जम्मू से अमरनाथ यात्रा का पहला जत्था रवाना

कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच 4,800 श्रद्धालुओं ने की पवित्र गुफा की ओर प्रस्थान
जम्मू/श्रीनगर: वर्ष 2025 की अमरनाथ यात्रा का शुभारंभ मंगलवार को जम्मू से पहले जत्थे की रवानगी के साथ हो गया। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच लगभग 4,800 श्रद्धालुओं का पहला जत्था रवाना हुआ, जिनमें महिलाएं, बुजुर्ग और युवा बड़ी संख्या में शामिल रहे।
यह जत्था भगवती नगर स्थित बेस कैंप से सुबह करीब 4:15 बजे रवाना हुआ, जिसे जम्मू-कश्मीर प्रशासन और अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अधिकारियों ने हरी झंडी दिखाई।

अमरनाथ यात्रा दो मार्गों—पहलगाम (अनंतनाग) और बालटाल (गांदरबल) से होती है। यात्रियों को 14,000 फीट की ऊँचाई पर स्थित भगवान शिव की पवित्र गुफा तक पहुंचने के लिए कठिन पर्वतीय यात्रा करनी होती है।
श्राइन बोर्ड के अनुसार, गुफा में स्वतः निर्मित बर्फ के शिवलिंग (हिमलिंग) के दर्शन के लिए हर वर्ष लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं।
- इस बार सुरक्षा को देखते हुए CRPF, ITBP, BSF, और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त तैनाती की गई है।
- हाईवे, टनल और घाटी के संवेदनशील इलाकों में ड्रोन, CCTV और सर्च ऑपरेशन लगातार चल रहे हैं।
- रूट पर जगह-जगह लंगर, मेडिकल कैंप और रिफ्रेशमेंट सेंटर स्थापित किए गए हैं।

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा,
“यह यात्रा न केवल आस्था की प्रतीक है, बल्कि घाटी की सांस्कृतिक समृद्धि को भी दर्शाती है। सरकार हर संभव सुविधा और सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।”
- यात्रा के पहले जत्थे में शामिल श्रद्धालु सुबह-सुबह उत्साह से भरे नजर आए।
- हर-हर महादेव और बोल बम के जयकारों से पूरा माहौल गूंज उठा।
- यात्रियों के साथ महिला श्रद्धालुओं और 60 वर्ष से ऊपर के वरिष्ठ नागरिकों की बड़ी भागीदारी रही।
- इस बार ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यम से यात्रा का प्री-रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया है।
- सभी यात्रियों के लिए RFID टैग, स्वास्थ्य प्रमाणपत्र और ट्रैकिंग सिस्टम अनिवार्य किया गया है।
- यात्रा की अंतिम तिथि 19 अगस्त 2025 निर्धारित की गई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा:
“मैं अमरनाथ यात्रा पर निकले सभी श्रद्धालुओं की मंगल यात्रा की कामना करता हूं। भोले बाबा की कृपा सभी पर बनी रहे।”
गृहमंत्री अमित शाह ने भी ट्वीट कर कहा कि केंद्र सरकार श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए पूर्ण प्रतिबद्ध है।
अमरनाथ यात्रा भारत की धार्मिक आस्था, एकता और सांस्कृतिक समरसता का प्रतीक है। प्रशासन, सुरक्षा बल और सेवा संगठनों के संयुक्त प्रयासों से यह यात्रा श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित, सुव्यवस्थित और पवित्र अनुभव बनती जा रही है।
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