Haryana

स्मार्ट सिटी को लेकर श्वेत पत्र जारी करे हरियाणा सरकार

Haryana government should issue white paper regarding smart city

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि झूठी घोषणाएं करने से जनता का भला होने वाला नहीं है, अगर घोषणा की है तो उस पर किया गया काम धरातल पर दिखना चाहिए, देश में पहले 100 स्मार्ट सिटी बनाने की निर्णय लिया गया था जिसमें दो शहर हरियाणा के थे जिसके हालात आज तक नहीं सुधरे और तीन-चार शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने की बात कही जा रही है। करोडों रुपये पानी में बहाकर भी लोगों को गंदगी के ढेर मिल रहे है, टूटी फूटी सड़को में हिच कोले खाने को मिल रहे हैं। सबसे पहले तो सरकार ने स्टार्ट सिटी के नाम पर क्या क्या किया है इसे लेकरश्वेत पत्र जारी करे ताकि जनता को भी पता चल सके सरकार क्या कहती है और क्या कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार आने पर जनता को काम कागजों में नहीं धरातल पर दिखाई देगा।

मीडिया को जारी बयान में उन्होंने कहा है कि केंद्रीय मंत्री मनोहरलाल ने बताया था कि वर्ष 2015 से अब तक स्मार्ट सिटी को लेकर देश मे 46000 करोड़ की राशि जारी की गई थी और अब 2400 करोड की धनराशि जारी करने की बात कही जा रही है। बजट के हिसाब से देखा जाए तो एक एक शहर के हिस्से में 500-500 करोड़ रुपये की राशि आती है। पहले फरीदाबाद और करनाल को शामिल किया गया, स्मार्ट सिटी बनाने के नाम पर जमकर घोटाला हुआ, जिसकी निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि फरीदाबाद के हालात किसी से छिपे नहीं है जगह जगह पर गंदगी के ढैर लगे हुए है, कचरा प्रबंधन के नाम पर करोडों रुपये खर्च किए गए पर कचरा प्रबंधन दिखाई नहीं देता। हालात ये है कि लोग फरीदाबाद को स्लम बस्ती के नाम से जानते हैं। फरीदाबाद और करनाल के बाद सरकार अब गुरूग्राम, हिसार को पंचकूला को भी स्मार्ट सिटी बनाने जा रही है, अच्छी बात है पर घोषणा सिर्फ घोषणा तक ही सीमित न रहे उस पर काम भी दिखना चाहिए। कहा जा रहा है कि हरियाणा स्थानीय निकाय विभाग के लिए 3970 करोड़ रुपये का बजट जारी किया गया है। हरियाणा की सांस्कृतिक राजधानी कहे जाने वाले कुरूक्षेत्र के लिए अलग से परियोजना बनाई गई है।

उन्होंने कहा कि सरकार शहरों को स्मार्ट एवं सहनशील शहरों के रूप में विकसित करने की घोषणा तो कर देती है पर उस पर काम करना भूल जाती है या अधिकारियों को खुला छोड़ दिया जाता है जिससे ही परियोजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती है, भ्रष्टाचारियों पर कोई कार्रवाई नहीं होती और जांच के नाम पर खानापूर्ति की जाती है। हरियाणा में कहने को अभी तक करनाल और फरीदाबाद ही स्मार्ट सिटी हैं। साइबर सिटी गुरुग्राम को भी इसी तरह की सुविधाएं प्रदान करने की बात कही जाती है पर बरसात में वहां होने वाली दुर्गति सभी ने देखी है। ठोस कचरा प्रबंधन से बिजली बनाने की परियोजना कर बात कही गई पर यह परियोजना भी पानी पी गई। करनाल में अवैध कॉलोनियां पनप रही हैं। कॉलोनियां में मूलभूत सुविधाएं तो दूर, बल्कि गंदगी और जलभराव की समस्या का समाधान तक नहीं हो पाता। स्मार्ट सिटी के नाम पर करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा दिए गए। हरियाणा में अनेक शहर ऐसे है जहां पर लोग नरकीय जीवन जीने को मजबूर है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जनता से जो वायदा करती है उसे पूरा करके दिखाती है, उसकी कोई भी घोषणा फाइलों में बंद नहीं होती वह सभी को धरातल पर दिखाई देती है, कांग्रेस की सरकार बनने पर कांग्रेस ऐसा करके भी दिखाएगी।

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