हरियाणा: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश के व्यापारी व कारोबारी वर्ग की जीएसटी लागू होने से पहले करों सम्बधी अदायगी के मामलों के समाधान की मांग को पूरा करते हुए आबकारी एवं कराधान विभाग के माध्यम से एक मुश्त व्यवस्थापन-2023 योजना का गुरूग्राम से शुभारंभ कर दिया।
वीओ: मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने रविवार को गुरुग्राम में आबकारी एवं कराधान विभाग के माध्यम से एक मुश्त व्यवस्थापन-2023 योजना का शुभारंभ कर दिया। इस योजना के तहत पहली जनवरी, 2024 से 30 मार्च, 2024 के तहत जीएसटी लागू होने से पहले सात अलग-अलग कर अधिनियमों से संबंधित मामलों में लंबित करों की अदायगी में ब्याज और जुर्माने में छूट के साथ चार श्रेणी निर्धारित करते हुए करों की अदायगी की जा सकेगी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान (हिपा), गुरूग्राम के साथ मिलकर एक जीएसटी प्रशिक्षण संस्थान भी खोलने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने रविवार को गुरूग्राम के सेक्टर 44 स्थित अपैरल हाउस में आबकारी एवं कराधान विभाग, हरियाणा की एक मुश्त व्यवस्थापन -2023 के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रदेशवासियों को नववर्ष-2024 की भी शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में आबकारी एवं कराधन विभाग की एकमुश्त व्यवस्थापन स्कीम की घोषणा करते हुए कहा कि यह स्कीम विभाग की 30 जून 2017 तक की अवधि के तहत बकाया टैक्स राशि के निपटान का अवसर प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि इस स्कीम के तहत वैल्यू एडिड टैक्स यानी वैट की सात अलग अलग टैक्स समस्याओं का समाधान किया जा सकेगा। जिसमें हरियाणा मूल्य वर्धित कर अधिनियम, 2003, केन्द्रीय विक्रय कर अधिनियम, 1956, हरियाणा स्थानीय क्षेत्र विकास कर अधिनियम, 2000, हरियाणा स्थानीय क्षेत्र में माल के प्रवेश पर कर अधिनियम, 2008, हरियाणा सुख साधन कर अधिनियम, 2007, पंजाब मनोरंजन शुल्क अधिनियम, 1955, (1955 का पंजाब अधिनियम 16), हरियाणा साधारण विक्रय कर अधिनियम, 1973 अधिनियम शामिल है।
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