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संस्थानों में समूह-’ग’ के रिक्त पदों का अधियाचन उ0प्र0 अधीनस्थ चयन आयोग को उपलब्ध कराया जाए

केंद्र तथा प्रदेश सरकार के संसाधनों तथा बजट का उपयोग अधिक से अधिक युवाओं में उत्कृष्ट कोटि का तकनीकी कौशल विकास और मजबूत भविष्य निर्माण के लिए किया जाए, इसके लिए प्राविधिक शिक्षा विभाग को हर स्तर पर और अधिक प्रभावी एवं लक्ष्योन्मुखी प्रयास करने होंगे। इसके लिए डिग्री-डिप्लोमा दोनों सेक्टर में मानव संसाधन विकास तथा बुनियादी ढांचे का भरपूर उपयोग, संरक्षण एवं संवर्द्धन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। जिससे हम भविष्य के लिए एक कुशल युवा पीढ़ी तैयार कर सकेंगे। यह बात आज प्रदेश के प्राविधिक शिक्षा मंत्री श्री आशीष पटेल द्वारा विभागीय समीक्षा बैठक में कही गई।
विधान भवन में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान श्री पटेल ने कहा कि उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के लिए समर्पित योगी सरकार की अपेक्षाओं के अनुसार हमें भविष्य के लिए तकनीकी रूप से सक्षम पीढ़ी को तैयार करना होगा। इसके लिए यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी सरकारी इंजीनियरिंग तथा पॉलिटेक्निक संस्थान में कोई भी सीट खाली न रहने पाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इसके लिए जन जागरूकता अभियान चलाए जाने की आवश्यकता है। यह जागरूकता अभियान सार्वजनिक स्थानों पर होर्डिंग लगाने के साथ-साथ प्रशासनिक स्तर पर जिला विद्यालय निरीक्षकों के माध्यम से इंटर कॉलेजों के प्रधानाचार्य को अध्यनरत बच्चों को प्रेरित करने को कहा जाए साथ ही सोशल मीडिया के हर प्लेटफार्म पर डिग्री डिप्लोमा कोर्सों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए।
संस्थानों में मानव संसाधन की कोई कमी न रहे, इसके लिए शीघ्र ही टीचिंग तथा नॉन टीचिंग के रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली जाए। टीचिंग पदों पर भर्ती के लिए जो नीतिगत कठिनाइयां हैं उनका शीघ्र समाधान सुनिश्चित किया जाय। यह प्रक्रिया सभी मानकों का पारदर्शितापूर्ण अनुपालन कर पूरी की जाय। नॉन टीचिंग पदों के लिए ई-अधियाचन शीघ्र भेज दिया जाय। ई-अधियाचन भेजे जाने के संदर्भ में ट्रेनिंग सत्र भी आयोजित किया जाये। उन्होंने डिग्री व डिप्लोमा सेक्टर के निर्माण कार्याे की भी समीक्षा की तथा संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि इसमें कोई शिथिलता न बरती जाए।
नए संस्थानों को अनापत्ति प्रमाण पत्र तथा मान्यता देने के संदर्भ में उन्होंने कहा कि इसे और अधिक पारदर्शी बनाकर सम्पूर्ण प्रक्रिया ऑनलाइन माध्यम से किया जाय। इसके लिए जल्द ही एक पोर्टल विकसित करने के निर्देश उन्होंने विभागीय अधिकारियों को दिए। साथ ही विभागीय अधिकारी यह भी सुनिश्चित करें कि टीचिंग स्टाफ को किसी भी प्रशासनिक तथा अन्य गैर शैक्षणिक कार्यों में संलग्न न करें, जिससे उनके मुख्य कार्य की गुणवत्ता बाधित होती हो। उन्होंने नवनिर्मित 4 इंजीनियरिंग कॉलेजों में शीघ्र ही शिक्षण प्रशिक्षण कार्य शुरू कराने के भी निर्देश दिए। प्रत्येक संस्थान को प्रयास करना चाहिए कि वह भारत सरकार की मेरिट योजना का अधिक से अधिक लाभ उठा सके।
बैठक में अपर मुख्य सचिव, प्रविधिक शिक्षा श्रीमती कल्पना अवस्थी, विशेष सचिव, श्री अन्नावी दिनेश कुमार तथा श्री वेद प्रकाश शर्मा, राजकीय इंनीजिनियरिंग कालेजों के निदेशक एवं रजिस्ट्रार सहित विभागीय अधिकारीगण उपस्थित रहें।

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