भारत समेत इन 5 देशों में तैयार हो रही नाक से दी जाने वाली कोरोना वैक्सीन, पढ़े पूरी खबर
देश कोरोना वायरस की दूसरी लहर (Coronavirus 2nd Wave) से जूझ रहा है और नए मामलों के साथ मौत के आंकड़ों में उतार-चढ़ाव जारी हैं. इस बीच कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) को महामारी के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार माना जा रहा है. भारत में इस समय तीन वैक्सीन (कोवैक्सीन, कोवीशिल्ड और स्पूतनिक वी) दी जा रही है. हालांकि इस बीच नाक से दी जाने वाली वैक्सीन पर भी काम चल रहा है.
दुनियाभर के 5 देशों में चल रहा है नेजल वैक्सीन पर काम
कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के खिलाफ लड़ाई के लिए भारत समेत 5 देशों में नाक से दी जाने वाली कोरोना वैक्सीन (Nasal Corona Vaccine) का क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है. नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल का कहना है कि भारत बायोटेक अपनी नेजल वैक्सीन के 10 करोड़ डोज इस साल दिसंबर तक ला सकती है.
भारत बायोटेक कर रही नेजल वैक्सीन का ट्रायल
कोवैक्सीन (Covaxin) कोरोना वैक्सीन बनाने वाली भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन (WUSM) की मदद से BBV154 नाक का टीका विकसित किया है. हैदराबाद स्थित कंपनी नेजल वैक्सीन यानी नाक के टीके का ट्रायल कर रही है. कंपनी के मुताबिक नेजल स्प्रे की सिर्फ 4 बूंदों की जरूरत होगी. नाक के दोनों छेदों में दो-दो बूंदें डाली जाएंगी. क्लीनिकल ट्रायल्स रजिस्ट्री के अनुसार, 175 लोगों को नेजल वैक्सीन दी गई है, जिन्हें इन्हें तीन ग्रुप में बांटा गया है. पहले और दूसरे ग्रुप में 70 वॉलंटियर रखे गए हैं और तीसरे में 35 वॉलंटियर रखे गए हैं. हालांकि ट्रायल के नतीजे अभी आने बाकी हैं.
सीरम इंस्टीट्यूट की सिंगल डोज वाली वैक्सीन
भारत में कोविशील्ड (Covishield) वैक्सीन बनाने वाली सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) ने अमेरिकी कंपनी कोडाजेनिक्स (Codagenix) के साथ मिलकर इंट्रानेजल वैक्सीन COVI-VAC पर काम कर रही है, जो सिंगल डोज वाली वाली कोरोना रोधी वैक्सीन है. फिलहाल वैक्सीन के पहले चरण का क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है.
अमेरिकी कंपनी ऑल्टइम्यून की वैक्सीन
अमेरिकी कंपनी ऑल्टइम्यून (Altimmune), एडकोविड (AdCOVID) नाम की नाक से दी जाने वाली कोरोना वैक्सीन (Nasal Corona Vaccine) बना रही है. फिलहाल वैक्सीन के पहले चरण का क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है और इस साल दूसरी तीमाही तक ट्रायल के नतीजे सामने आ सकते हैं. कंपनी का कहना है कि वायरस नाक में रिपॉजिटरी बनाता है, जो ज्यादा प्रभावी होगी.
फिनलैंड भी बन रही है नाक से दी जाने वाली वैक्सीन
फिनलैंड (Finland) की रोकोटे लैब में भी कोरोना के खिलाफ जंग के लिए इंट्रानेजल वैक्सीन (नाक से दी जाने वाली वैक्सीन) पर काम चल रहा है.
कनाडा में बनी नेजल स्प्रे का चल रहा ट्रायल
कनाडाई कंपनी सैनोटाइज (SaNOtize) ने नेजल स्प्रे डेवलप किया है और इसके दो फेस के क्लिनिकल ट्रायल भी हो गए हैं, जो सफल रहे हैं. कुछ रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि कपंनी भारत में एंट्री के लिए पार्टनर की तलाश कर रही है.
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