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बरेली ! संध्या ठाकुर…
भारत भर में बोली जाने वाली हिन्दी भाषा पूरी दुनिया के लिए गौरव की भाषा है। इसके बिना जग सूना है। अत: हम सभी को हिंदी का गौरव बरकरार रखने के लिए हमारी राष्ट्रभाषा का पूरी तरह समर्थन करना चाहिए।
– भारत में अनेक उन्नत और समृद्ध भाषाएं हैं किंतु हिन्दी सबसे अधिक व्यापक क्षेत्र में और सबसे अधिक लोगों द्वारा समझी जाने वाली भाषा है।
– हिन्दी केवल हिन्दी भाषियों की ही भाषा नहीं रही, वह तो अब भारतीय जनता के हृदय की वाणी बन गई है।
– सर्वोच्च सत्ता प्राप्त भारतीय संसद ने देवनगरी लिपि में लिखित हिन्दी को राजभाषा के पद पर आसीन किया है। अब यह अखिल भारत की जनता का निर्णय है।
– संसार में चीनी के बाद हिन्दी सबसे विशाल जनसमूह की भाषा है।
– प्रांतों में प्रांतीय भाषाएं जनता तथा सरकारी कार्य का माध्यम होंगी, लेकिन केंद्रीय और अंतरप्रांतीय व्यवहार में राष्ट्रभाषा हिन्दी में ही कार्य होना आवश्यक है।
– इसलिए हमारी इस राष्ट्रभाषा के बिना राष्ट्र गूंगा है। अत: राष्ट्र के गौरव का यह तकाजा है कि उसकी अपनी एक राष्ट्रभाषा हो। कोई भी देश अपनी राष्ट्रीय भावनाओं को अपनी भाषा में ही अच्छी तरह व्यक्त कर सकता है।
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