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नासा ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक तस्वीर जारी की,खेतों में ‘फायर एक्टिविटी’ को बताया धुंंध का कारण

हर साल नवंबर माह में दिल्ली की आबोहवा प्रदूषित हो जाती है। इसके पीछे अन्य वजहों के अलावा हरियाणा व पंजाब की खेतों में पराली का जलना भी शामिल होता है। इस क्रम में NASA ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक तस्वीर पोस्ट की है। इसमें दिल्ली इन दिनों जिस धुएं की मोटी परतों में लिपटी है उसके पीछे की वजह बताई गई है।

नासा के मार्शल स्पेस फ्लाइट सेंटर में रिसर्च एसोसिएशन (USRA) के वैज्ञानिक पवन गुप्ता (Pawan Gupta) ने आग की गतिविधियों में इजाफे पर प्रतिक्रिया दी और बताया कि एक दिन में खेत में पराली जलाने जैसी घटना से करीब 2 करोड़ 20 लाख लोग प्रभावित हुए। NASA के एक सैटेलाइट से ली गई तस्वीर में यह स्पष्ट पता चल रहा है कि पंजाब और हरियाणा से उठा धुएं का गुबार दिल्ली की ओर किस कदर बढ़ रहा है।

तस्वीर 11 नवंबर की है जिसमें राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आस पास का इलाका धुएं की मोटी चादर में लिपटता दिख रहा है। इसके अलावा तस्वीर में लाल रंग के डाट (red dots) हैं जो पंजाब, हरियाणा और पाकिस्तान के कुछ इलाकों में बड़े स्तर पर आग को प्रदर्शित कर रहा है।

हालांकि इस साल दिल्ली एनसीआर में फैले धुंध और धुएं में पराली का योगदान कम बताया जा रहा है लेकिन NASA का कहना है कि  साल 2017 से अब तक की सबसे अधिक पराली पंजाब और हरियाणा में जलाई जा चुकी है। 2016 में पराली जलाने का रिकार्ड कायम हुआ था। तब कुल 8,4884 मामले सामने आए थे।

वैज्ञानिक पवन गुप्ता ने बताया कि साल 2020 में पूरे सीजन में पंजाब में पराली जलाने के 7,2373 मामले आए थे, वहीं 2021 में 7,4015 मामले 16 नवंबर तक हो चुके हैं। इसके बाद 2017 से अब तक पंजाब में 2021 में सबसे अधिक पराली जली है। 2017 से 2019 तक पराली जलाने के मामले में हर साल कमी दर्ज की गई थी।

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