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अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (IBC) के तत्वावधान में नई दिल्ली में आयोजित बौद्ध शिखर सम्मेलन

अन्तर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ एवं संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त तत्ववाधान में आयोजित दो दिवसीय समिट में विभिन्न देशों के बौद्ध भिक्षुओं, धर्म गुरूओं तथा विद्धवानों ने भाग लिया। इस समिट का विषय एशिया को मजबूत करने में बुद्ध धम्म की भूमिका रखा गया था। इस समिट में उत्तर प्रदेश के पर्यटन विभाग ने प्रदेश में स्थित बौद्ध स्थलों का व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए बौद्ध अनुयायियों को उत्तर प्रदेश आने का न्यौता दिया। मंगलवार से शुरू हुई समिट आज समाप्त होगी। पर्यटन विभाग का प्रयास था कि इस समिट में प्रतिभाग करने वाले देशों के प्रतिनिधि यहां से शान्ति का संदेश लेकर जायं।
यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि दो दिवसीय बौद्ध शिखर सम्मेलन का आयोजन नई दिल्ली में स्थित होटल अशोका में हुआ था। प्रतिनिधियों ने उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा बौद्ध सर्किट के अन्तर्गत आने वाले बौद्ध स्थलों के बारे में अच्छी जानकारी दी। विदेशी प्रतिनिधियों ने सफल आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की सराहना की। पर्यटन मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार पर्यटन स्थलों का प्राथमिकता के आधार पर पर्यटन सुविधाओं का विकास कर रही है ताकि देश-दुनिया से आने वाले श्रद्धालु अविस्मरणीय अनुभव लेकर लौटें।


श्री जयवीर सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश में पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। माननीय प्रधानमंत्री जी की मंशानुरूप और मुख्यमंत्री जी के मार्गदर्शन में विभिन्न सर्किट का विकास किया जा रहा है। बौद्ध धर्म का मूल उत्तर प्रदेश में है। भगवान गौतमबुद्ध से जुड़े महत्वपूर्ण स्थलों सारनाथ, कुशीनगर, कपिलवस्तु, कौशांबी, श्रावस्ती और संकिसा आदि पर देश-दुनिया से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। भविष्य में यहां पर्यटकों की संख्या में बहुत तेजी से वृद्धि होगी। इसके साथ ही आकर्षक पर्यटक सुविधाओं का विकास किया जा रहा है।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि कुशीनगर में टीएफसी, गेट कांप्लेक्स, अन्य पर्यटन सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। इसी तरह श्रावस्ती में बौद्ध विहारों पर पर्यटन सुविधाओं का सृजन किया जा रहा है। कौशांबी में बौद्ध थीम पार्क और गेट कांप्लेक्स निर्माण की तैयारी है। इसी तरह कपिलवस्तु स्थित बौद्ध विहारों पर पर्यटन सुविधाओं का विकास और कपिलवस्तु का समेकित पर्यटन विकास किया जा रहा है। कपिलवस्तु में विपश्यना केंद्र का निर्माण किया जा रहा है। इसके साथ ही सारनाथ, संकिसा और श्रावस्ती में पर्यटन सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। इसके अलावा कई और कार्य किए जा रहे हैं।

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