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त्रिपुरा पुलिस ने गलत सूचना फैलाने वाले 102 ट्विटर अकाउंट पर कार्रवाई,चार गिरफ्तार

पिछले महीने उत्तरी त्रिपुरा के पानीसागर में हुई हिंसा के बारे में गलत सूचना फैलाने के लिए त्रिपुरा पुलिस ने 102 ट्विटर अकाउंट के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत कार्रवाई की है। इस क्रम में आईजी अरिंदम नाथ ने शनिवार को बताया कि उत्तर त्रिपुरा के पनिसानगर एरिया में 26 अक्टूबर को दो धार्मिक समूहों में हुए हिंसा के बाद नफरत और भ्रम फैलाने वालेे चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया।

त्रिपुरा पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी ज्योतिष्मान दास चौधरी ने कहा कि त्रिपुरा पुलिस ने पानीसागर में हुई हिंसा से संबंधित फर्जी और तोड़मरोड़ कर जानकारी फैलाने के लिए यूएपीए के तहत कुल 102 ट्विटर अकाउंट के खिलाफ कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि जिस मामले की जांच पहले पुलिस कर रही थी उसे अब क्राइम ब्रांच को स्थानांतरित कर दिया गया है। पुलिस अकाउंट संचालकों का पता लगाने की कोशिश कर रही है।

इस महीने की शुरुआत में, राज्य में सांप्रदायिक हिंसा की विभिन्न घटनाओं के सिलसिले में राज्य पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार किया था। राज्य में दो धार्मिक समूहों के बीच नफरत पैदा करने के लिए अफवाहें फैलाने के लिए कई लोगों पर मामला दर्ज किया गया था। त्रिपुरा के महानिरीक्षक (आइजी) कानून और व्यवस्था प्रभारी सौरभ त्रिपाठी ने पिछले महीने कहा था कि पानीसागर में हुई हिंसा को दर्शाने वाली फर्जी तस्वीरें और वीडियो इंटरनेट मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित किए जा रहे हैं। यह काम कुछ राष्ट्रविरोधी तत्वों का है।

उन्होंने कहा कि त्रिपुरा में किसी भी मस्जिद में आग लगाने की कोई घटना नहीं हुई। जो कुछ भी हुआ है पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इससे पहले, उत्तरी रेंज के डीआईजी लल्हिमंगा डारलोंग ने भी कहा था, सोशल मीडिया में अतिरंजित और विकृत अफवाहें फैलाई जा रही थीं जो दो धार्मिक समुदायों के बीच तनाव भड़का सकती थीं।

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