“बरेली पुलिस की मुठभेड़ में 7 अपहरणकर्ता गिरफ्तार, अपहृत व्यक्ति सकुशल बरामद”
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थाना बारादरी पर दिनांक 19.01.2025 को मु0अ0सं0 56/2025 धारा 14012) बीएनएस श्रीमती किरण कटियार पी अनूप सिंह कटियार निवासी गणेशपुरम थाना बरादरी जनपद बरेली द्वारा अपने पति अनूप करियर के हेतु के संबंध में पंजीकृत कराया था जिसके सफल अनावरण के लिए श्रीमान र पुलिस अक्षक जनपद बरेली एवं पुलिस अधीक्षक नगर बरेली द्वारा क्षेत्रधिकारी बड़ी श्री अरुण कुमार के नेतृत्व में प्रभारी निरीक्षक श्री धनन्जय कुमार पाण्डेय थाना बारादरी व प्रभारी निरीक्षक श्री प्रवीन सोलंकी थाना भोजीपुरा की गठित टीम द्वारा दिनांक 20.01.2025 को समय 22.40 बजे थाना भोजीपुरा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम मियाँपुर से मुखबिर की सूचना पर उदित पुत्र राकेश की बैठक (घर) से दबिश देकर धना कोतवाली बांदा पर पंजीकृत मु००० 57/2025 धारा 140021 बीएनएस से सम्बन्धित अपहृत हरीश कटियार पुत्र गंगासरन कटियार नि० पाण्डेपुर थाना पाली जिला हरदोई हत निवासी अण्डाका कोतवाली नगर जिला बांदा को सकुशल बरामद किया गया जिन्हें कमरे में ताले के अन्दर बन्द कर रखा था उसकी निगरानी मकान मालिक उदित पुत्र राकेश, उमाशंकर पुत्र ओमप्रकाश निवासीगण निर्धार या भोजीपुरा तथा खाने की आपूर्ति करने वाली श्रीमती सती पत्नी अंकित उर्फ विनीत निवासी मियाँपुर धना भोजीपुरा बरेली को गिरफ्तार कर पूछताछ की गयी तो स्पष्ट हुआ कि अनूप कटियार अंकित उर्फ विनीत खेमेन्द्र शाहिद सहित आकाश उर्फ रमेश तथा वीरू उर्फ वीरमा दो गाड़ियों से दो दिन पहले रात में करीब 10-11 बजे उनकी निगरानी में छोड़कर गये थे। इन लोगों ने निगरानी करने की एवज में रुपयों का लालच दिया था और कहा था कि एक-दो दिन में खुद ले जायेंगे। इसी लालच में रोक लिया था और ये सभी लोग आज रात को इस अपहृत को से जाने वाले थे। इस जानकारी पर पुलिस टीम द्वारा अलग-अलग दो पार्टी बनाकर ग्राम घुररामसपुर की तरफ से दूसरी पार्टी दोहरा टांडा रोड से चल दिये, जैसे ही पुरसमसपुर रोड पर शमशान के पास समय करीब रात्रि 11.00 बजे मकर कार्डन डाल दिया तो कुछ ही देर बाद पुलिस पार्टियों को दो गाडियां आती दिखाई दी, जिससे अपहरणकर्ताओं ने अपने को पुलिस पार्टी से घिरा देखते हुए गाड़ियों को तीव्रता से मोड़कर भागने का प्रयास किया किन्तु हड़बड़ाहट में भाग नहीं पाये और पुलिस पार्टी पर जान से मारने की नीयत से फायर किये। आत्मरक्षार्थ की गयी फायरिंग में अति उर्फ विनीत कटियार, शाब्दिक उर्फ वीरपाल पुलिस पार्टी से अमल तथा मौके सेहो गएघटना में प्रयुक्त गाड़ी UK 06रिनि) (पाना बारादरी श्री रोहित शर्मा व AH 0422 हर टाटा MARUTI ECO to UP 32 LB 7046 बरामद हुई। टाटा जस्ट पर पीछे की तरफ फर्जी नम्बर प्लेट UP 27 DX 0758 और आगे की तरफ रिजन है। अभियुक्तों के कब्जे से 09 मोबाईल फोन, तीन मध्ये 315 बोर मय 04 खोखा कारतूस 6 जीवित कारतूस बरामद हुये इस मुहमेड़ में अभियुक्तों द्वारा पुलिस पार्टी पर 06 राउन्ड फायर किये गये तथा पुलिस पार्टी द्वारा भी आकारार्थी कार्यवाही में 10 राउण्ड फायर किये गये तीनो अपहरणकर्ताओं व भारत दोनों पुलिस कार्मिकों को उपचार हेतु तत्काल हास्पिटल गया। अभियुक्तों के विरुद्ध विधिक कार्यवाही की जा रहीविवरण पूछना -है।अपहरणों से पूछताछ में अनूप व उसके साथी आकाश पुत्र नरेशपाल नि० पुण्डरी समीप बरोर धाना बरेली ने संयुक्त रूप से बताया कि हम स्थायी रूप से ग्राम पाण्डेपुर थाना पाली जिला हरदोई का रहने वाले है अनूप ने बताया कि उसके पिता जो लेखपाल से रिटायर है। रिटायर होने के बाद हमने एक घर पवन बिहार कालोनी थाना बारादरी बरेली में बना लिया है जहाँ पर में परिवार सहित रहता हूँ एवं गांव पर खेती आदि के सिलसिले में जाता आता रहता हूँ। हरीश कटियार मेरे परिवार का तहेरा भाई हैं तथा वर्तमान में अण्डे का थोक व्यापार का काम जनपद
बांदा में करता है। मैं कई बार उनके यहाँ गया हूँ एवं मेरी आर्थिक स्थिति खराब होने पर उन्होंने मदद भी की है। साहब इस समय में काफी परेशान था काफी पैसे लोगों के मेरे ऊपर बकाया हो गये हैं। मेरा कोई व्यवसाय नहीं है। घरेलू खर्च व स्वयं का खर्च बताना मुश्किल हो रहा था मुझे मरे तहेरे भाई हरीश ने 01 लाख 70 हजार रुपये पहले भी दिये थे। मैंने हरीश कटियार से 13 लाख रुपया की माँग की थी। मुझे पता है कि हरीश का व्यापार बहुत अच्छा चल रहा है। काफी पैसा उसके पास है, हरीश ने 15 दिन बाद मुझे 03 लाख रुपया देने के वायदा भी किया था। मेरे कृष्णा नगर थाना बारादरी के रहने वाले देवेन्द्र जो रिटायर फोजी है उनसे पाँच लाख रुपये 03 साल पहले से उधार ले रखे हैं. जिना देवेन्द्र तकादा कर रहा था। मैंने उससे कई बार रिक्वेस्ट की थी परन्तु वह नहीं मान रहे थे। मैने तीन साल पहले देवेन्द्र से पैसे लेकर फरुखाबाद प्रापर्टी में लगाया था जिसमें मुझे घाटा हो गया था, झालिए में देवेन्द्र के ऐसे नहीं दे पा रहा था तब मैंने इससे दुसरे तरीके से पैसा निकलने की तरकीब निकाली और इसे अपहरण कर पैसा फिरौती के रूप में प्राप्त करने के लिए एक अपने अति उर्फ विनीत कटियार, शाहिद, खेमेन्द्र, आकाश ललित रजत उर्फ उमेश वीक उर्फ वीरपाल के साथ मिलकर योजना बनाई जिसके लिए मैंने अब से करीब 01 माह पहले जब मैं अपने गांव पाण्डेपुर आया था वहीं पर अपहरण की योजना बनाई थी और हरीश से साथ में डावे पर चलने के लिए कहा था मैंने अपने सभी सभी की गाड़ी में ढाबे पर लगा रखे थे परन्तु हरीश ने मेरे साथ ढाबे पर चलने के लिए मना कर दिया था। जिससे हमारी योजना फेल हो गया थी। फिर हमने पोजना की और योजना के अनुसार में अपनी गाड़ी UK 05 AH D422 प्रे कतर टाटा जस्ट को लेकर दिनांक 16/01/2025 को अकेला व दूसरी गाड़ी वीर उर्फ वीरपाल की ईको में अंकित उर्फ विनीत कटियार सेमेन्द्र आकाश, रजत उर्फ उमेश चते थे ताकि रास्ते में पड़ने वाले टोल के केगरों में हम लोग एक गाड़ी में न दिखाई दे। मैंने अपनी सभी साथियों को बांदा में अलग होटल में रुकवा दिया था और होश के 2000 रुपये अंकित को दे दिये थे और मैं शाम को 09.00 बजे अपने चचेरे भाई हरीश कटियार के पास चला गया था। उसके कमरे पर रुका था और मैंने हरीश को बिस्कुट घूमने चलने के लिए कहा था तो हरीश ने मना कर दिया हरी प्यान इसे घुमने के बहाने से जाकर अपहरण करने की थी ताकि अपहरण करते समय कोई शोर शराबा न हो और किसी को पता न लगे हरीश ने यह कहकर कि मेरे अण्डे की गाड़ी आ गयी मुझे उतरवानी है मैं नहीं मैने कहा कि फिर में भी नहीं जाऊंगा और मैंने अपनी योजना बेन्ज कर दी और अगले दिन रात मैं घर से ही उठाने की योजना बनाई राम को खाना खाने के बाद मैंने हरीया से कहा कि मेरे दोस्त चित्रकूट घुमकर वापस आ रहे हैं मैं उनसे मिलकर आ रहा हूँ। इस बहाने से दरवाजा खोलकर बाहर गया और अपने साथियों को मकान दिया था और बताया कि रात में 1.30 बजे आ जाना मैं अन्दर से कुडी खोल दूँगा और तुम तमन्या लगाकर हरीश को उठा लेना और मुझे भी माना और ऐसा नाटक करना कि दोनों का अपहरण किया है। योजना बताकर मैं वापस कमरे में आकर कमरे की कुण्डी बन्द करके लेट गया और 1.30 बजे का इन्तजार करने लगा। रीगा सो गया जैसे ही रात का 1.30 बज ने कुन्द्री खेल दी और अंकित आदि मेरे साथी सभी अन्दर आ गये और उन्होंने हरीया के उपर कह डालकर सर पर मया लगाकर अपहरण कर लिया और मुझे भी धमकाया कि चल गाड़ी चला तेरा भी अपहरण हो गया। मैं अपनी गाड़ी की सीट पर बैठ गया बराबर वाली सीट पर मेरा साथी जल बैठ गया पीछे वाली सीट पर बीच मे हरीश को बैठा लिया और पीछे वाली सीट पर एक तरफ अंकित उर्फ विनीत व दूसरी तरफ खेमेन्द्र बैठ गया। रजत ने हरीश के पेट पर तमंचा लगाये रखा और बार बार आवाज न करने के लिए धमकाता रहा। हम लोग उसे लेकर बरेली आ गये और भूता पहुँचे और गाड़ी का तेल खतम हो गया था अंकित ने हरीश के करंट अकाउण्ट से 7500/रुपये क्यू आर कोड़ के द्वारा ट्रान्सफर कराये और भुता में ही पेट्रोल पंप से 3000 रुपये का तेल डलवाया था और इसका पेमेन्ट भी हरीया के सेविंग अकाउण्ट से फोन पे से पेमेन्ट कराया था और रजत ने हरीया से चेन और अंगूठी छीन ली थी और पर्स पैसे भी इन लोगो ने निकाल लिये थे। दिन होने के कारण हम ऐसे घुमाते रहे शाजापुर से हरदोई रोड़ पर चले गये। हरीया जब भी पानी मांगता था तो हम इसे पानी न देकर शराब देते थे ताकि हरी ना रहे पैसे की मार रात हो गयी। रात में समय करीब 10.30 बजे योजना के अनुसार अंकित के गांव में हरीश को लेकर पहुँचे और गांव के बाहर ही अंकित ने उदित को बुलाकर उसकी बैठक में हरीश का मुहें ढककर गाड़ी से उतरकर अन्दर बन्द कर दिया। जिसकी निगरानी के लिए उदित और खेमेन्द्र के पिता उमाशंकर को छोड़ दिया और खाना होने के लिए अंकित ने अपनी पत्नी लाली को लगा दिया। मैं अपनी गाड़ी लेकर राममूर्ति अस्पताल गया और पार्कंग में गाड़ी खड़ी करके उसी में सो गया फिर अगले दिन में और अंकित उर्फ विनीत बहेड़ी वाला टोल बचाते हुए
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तकेतातपुर उधमसिंह नगर उत्तराखण्ड पहुँचे और मैने अपने फोन से अंकित अपनी पत्नी ममता को फोन कराकर पाँच तख रूपया फिरौती का माँग कराई और हरीश के फोन से उसकी पत्नी ज्योति को फोन कराकर 15 लाख रुपया की माँग कराई है और वहाँ फोन करने के बाद दोनो फोन स्विच आफ कर लिये। मैंने ऐसा इसलिए किया ताकि हमारा लोकेशन लालपुर का अये फिर वाला रास्ता देखते हुए कि हरीश को कहीं दूसरी जगह रखने के लिए कमरे की की क्योंके एक गांव में ज्यादा रखने से पकड़ने का डर था शाहिद ने अपने किसी जान पहचान के यहाँ रखने लिए कमरा बता दिया था उसी में हरीश को ले जाने की तैयारी के लिए दोनों गाडियों से जा रहे थे कि रास्ते में पुलिस ने घेर लिया। मैने पुलिस से घिरा देखते हुए पुलिस पर गोली चलाने के लिए कहा था ताकि हम पुलिस के उपर गोली चलकर मौका मिलते ही भाग जाये फायरिंग में मेरे साथी अंकित उर्फ विनीत शाहिद व चौउर्फ बीरपाल को गोली लगी थी और हम सभी पकड़े गये खेमेन्द्र, ललित और रजत मौके से खेतों की तरफ भाग गये थे मैंने अपनी गाड़ी पर पीछे की तरफ फर्जी नं० प्लेट लगा रखी थी ताकि पीछे से भागते समय कोई मेरा गाड़ी का नम्बर न देख सके । पर मेरा शव प्लान पुलिस ने फेल कर दिया। यह सब मैने अपना कर्ज उतारने के लिए किया था। इसके अलावा भी एक होम्योपैथिक संचालक व एलोपैथिक स्टोर संचालक जो जगतपुर, बरेली शहर में है के अपहरण की योजना भी मैंने व मेरे साथियों ने मिलकर बनाई थी परन्तु वहाँ भीड़ भाड़ अधिक रहने के कारण पकड़े जाने के डर के कारण हमारी योजना फेल हो गयी थी।विवरण पूछताछ बरामद अपहृत हरीश कटियार-सिंहअपहृत श्री हरीश कटियार पुत्र गंगासरन कटियार द्वारा बताया कि वह मूल रूप से ग्राम पाण्डेपुर थाना पाली हरदोई का रहने वाला है तथा वर्तमान में जनपद बांदा में रहकर अण्डाचौक के पास किराये के मकान में रहकर अण्डे का थोक व्यापार करता है मेरी पत्नी जो सरकारी टीचर है वर्तमान में जनपद सीतापुर में नियुक्त है एव मेरी जुड़वाँ लड़कियों मेरी माँ के साथ कानपुर में रहकर पड़ती है। मेरे गांव के रहने वाले मेरे चचेरे अनुप कटियार पुत्र अमर जो अपने पिता के साथ पवन बिहार कालोनी बरेली में रहते हैं। गांव पर भी आते जाते रहते हैं एवं गांव से मेरे पास बांदा में भी कई बार आये गये हैं। पूर्व में इनकी आर्थिक दिक्तत थी तो मुझसे पैसे की मांग किये थे तो मैने एक बार इन्हें 01 लाख 20 हजार रुपये एवं एक बार 50 हजार रुपये देकर इनकी मदद की थी। लगभग 01 माह पहले यह मुझसे तीन लाख रुपया माँग किये थे किन्तु मैंने उस समय पैसा न होने के कारण एवं पहले का ही उधार लिया पैसा न देने के कारण मना कर दिया थ दिनांक 17/01/2025 को अनुप मेरे कमरे पर बांदा आये फिर खाना खाकर आराम किये और हमसे कहे कि चलो चित्रकूट चलकर घूमकर आते हैं किन्तु मेरा अण्डे के व्यापार का सीजन पल रहा है तो मैंने कहा कि अभी में नहीं जा सकता और फिर शाम को मैंने खाना बनाया और हम दोनों लोग खाये कि समय करीब 9-10 बजे रात मेरे अपने का एक ट्रक मण्डी में आ गया में उक्त ट्रक को देखने मण्डी तक गया और फिर कुछ देर बाद वापस आ गया। मेरे पास रहने के दौरान अनुप पर कई फोन आये जिससे यह बातचीत में अंकित नाम ले रहा था। जब मैने पूछा किसका फोन है तो बताया कि बरेली से कुछ लड़के चित्रकूट दर्शन करने आये हैं। वापस लोट रहे हैं। और फिर कुछ देर बाद ही उन लड़को से मिलने की बात कर पैदल ही चला गया था और मात्र 10 मिनट के अन्दर ही वापस आ गया कि इतना जल्दी कैसे तुम्हारे दोस्त चित्रकुट से आ गये और तुम मिल भी आये तो बताया कि चौराहे तक आ गये थे मैं बस हाल बात किया और पता आया। इसके बाद अन्दर से दरवाजा बन्द कर कुछ देर तक मोबाईल चलाकर हम दोनों से गये। रात्रि में अचानक ही मुझपर तीन चार लोग कंबल डालकर सोये हुए कपड़ो में ही उठाकर जबरदस्ती से जाने लगे जब में चित्ताने का प्रयास किया तो मेरे सिर पर तमंचा लगा दिये और फिर जबरदस्ती मुझे एक चारपहिया गाड़ी में डाल दिया और टेकर चल दिये। मेरा फोन भी छीन लिया। कुछ दूर चलने के बाद जब मेरे शिर से हटा तो देखा कि मैं पिछली सीट पर बैठा हूँ और मेरे अगल बगल दो लोग बैठे हैं। जिसमें एक व्यक्ति ने मेरे उपर तमंचा लगा रखा था आगे की सीट पर बायें तरफ एक व्यक्ति बैठा था और गाड़ी अनूप कटियार चला रहा था तथा वह गाड़ी भी अनूप की ही थी जब में पूछने का प्रयास किया तो तीनों लोगों ने कहा कि तुम्हारे और गाड़ी चला रहे व्यक्ति का अपरहण कर लिया गया है बोलेंगे तो गोली मार दी जायेगी। डर के मारे मैं कुछ नहीं बोल पाया। लेकिन मौका पाकर में ड्राईवर के आगे लगे शीशे से इशारा से अनूप को गाड़ी
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कहीं धाने पर ले जाने के लिए किया किन्तु उसने गाड़ी कहीं नहीं रोकी रात भर व दिनभर लेकर मुझे चलते रहे जब मुझे प्यास लगी तो मुझे पानी न देकर शराब पिलाते रहे। जिससे मुझे खूब ना होने लगा किन्तु मुझे इतना आभास हो रहा था कि यह लोग मुझे गाड़ी में लेकर शाजापुर एवं अन्य स्थानों पर लेकर घुमते रहे तथा फिर मुझे एक अन्धकार कोठरी में डालकर बन्धक बना दिये और यह कहा कि तुम्हे इस कोठरी में एवं तुम्हारे साथी को बगल वाली कोठरी में बन्द किया है। पिशाब कराने भी बाहर नहीं ले जा रहे थे बल्कि उसी कोठरी में ही पेशाब कराते थे और दिन के समय लोहे के बड़े बक्शे में बन्द कर देते थे ताकि बाहर में आवाज लगाकर किसी की मदद न ते स्कू पानी माँगने पर शराब पिलाते थे। मैं बिल्कुल लाचार हो गया था कि आप लोगों ने मुझे इनके चुंगल से छुड़ा लिया। साहब मुझे एक बात नहीं समझ आ रही है कि अगर मेरे साथ अनूप का अपहरण हुआ है तो रास्ते भर इतनी लम्बी यात्रा करने के बावजूद तथा गाड़ी से कई जगह उतरने के बाद एवं रासो में कई धना चौकियों को पास करने के बाद भी अनूप ने गाड़ी थाने के अन्दर क्यों नहीं ले गया और न ही किसी पुलिस वालों के पास रोका और में इसलिए मदद नहीं माँग सका क्योंकि इन लोगों ने मेरे उपर तमंचा लगा रखा था एवं अनूप से वह लड़के कई बार गाड़ी के पीछे से जाकर क्या बात कर रहे थे। और मेरा अपहरण हुआ तो घर का दरवाजा किसने खोता जबकि कुंडी मैंने खुद भीतर से बन्द की थी। साहब अब मुझे समझ में आया कि मेरा अपहरण अनूप कटियार ने अपने साथियों के साथ मिलकर किया है, जबकि मैंने इसकी पहले भी पैसे देकर मदद की थी और 3 लाख रुपये मदद के लिए 15 दिन बाद देने के लिए कहा था। पैसे के लालच में आकर अनूप ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर मेरा अपहरण कराकर फिरौती वसूलने की योजना बनाई है और अनूप ने मुझे यह दिखाने के लिए कि उसका भी अपहरण हुआ है झूटा नाटक किया है। मैं तो अनूप को अपने भाई से भी ज्यादा मानता था उसकी छोटी-मोटी आवश्यकताओं को भी पूरा करता था। उसे मेरे अण्डे के कारोबार से अच्छी-खासी कमाई की जानकारी भी थी। साहब में चाहता हूँ कि अनूप एवं उसके सभी साथियों, जिनका नाम अब स्पष्ट हो गया है, उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाये। इस प्रकार पूछतांछ करने पर अपहृत श्री हरीशा कटियार द्वारा उपरोक्त घटनाक्रम बताय गया है।नाम पता बरामद अपहृत (संबंधित मु0अ0सं0 57/25 धारा 140(2) बीएनएस थाना कोतवाली नगर बांदा उत्तर प्रदेश)1. हरीश कटियार पुत्र गंगासरन नि० पाण्डेपुर थाना पाली जिला हरदोई उम्र 36 वर्षनाम पता गिरफ्तार अपहरणकर्ता1. अनूप कटियार पुत्र अगर सिंह नि0 गणेशपुरम थाना बारादरी जिला बरेली उम्र 38 वर्ष2. अंकित उर्फ विनीत कटियार पुत्र कृष्णपाल निवासी मियाँपुर थाना भोजीपुरा बरेली (पुलिस मुठभेड़ में घायल) उम्र 29 वर्ष3. शाहिद पुत्र शराफत शाह नि० मियाँपुर थाना भोजीपुरा बरेली (पुलिस मुठभेड़ में घायल उम्र 23 वर्ष4. वीरू उर्फ बीरपाल पुत्र ओमप्रकाश नि० पीपरानानकार थाना देवरनिया बरेली (पुलिस मुठभेड़ में घायल) उम्र 25 वर्ष5. आकाश पुत्र नरेापात नि० पंडरीसमीप बरोर थाना नबावगंज बरेली उम्र 25 वर्ष6. उमाशंकर पुत्र ओमप्रकाश नि मियाँपुर थाना भोजीपुरा बरेली उम्र 45 वर्ष7. उदित पुत्र राकेश नि० मियाँपुर थाना भोजीपुरा बरेली उम्र 24 वर्ष8. हाती पनी अंकित उर्फ विनीत नि० मियाँपुर थाना भोजीपुरा बरेली उम्र 25 वर्षनाम पता फरार अपहरणकर्ता-1. खेमेन्द्र पुत्र उमाशंकर नि मियाँपुर थाना भोजीपुरा बरेली2. ललित पुत्र शिवस्वरूप नि० चनेटा थाना कैन्ट बरेली3. रजत उर्फ उमेश पुत्र हरीश कुमार नि० विबयापुर थाना भोजीपुरा बरेली
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