री सेल्सियस रहा।

मार्च माह के अंतिम दिन पारा पहुंचा 36 डिग्री सेल्सियस पार

इस बार वैसे तो तापमान में मार्च की शुरुआत से की वृद्धि हो रही है, लेकिन मार्च का अंतिम दिन सबसे गर्म रहा। देहरादून समेत तमाम मैदानी इलाकों में तापमान 36 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। देहरादून में अधिकतम तापमान 36.1, ऊधमसिंह नगर में 35.6 और हरिद्वार में 35.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जो कि सामान्य से छह से सात डिग्री सेल्सियस अधिक है। मौसम विज्ञान केंद्र ने अगले पांच दिन प्रदेश में मौसम शुष्क रहने की आशंका जताई है।

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