जाति आधारित जनगणना से ही संभव है राम राज्य-अखिलेश यादव
सपा प्रमुख और प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव यूपी में जाति आधारित जनगणना (Caste Based Census) अड़े हैं। अखिलेश ने कहा कि सबका साथ सबका विकास तभी मुककिन है जब यूपी में जाति आधारित जनगणना करवाई जाए।
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने शनिवार को एक बार फिर जाति आधारित जनगणना का आह्वान किया और दावा किया कि जाति आधारित जनगणना से ही ‘राम राज्य’ संभव है। अखिलेश ने कहा कि ‘राम राज्य’ और ‘समाजवाद’ तभी संभव है जब जाति आधारित जनगणना होगी। जाति आधारित जनगणना से ही सबका साथ सबका विकास होगा, यह भाईचारा लाएगा, भेदभाव समाप्त करेगा और लोकतंत्र को मजबूत करेगा।
पड़ोसी राज्य बिहार जाति आधारित जनगणना के दूसरे चरण से गुजर रहा है। ऐसे में देश के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जाति आधारित जनगणना की मांग कर रहे हैं।
पटना के डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि बिहार में जाति आधारित जनगणना का पहला चरण 7 जनवरी को शुरू हुआ था जो 21 जनवरी को समाप्त हुआ था। अब राज्य अपने दूसरे चरण से गुजर रहा है जो 15 मई तक चलेगा।
बिहार कैबिनेट ने पिछले साल 2 जून को जातिगत जनगणना का फैसला लिया था, महीनों बाद केंद्र ने राष्ट्रीय स्तर पर इस तरह की कवायद करने से इंकार कर दिया था। 17 अप्रैल को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मांग की थी कि 2021 में होने वाली दशकीय जनगणना को तुरंत किया जाना चाहिए और जाति जनगणना को इसका अभिन्न अंग बनाया जाना चाहिए।
पीएम मोदी को लिखे अपने पत्र में खड़गे ने कहा, मैं आपको एक बार फिर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अद्यतन जाति जनगणना की मांग को रिकॉर्ड पर रखने के लिए लिख रहा हूं। मेरे सहयोगियों और मैंने इस मांग को पहले भी उठाया है। कई मौकों पर संसद के दोनों सदनों के साथ-साथ कई अन्य विपक्षी दलों के नेता भी रहे हैं।
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