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महिला कॉलेज बनाने को लेकर धरने पर बैठे राजौंद के लोगों को आप वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा का समर्थन

आम आदमी पार्टी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा बुधवार को महिला कॉलेज बनाने को लेकर राजौंद में चल रहे धरने को समर्थन देने पहुंचे। उनके साथ गज्जन सिंह, कृष्णानंद, सोनिया शर्मा, कविता ढांडा, राजीव ढुल, सतबीर गोयत, गेहल सिंह संधू और नीरज शर्मा मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि ये मुद्दा हमारे दिल के सबसे करीब है, आम आदमी पार्टी दिल जान से आपकी मांग का समर्थन करती है। हर तरीके से इस लड़ाई में हम पूरी मजबूती से आपके साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा का विनाश काल आ गया है। उन्होंने कहा कि जो भी चुनाव से छह महीने या साल पहले जो प्रोजेक्ट और नींव के पत्थर गुप चुप तरीके से रखे जाएं तो इसका मतलब उसने करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार हो चुका है। ये पत्थर यूं का यूं रखा रह जाएगा लेकिन कॉलेज नहीं बनेगा। इस बात को इस तरीके से समझ सकते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी रेवाड़ी में 2015 में कह कर गए थे कि एम्स बनाऊंगा आज तक भी वहां कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा वाले जो चुनाव के समय घोषणा करते हैं ये केवल घोषणाएं हैं।

उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल किसी राजनीतिक परिवार से नहीं हैं, लेकिन इन्होंने इतना मजबूर कर दिया कि एक आदमी उतर कर आया तो काफिला जुड़ गया। आज दो राज्यों में सरकार चला रहे हैं और इन्हीं मुद्दों पर सरकार चला रहे हैं। कोई जात पात की राजनीति नहीं करते। बच्चों के लिए स्कूल बना देते हैं और इसी बात पर लोग वोट दे देते हैं। भाजपा सरकार को बने साढ़े नौ साल हो गए हैं। यदि इनका ट्रेक रिकॉर्ड देखोगे तो 2021-22 में 19481, 2022-23 में 28,139 बच्चों ने सरकारी स्कूल से अपना नाम कटाया था। वहीं इस साल 31,068 बच्चों ने सरकारी स्कूलों से अपना नाम कटा चुके हैं।

उन्होंने कहा कि बच्चों स्कूल से इसलिए नाम कटा लिया है क्योंकि सरकारी स्कूलों में कोई पढ़ाई नहीं होती। हरियाणा के सरकारी स्कूलों में न बेंच हैं, न बिजली है, न टॉयलेट है, न पीने का पानी है, स्कूल में चारदीवारी नहीं है, क्लासरूम नहीं है और न ही शिक्षक हैं। हरियाणा के सरकारी स्कूलों में करीब 40 हजार शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं। इन्होंने सरकारी स्कूलों को बाड़ा बना दिया है। इसलिए बच्चे के माता पिता भी बच्चे का स्कूल से नाम कटा लेते हैं। जिसके बस की बात वो अपने खून पसीने की कमाई लगा बच्चे को प्राइवेट स्कूल में पढ़ा लेता है और बाकी अपने बच्चों को घर बैठा लेते हैं। ऐसी स्थिति में स्कूल से बच्चे कम हो जाते हैं फिर कम बच्चों का बहाना बनाकर स्कूल को बंद कर देते हैं। इससे ये पता चलता है कि शिक्षा इनकी प्राथमिकता में ही नहीं है। इन्होंने शिक्षा मंत्री ऐसे व्यक्ति को बना रखा है जो विधानसभा में आंकड़े तक नहीं पढ़ पाता। हमारे बच्चे पढ़ें या न पढ़ें, इनको शिक्षा से कोई मतलब नहीं है।

उन्होंने कहा कि राजौंद में तीन साल से महिला कॉलेज की बात चल रही थी। यदि नियत हो तो तीन साल में प्रोजेक्ट आ भी जाता है, बन भी जाता है और शुरु भी हो जाता है। यदि नियत ही न हो तो ऐसे ही करते हैं और जब चुनाव आ जाता है तो ऐसा कर देते हैं कि लोग खुद ही विरोध कर देते हैं हमें यहां नहीं चाहिए। उन्होंने कहा आपको लगता है कि बीना सोचे समझे इन्होंने सीवरेज प्लांट का पत्थर रख दिया, लेकिन इन्होंने सोच समझ कर ये पेंच फसाया है ताकि आप यहां बैठे रहो और न वहां कोलेज बने और न सीवरेज प्लांट। इसका मतलब चुनाव के समय वाहवाही लूट लेते हैं कि कॉलेज और सीवरेज प्लांट बना रहे हैं, लेकिन बनेगा कुछ नहीं। भाजपा केवल इन्हीं तिगड़म बाजी से चल रही है, इनको लोग नहीं चाह रहे। किसानों को एक साल तक सड़क पर बैठा कर रखा, सरपंचों पर लाठियां बरसाई और 25 लिखा युवा बेरोजगार बैठा है क्या वो भाजपा को वोट दे देंगे।

उन्होंने कहा कि हरियाणा में अपराध लगातार बढ़ रहा है। हरियाणा में एक दिन में रोजाना 3 से 4 दुष्कर्म हो रहे हैं। ऐसी स्थिति में ये हमारी बेटियों को कह रहे हैं कि पढ़ने के लिए 10-20 किलोमीटर दूर जाओ। ऐसे हालातों में कोई मां बाप अपनी बेटी को इतनी दूर पढ़ने के लिए क्यों भेजेगा। क्योंकि जिन बेटियों को मां बाप ने खेलने के लिए भेजा जिन्होंने देश का नाम रोशन किया उनको जंतर मंतर पर सड़कों पर घसीटा गया। मंत्री संदीप सिंह पर जूनियर महिला कोच के साथ गलत हरकत करने का आरोप है और चार्जशीट दायर होने के बाद भी मंत्री पद पर बैठाया हुआ है। भाजपा सरकार को हमारी बेटियों से कोई मतलब नहीं है चाहे उनके साथ कुछ हो। इस तरीके की स्थिति जब हो जाए तो आम आदमी का जागना बहुत जरूरी है। आपने इस संघर्ष की शुरूआत की है, इस संघर्ष को मेरा पूरा समर्थन है।

उन्होंने कहा कि मुझे समझ में आ गया है कि इन्होंने ये पेंच फसाया है इनको गर्ल्स कॉलेज भी नहीं बनाना। लेकिन केवल छह महीने की बात है आम आदमी पार्टी की सरकार बनते ही यदि यहां कॉलेज नहीं बना तो राजनीति छोड़ दूंगा। जहां बात शिक्षा की आती है वहां केजरीवाल बजट खर्च करने में एक सेकेंड नहीं सोचते। पहली चीज शिक्षा है शिक्षा ही हमें जानवरों से अलग करती है। शिक्षा ही हमें समाज में टकराना सिखाती है। बाबा साहब अम्बेडकर कहते थे कि शिक्षा शेरनी का वो दूध है जो पिएगा वो दहाड़ेगा। क्योंकि जो शिक्षित हो गया वो सवाल पूछना जानता है। इसलिए भाजपा ने पूरे देश में ये साजिश चला रखी है कि किसी भी तरह से लोगों को अनपढ़ रखना है। ताकि लोग उनके सामने भीड़ बने रहें और कागज लेकर भीख मांगते रहें कि हमारा ये काम करदो वो काम करदो। यदि अपनी असली ताकत का इस्तेमाल करना चाहते हो तो भीड़ बनने से इनकार कर दो और ये कहो कि मेरी वोट की ताकत से तुम इस कुर्सी पर बैठे हो।

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