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स्वाद के नाम पर चर्बी परोस रहे पिज़्ज़ा कारोबारी !
स्वाद के नाम पर चर्बी परोस रहे पिज़्ज़ा कारोबारी !
टेस्ट के नाम पर धर्म का भी ख्याल नहीं रख रहे हैं पिज्जा कारोबारी चर्बी वाला पिज़्ज़ा पूरी तरह नॉनवेज होता है जबकि खाने वाले को पता नहीं होता है कि वह वेज खा रहा है या नॉनवेज …
जो कारोबारी गुणवत्ता से समझौता कर खाद्य पदार्थ बेच रहे हैं उनके विरुद्ध कार्रवाई करते हुए उन्हें सजा दिलायी जाए। इन उद्देश्यों की पूर्ति का जिम्मा खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग पर है। बरेली मंडल मुख्यालय भी है। यहां सहायक खाद्य आयुक्त और जिला अभिहित अधिकारी भी बैठते हैं।
जिला अभिहित अधिकारी के अधीन कई खाद्य सुरक्षा अधिकारी भी कार्यरत हैं लेकिन जनपद के लोगों के साथ कारोबारी धोखा कर रहे हैं। साठगांठ का खेल सेहत से खिलवाड़ कर रहा है। इसका ताजा उदाहरण डोमिनोज पिज्जा के सैंपल फेल होने का मामला है। दो साल पहले लखनऊ लैब से पिज्जा सैंपल की जांच में यह पुष्टि हो गयी कि पिज्जा में जानवर की चर्बी मिली है। इसके बावजूद पिछले 24 महीनों से शहर के लोगों को चर्बी वाला पिज्जा परोसा जा रहा है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग ने लखनऊ लैब की रिपोर्ट आने पर डीडीपुरम स्थित डोमिनोज पिज्जा बेचने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की।
कोलकाता लैब की रिपोर्ट आने पर भी लाइसेंस निरस्त नहीं किया गया। मामले में शासन ने संज्ञान ले लिया है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग की टीम ने 4 अक्टूबर, 2018 को डीडीपुरम स्थित जुब्लिएंट फूड वर्क लिमिटेड (डोमिनोज पिज्जा) की दुकान से पिज्जा का नमूना लिया। लखनऊ लैब में नमूना फेल होने के साथ ही उसमें जानवर की चर्बी मिलाने की पुष्टि भी हुई। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग के सूत्र बताते हैं कि कोलकाता से आयी रिपोर्ट और दो साल पहले लखनऊ लैब से मिली रिपोर्ट एक जैसी है।
29 को एसीजेएम प्रथम कोर्ट में डोमिनोज पिज्जा के अधिकारी तलब
4 अक्टूबर 2018 को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग ने डीडीपुरम स्थित डोमिनोज से पिज्जा का सैंपल लिया था। जांच में सैंपल फेल होने पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) प्रथम हरिश्चंद्र की अदालत में 22 सितंबर 2020 को एसएसडीए ने जुब्लिएंट फूड वर्क लिमिटेड डीडीपुरम (डोमिनोज पिज्जा) के खिलाफ खाद्य सुरक्षा एक्ट के अंतर्गत वाद पंजीकृत कराया है। कोर्ट ने वाद स्वीकृत करते हुए डोमिनोज पिज्जा संस्था के अधिकारियों को 29 अक्टूबर को अदालत में पेश होने को कहा है।
पिज्जा का मामला दबाने को लेकर मेरे विरुद्ध जांच चल रही है। नमूने की जांच रिपोर्ट दबायी गयी, ऐसा कहा जा रहा है जबकि मैंने पिज्जा का नमूना फेल होने की रिपोर्ट आने के बाद मामले में प्रक्रिया पूरी कराकर न्यायालय में वाद दर्ज करा दिया है। मामले में शासन स्तर से भी जांच करायी जा रही है। मैं ज्यादा कुछ नहीं कह सकता। -धर्मराज मिश्र, जिला अभिहित अधिकारी, खाद्य सुरक्षा विभाग
जिला अभिहित अधिकारी के पास ही रिपोर्ट आती है। यह रिपोर्ट भी उन्हीं के पास आयी है। खाद्य सुरक्षा एक्ट के तहत सैंपल के फेल आने की रिपोर्ट आने के बाद उत्पाद को वैन नहीं करेंगे, बार-बार जांच कराएंगे। हालांकि, विशेष परिस्थितियों में फूड लाइसेंस निरस्त किया जा सकता है। यह तो जिला अभिहित अधिकारी का विवेक है। वह किस नजरिये से मामला देख रहे हैं। मुझे अभी तक रिपोर्ट नहीं मिली है। न ही उन्होंने इस मामले से मुझे अवगत कराया है। दो साल बाद वही पुरानी रिपोर्ट सार्वजनिक हुई, इस बारे में जिला अभिहित अधिकारी ज्यादा बता सकते हैं। -संजय पांडेय, सहायक खाद्य आयुक्त, बरेली मंडल
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