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केरल के इडुक्की जिले में गोमांस खाने पर आदिवासी समुदाय ने 24 लोगों का किया बहिष्कार,इस समुदाय में गोमांस खाना वर्जित

केरल के इडुक्की जिले में आदिवासी समुदाय के 24 पुरुषों का गोमांस (Beef) खाने पर ऊरुकुट्टम (आदिवासियों की परिषद) द्वारा सामाजिक बहिष्कार किया गया है। इस समुदाय में गोमांस खाना वर्जित है। पुलिस ने बताया कि यह घटना इस पहाड़ी जिले के मरयूर वन क्षेत्र की है। स्थानीय स्वशासन और आदिवासी विभाग के अधिकारी आदिवासी समुदायों के प्रमुखों से मिलकर बातचीत के जरिये इस मामले को सुलझाने में लगे हैं। पुलिस में किसी ने इसको लेकर कोई शिकायत नहीं दर्ज कराई है, इसलिए इस मामले को कोई केस भी दर्ज नहीं किया गया है।

विभिन्न स्त्रोतों से मिली सूचनाओं के आधार पर पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन सभी 24 लोगों ने जंगल में अपनी झोपडि़यों से बाहर आकर गोमांस खाया था। ऊरुकुट्टम को जब इसके बारे में जानकारी हुई थी उसके प्रमुखों की बैठक में इन सभी का सामाजिक बहिष्कार करने का निर्णय किया गया। इन सभी को समुदाय की सदियों पुरानी परंपरा और रिवाज का उल्लंघन करने दोषी ठहराया गया है।

ईसाई मिशनरी के आश्रम में बच्चों को गोमांस खिलाकर मतांतरण का प्रयास

मध्य प्रदेश के सागर जिले में स्थित ईसाई मिशनरी के सेवाधाम बाल आश्रम पर बच्चों पर मतांतरण के लिए दबाव बनाने और उन्हें गोमांस खिलाने का आरोप लगा है। एक छात्र के पिता की शिकायत पर राष्ट्रीय बाल आयोग ने पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी कर 48 घंटे में कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। जानकारी के अनुसार मामला पांच दिसंबर का है। आरोप है कि सागर कैंट थाना अंतर्गत बरारू स्थित आश्रम में रह रहे बच्चों को गोमांस खिलाया गया। उनकी शिकायत पर अभिभावक समाजसेवी ओंकार सिंह के साथ रिपोर्ट दर्ज कराने कैंट थाने पहुंचे थे, लेकिन प्रकरण दर्ज नहीं किया गया।

मामले में मध्य प्रदेश के गृह मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने कहा, ‘सागर के बाल सेवाधाम आश्रम में बच्चों को गोमांस खिलाने और मतांतरण के लिए प्रेरित करने का मामला संज्ञान में आया है। पुलिस अधीक्षक तरन नायक को जांच कराने के निर्देश दिए गए हैं।’

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