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यूपी में खालिस्तानियों पर ताबड़तोड़ एक्शन, कई जिलों में सुबह से जारी NIA की छापेमारी

भारत में खालिस्तानी नेटवर्क की कमर तोड़ने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) एक्शन मूड पर आ गई है और यूपी सहित राज्यों में बड़ी कार्रवाई की है। एनआईए बुधवार को खालिस्तानी आतंकवादी और गैंगस्ट के गठजोड़ के खिलाफ उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान और उत्तराखंड़ के कई जगहों पर छापेमारी की है। एनआईए की यह छापेमारी यूपी के कई जिलों में भी हुई है। NIA ने कुल 51 ठिकानों पर कार्रवाई की है और संदिग्धों पूछताछ कर रही है। उधर, छापेमारी के दारौन सुरक्षा एजेंसी ने पंजाब से एक खालिस्तानी आतंकवादी के सहयोगी को हिरासत में ले लिया है। अब उससे एजेंसी पजांब में खालिस्तानी नेटवर्क के वारे में पूछताछ करेगी।

मिली जानकारी के मुताबिक, एनआईए ने आज छापेमारी के दौरान पंजाब के फिरोजपुर से गैंगस्टर से आतंकवादी बने अर्श डाला के सहयोगी सुंदर उर्फ जोरा को हिरासत में लिया है। एजेंसी जोरा से चंडीगढ़ में पूछताछ करेगी। एनआईए के सूत्रों ने कहा कि दूसरे देशों में स्थित खालिस्तानी और गैंगस्टर तत्व भारत में ड्रग्स और हथियारों के लिए हवाला चैनलों के माध्यम से ओवरग्राउंड वर्कर्स को फंडिंग कर रहे थे। जांच एजेंसी को खालिस्तानी-आईएसआई और गैंगस्टर गठजोड़ के बारे में इनपुट मिले हैं, जिसके बाद कई राज्यों में 50 से अधिक स्थानों पर एजेंसी द्वारा छापेमारी की गई है। सुरक्षा एजेंसी के अधिकारी ने बताया कि यूएपीए के तहत गिरफ्तार किए गए गैंगस्टरों और खालिस्तानियों से अब तक मिली जानकारी से पता चला है कि यह गठजोड़ आतंकवादी फंडिंग, हथियार आपूर्ति और विदेशी धरती से राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को संचालित करने में शामिल है।

एनआईए की यह छापेमारी बुधवार को पंजाब में 30 स्थानों, राजस्थान में 13 स्थानों, हरियाणा में चार स्थानों, उत्तराखंड में दो स्थानों और दिल्ली और उत्तर प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर की गई है। अधिकारियों ने कहा कि छापेमारी खालिस्तान समर्थक तत्वों (पीकेई) और गैंगस्टरों के नेटवर्क को खत्म करने के लिए की जा रही है, जो लक्षित हत्याओं, सरकारी भवनों पर हमले, जबरन वसूली, सीमा पार से हथियारों और दवाओं की तस्करी सहित हिंसक गतिविधियों में शामिल रहे हैं। साथ ही, कनाडा, यूके, यूएस और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भारत विरोधी गतिविधियों का आयोजन भी कर रहा है।

इससे छापेमारी से पहले संघीय एजेंसी ने पिछले बुधवार को भारत और विदेशों में विभिन्न अवैध गतिविधियों में शामिल 43 खालिस्तानी-गैंगस्टर्स के संदिग्धों तस्वीर जारी की थी। चंडीगढ़ और अमृतसर में अमेरिका स्थित सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की दो संपत्तियों को भी जब्त किया गया है। इसके अलावा कनाडा स्थित शीर्ष खालिस्तानी नेताओं और गैंगस्टरों की वित्तीय गतिविधियों की एनआईए जांच से पता चला है कि भारत में जबरन वसूली और तस्करी के माध्यम से उत्पन्न धन न केवल भारत और कनाडा दोनों में उनके हिंसक कृत्यों को वित्तपोषित करता है, बल्कि इसका निवेश भी किया जाता है। यह निवेश नौकाओं, फिल्मों, कनाडाई प्रीमियर लीग के साथ थाईलैंड के क्लबों और बारों में है।

दरअसल, 18 जून को कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया के बाहर खालिस्तानी चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या हुई थी। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस हत्या करने का आरोप भारत सरकार पर लगाया था। उन्होंने अपनी सदन में कहा था कि निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों का हाथ है। ट्रूडो के इस आरोपों का है। नई दिल्ली ने बेतुका और प्रेरित बताकर खारिज कर दिया था। तब से कनाडा और भारत के बीच तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। इस घटनाक्रम के बीच एनआईए ने यह छापेमारी की है।

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