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सूरजमुखी की पैदावार को सरकार घरेलू स्‍तर पर बढ़ाने की कर रही कोशिश,जिससे नीचे आ सकें तेल की कीमतें

यूक्रेन-रूस युद्ध से सूरजमुखी तेल की आपूर्ति ठप होने के बाद सरकार इस तिलहन की घरेलू खेती की कार्य योजना तैयार कर रही है। कृषि मंत्रालय ने इस बारे में सभी राज्यों से विमर्श के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने राज्य सरकारों और तिलहन विशेषज्ञों के साथ संयुक्त बैठक कर इस पर विचार-विमर्श किया। दलहन तिलहन खेती को प्रोत्साहित करने के लिए पहले से मिशन चलाए जा रहे हैं। इसमें अब सूरजमुखी को भी शामिल किया जा सकता है। सरकार का मकसद सूरजमुखी का आयात कम करना है ताकि घरेलू स्‍तर पर इसके उत्‍पादन से कीमतें नीचे आएं।

केंद्र सूरजमुखी की खेती के लिए हर संभव मदद मुहैया कराएगा

केंद्र की गठित विशेषज्ञ समिति, कृषि आयुक्त और सूरजमुखी की खेती के लिए संभावित राज्यों के साथ मिलकर जल्दी ही अपनी कार्य योजना तैयार कर लेंगे। कृषि मंत्री तोमर ने बैठक में राज्यों से कहा कि केंद्र सूरजमुखी की खेती के लिए हर संभव मदद मुहैया कराएगा। इसमें उन्नत किस्म के बीज, माइक्रो इरिगेशन की सुविधा के साथ खाद्य तेल उद्योग को हर तरह की सुविधा दी जाएगी

वरिष्ठ अधिकारियों और कृषि विज्ञानियों ने उच्च स्तरीय बैठक की

तोमर की अध्यक्षता में कई राज्यों के कृषि मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों और कृषि विज्ञानियों ने उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक में सूरजमुखी की खेती की पर्याप्त संभावनाओं वाले राज्यों पर विचार किया गया। इनमें बिहार, उत्तर प्रदेश, बंगाल, ओडिशा और छत्तीसगढ़ प्रमुख हैं।

खेती को प्रोत्साहित करने के लिए एक अलग मिशन शुरू करने का आग्रह

इस बैठक में खाद्य तेल उद्योग से जुड़े सभी पक्षकारों ने सूरजमुखी की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए एक अलग मिशन शुरू करने का आग्रह किया। इसमें बीजों की उपलब्धता के साथ जरूरी टेक्नोलाजी, फसल को रोगों से संरक्षित करने, मार्केट का समर्थन व फसल बीमा जैसी सुविधाओं की भी बात उठाई गई।

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