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“19वीं आई0सी0एल0एस0 की सिफारिशों पर आंतरिक अध्ययन” विषयक एक दिवसीय आंचलिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन 

दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान द्वारा भारत सरकार के सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अधीनस्थ नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (एन0एस0एस0ओ0), आंचलिक कार्यालय लखनऊ के सहयोग से 15 अक्टूबर, 2024 को, “19वीं आई0सी0एल0एस0 की सिफारिशों पर आंतरिक अध्ययन” विषयक एक दिवसीय आंचलिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन संस्थान पर किया गया। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश तथा उत्तराखण्ड के सम्बन्धित आंचलिक अधिकारियों/कार्मिकों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र समारोह के अवसर पर महानिदेशक संस्थान सम्प्रति अपर मुख्य सचिव उ0प्र0 शासन एल0 वेंकटेश्वर लू की अध्यक्षता व विशिष्ट अतिथि प्रो0 मधूसूदन स्वामी (विजिटिंग फैकल्टी ऑफ एल0बी0एस0 प्रशासनिक अकादमी, मसूरी), डॉ0 हीरालाल, विशेष सचिव उ0प्र0 शासन सम्प्रति अध्यक्ष शारदा सहायक कमाण्ड उ0प्र0, मनोज कुमार, उप-महानिदेशक, एन0एस0एस0ओ0 तथा अन्य वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों की गरिमामयी उपस्थिति रही।
महानिदेशक संस्थान द्वारा प्रतिभागियों को बताया गया कि आज हम  यहाँ पर एक महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करने के लिए एकत्रित हुए हैं, जो हमारे देश की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को समझने में सहायता करेगा। एन0एस0एस0ओ0 द्वारा 2017 से जारी पेरियॉडिक लेबर फोर्स सर्वे श्रमिक सांख्यिकी के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन कर रहा है तथा श्रम बल के विभिन्न संकेतकों जैसे-गतिविधियों की भागीदारी, श्रमिक जनसंख्या का अनुपात एवं बेरोजगारी की दर इत्यादि का अनुमान लगाया जाता है। यह रोजगार और बेरोजगारी के आंकडों का प्राथमिक स्रोत है एवं विभिन्न आयु, लिंग, शिक्षा और उद्योग के संदर्भ में श्रम बल के संकेतकों को मापता है। यह परम पुनीत कार्य बडी निष्ठा, लगन व ईमानदारी के साथ करना है। यहाँ पर एक विशेष बिंदु पर ध्यान देने की आवश्यकता है कि जब आप सर्वे करने जायें, तो सर्वप्रथम जिस श्रमिक के साथ साक्षात्कार हो रहा है, उससे मृदु एवं अभिप्रेरित भाषा में संवाद स्थापित करें, साथ ही उसकी व्यक्तिगत समस्याओं और चुनौतियों पर भी वार्ता करें।
उप-महानिदेशक एन0एस0एस0ओ0 मनोज कुमार द्वारा बताया गया कि जिनेवा में वर्ष 2013 में आयोजित 19वीं श्रम सांख्यिकीविदों के अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में 13वीं आई0सी0एल0एस0 के श्रम मानकों में संशोधन किया गया, जिसके अन्तर्गत आर्थिक रूप से सक्रिय जनसंख्या की सांख्यिकी में रोजगार, बेरोजगारी और अल्प रोजगार के पहलुओं को शामिल किया गया। इस अध्ययन के लिए अन्तर्राष्ट्रीय श्रमिक संगठन द्वारा तैयार किये गये मॉडल प्रश्नावली को अपनाया जायेगा।
विशिष्ट अतिथि प्रो0 मधूसूदन स्वामी द्वारा प्रतिभागी अधिकारियों को अभिप्रेरित करने के उद्देश्य से कई ऐतिहासिक दृष्टांतों का उल्लेख किया, जिसमें से प्रमुख रूप से महान दार्शनिक सुकरात की जीवन जीने की शैली तथा आजीवन सत्य बोलने का संकल्प उल्लेखनीय रहा। विशिष्ट अतिथि डॉ0 हीरालाल ने व्यवहारिक रूप से अपने शासकीय जीवन में निष्ठा और ईमानदारी से किये गये कार्यों का उल्लेख करने के साथ चुनौतियों के सम्बन्ध में भी बताया।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम संस्थान के प्र0 अपर निदेशक बी0डी0 चौधरी के मार्ग निर्देशन में किया गया। आयोजन एवं प्रबन्धन के दृष्टिगत संस्थान के सुबोध दीक्षित, उप निदेशक, डॉ0 एस0के0 सिंह, डॉ0 अशोक कुमार, सहायक निदेशक, डॉ0 आलोक कुमार, सहायक निदेशक तथा प्रतिमेश तिवारी, शोध सहयुक्त का सराहनीय योगदान रहा। कार्यक्रम का संचालन एन0एस0एस0ओ0 की सहायक निदेशक शिखा राय द्वारा किया गया।

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