Incredible India: लें अलग एडवेंचर का अहसास इंडिया की इन खतरनाक और रहस्यमयी जगहों पर
पहाड़ों, खूबसूरत बीच और डेजर्ट सफारी से अलग एडवेंचर ट्राय करना चाहते हैं तो इंडिया में ऐसी जगहों की कोई कमी नहीं। जहां जाकर आप वाकई यहां के एडवेंचर को महसूस कर पाएंगे। इन जगहों पर बाकि जगहों जैसी टूरिस्टों की भीड़ नहीं होती और इसी वजह इन्हें ऑफ बीट डेस्टिनेशन्स में शामिल किया गया है। तो आइए जानते हैं कुछ ऐसी ही रहस्यमयी और खतरनाक जगहों के बारे में।
घोस्ट टाउन– धनुषकोडि (तमिलनाडु)
तमिलनाडु राज्य के पूर्वी तट पर स्थित रामेश्वरम द्वीप के दक्षिणी किनारे पर बसा छोटा सा गांव है धनुषकोटि। जहां से श्रीलंका की दूरी महज 18 किमी है। साल 1994 में आएं चक्रवाती तूफान ने इस शहर को पूरी तरह से तबाह कर दिया था। जिसमें यात्रियों से भरी एक पूरी ट्रेन भी बह गई थी। खूबसूरत धनुषकोटि बिल्कुल वीरान हो गया। इस घटना के बाद लोगों ने यहां कुछ अजीबों-गरीब हरकतें भी महसूस की। जिसके बाद तमिलनाडु सरकार ने इसे घोस्ट टाउन करार दे दिया। जहां सूरज ढलने के बाद लोगों को जाने की इज़ाजत नहीं।
कैसे जाएं– अगर आप फ्लाइट से यहां जाने की सोच रहे हैं तो मदुरै नज़दीकी एयरपोर्ट है जहां से धनुषकोडि 198 किमी दूर है। रामेश्वरम नज़दीकी रेलवे स्टेशन है और अगर आप सड़क मार्ग से आ रहे हैं तो यहां के लिए रामेश्वरम और भी आसपास कई जगहों से बसों की सुविधा अवेलेबल है।
जहरीले पेड़–पौधों का जंगल– संदाकफू (दार्जिलिंग)
पश्चिम बंगाल से सिक्किम तक फैली सिंगालिला श्रृंखलाओं की सबसे ऊंची चोटी है संदकफू। जो समुद्र तल से 3636 मीटर की ऊंचाई पर है। जहां से एवरेस्ट, कंचनजंघा, मकालू और लओत्से चार ऊंची चोटियों को देखा जा सकता है। ट्रैकिंग लवर्स की पसंदीदा जगह संदाकफू को जहरीले पेड़-पौधों का जंगल कहा जाता है। यहां पहाड़ों की चोटियों पर जहरीले एकोनाइट पेड़ पाए जाते हैं। इसकी थोड़ी सी भी मात्रा बॉडी में चली जाए तो पेट, सिरदर्द के साथ उल्टी, हृदयगति धीमी होने के साथ ही मौत भी हो जाती है।
कैसे जाएं– बागडोगरा यहां का नज़दीकी एयरपोर्ट है जहां से संदकाफू के लिए बसें और कैब मिल जाएंगी। ट्रेन से आने वाले यात्रियों के लिए न्यू जलपाईगुडी नज़दीकी रेलवे स्टेशन है। इसके अलावा सिलीगुडी से मानेभाजन के लिए बसों की सुविधा अवेलेबल रहती है।
वेजिटेरियन मगरमच्छ– अनंतपुरा लेक मंदिर (केरल)
केरल के कासरगोड जिले में है अनंतपुरा लेक मंदिर। बहुत ही खूबसूरत और अद्भुत यह मंदिर अनंत पद्नाभस्वामी के नाम से मशहूर है। मंदिर के परिसर में बने छोटे से तालाब में ऐसा मगरमच्छ रहता हैं जो पूरी तरह से वेजिटेरियन हैं। जो सिर्फ मंदिर में बनने वाले और चढ़ने वाला प्रसाद ही खाता है। कहते हैं ये मगरमच्छ इस मंदिर की रक्षा करता है और साथ ही इसे भगवान का संदेशवाहक भी मानते हैं। मंदिर में दर्शन करने के बाद इस जगह को देखना बिल्कुल न मिस करें।
कैसे जाएं– कोझिकोड यहां का नज़दीकी एयरपोर्ट है जहां से मंदिर की दूरी 200 किमी है। कसारगढ़ नज़दीकी रेलवे स्टेशन है जहां से अनंतपुरा लेक मंदिर की दूरी 12 किमी है। वैसे यहां तक के लिए बसों और कैब की सुविधा भी अवेलेबल है अगर आप सड़क मार्ग से आने का प्लान कर रहे हैं तो।
सर्दी–गर्मी दोनों चरम सीमा पर– चुरू (राजस्थान)
राजस्थान में जयपुर से लेकर उदयपुर, जैसलमेर के अलावा भी और भी कई ऐसे शहर हैं जो कई सारी खूबियां लिए हुए हैं। जिनमें से एक है राजस्थान के पश्चिमी हिस्से में बसा चुरू। जहां गर्मियों में तापमान 50 डिग्री और सर्दियों में 0 डिग्री तक पहुंच जाता है। यहां की खबसूरत हवेलियों की भी अलग पहचान है। इसके आसपास के इलाके को देश की ओपन आर्ट गैलरी कहा जाता है।
कैसे जाएं– जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट नज़दीक है। चुरू, यहां का सबसे नज़दीक रेलवे स्टेशन है और अगर आप सड़क मार्ग से आ रहे हैं तो यहां तक के लिए आपको आसानी से बसें मिल जाएंगी।
द्रास (लद्दाख), बहुत ही ठंडी जगह
द्रास बहुत ही खूबसूरत घाटी है जो जोजिला पास से शुरू होता है। इसलिए इसे गेटवे ऑफ लद्दाख भी कहा जाता है। द्रास घाटी समुद्र तल से 10990 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और यहां के पहाड़ों की ऊंचाई 16,000 से 21,000 फीट तक है। इस जगह को दुनिया की दूसरी सबसे ठंडी जगह के तौर पर जाना जाता है। यहां सर्दियों में तापमान -45 डिग्री सेंटीग्रेड तक पहुंच जाता है।
कैसे जाएं– लेह में कुशोक रिंपोची नजदीकी एयरपोर्ट है। जम्मू तवी यहां का करीबी रेलवे स्टेशन है। मनाली से बसें चलती हैं लेह-लद्दाख तक के लिए।
इमामबाड़ा (लखनऊ), है जो उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की खासियत है। दूर-दूर से लोग घूमने के अलावा इसके पीछे छिपे रहस्य को जानने भी आते हैं। इसे 18वीं शताब्दी में नवाब असफुद्दौला ने यूरोपियन और अरेबियन आर्किटेक्चर को ध्यान में रखकर बनवाया था। इस इमारत के सेंटर में 50 मीटर लंबा हॉल है। इसमें कोई पिलर और बीम नहीं है। इस मेन हॉल को खासतौर पर इंटर लॉकिंग ब्रिक वर्क से बनाया गया है जिसे भूलभुलैया के नाम से जाना जाता है। 1,000 सीढ़ियों से होकर जाने वाला एक गुप्त रास्ता भी है, जिसे किसी मुसीबत से बचने के लिहाज से बनाया गया है। इस इमारत के अलावा यहां का गार्डन भी देखने लायक है।
कैसे जाएं- अमौसी, नजदीकी एयरपोर्ट है। लखनऊ जंक्शन नज़दीकी रेलवे स्टेशन और सड़क मार्ग से आने के लिए बसों और टैक्सी की सुविधा मिल जाएगी।
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