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प्राइवेट प्रैक्टिस के आरोप में चार सरकारी डॉक्टरों पर कार्रवाई के आदेश

​उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सरकारी सेवा में रहते हुए निजी प्रैक्टिस करने के आरोप में चार डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इनमें संतकबीरनगर के तीन और वाराणसी के एक चिकित्सक शामिल हैं। संतकबीरनगर जिला चिकित्सालय के सर्जन डॉ. संदीप कुमार, हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. विजय कुमार गुप्ता, ईएनटी सर्जन डॉ. धर्मेंद्र कुमार, और वाराणसी के पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. गोविंद प्रसाद के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। उप मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव को इन मामलों में आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।​

सरकारी डॉक्टरों को निजी प्रैक्टिस करने की मनाही है, क्योंकि उन्हें नॉन प्रैक्टिसिंग अलाउंस (NPA) दिया जाता है। इसके बावजूद, इन डॉक्टरों द्वारा निजी प्रैक्टिस करने की शिकायतें मिली थीं, जिसके आधार पर यह कार्रवाई की गई है। यह कदम सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और मरीजों को समर्पित सेवा प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया है।​

उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी प्रदेश में निजी प्रैक्टिस में लिप्त 17 डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए गए थे। इनमें बलरामपुर के दस, हाथरस के छह और कुशीनगर के एक चिकित्सक शामिल थे。 ​

सरकार की इस सख्ती से स्पष्ट है कि वह स्वास्थ्य सेवाओं में अनुशासनहीनता और नियमों के उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं करेगी। यह कार्रवाई अन्य सरकारी डॉक्टरों के लिए भी एक चेतावनी है कि वे अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करें और नियमों का उल्लंघन न करें।

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