नगर निगम ऋषिकेश में चार माह से फरार पार्षद शौकत अली के घर पुलिस ने कुर्की कर जब्त किया घरेलू सामान
नगर निगम ऋषिकेश के पार्षद शौकत अली के घर की पुलिस ने कुर्की कर घरेलू सामान जब्त कर लिया। चार माह पूर्व बैराज कालोनी में एक विधवा के घर में घुसकर मारपीट और उसकी पुत्री की गर्भस्थ शिशु की मौत के मामले में भाजपा पार्षद शौकत अली सहित पांच आरोपितों के खिलाफ मुकदमा किया गया था। घटना के बाद से सभी लोग फरार थे। बाद में दो ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया था। पार्षद,उसकी पुत्री और पुत्री की सास अभी तक फरार है। न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने कुर्की की कार्यवाही को पूरा किया।
बैराज कालोनी ऋषिकेश निवासी विधवा बबीता देवी ने इस वर्ष नौ जुलाई को बैराज कालोनी निवासी क्षेत्रीय पार्षद शौकत अली, उसके दामाद परवेज अंसारी, दामाद के भाई गोलू उर्फ शाहनवाज, पार्षद की पुत्री साजिया और उसकी सास कमरु निशा के विरुद्ध घर में घुसकर मारपीट व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। इस घटना में बबीता देवी की पुत्री के गर्भस्थ शिशु की कुछ दिन बाद मौत हो गई थी। आरोप था कि मारपीट के दौरान महिला की पुत्री को अंदरूनी चोट आई थी।
पुलिस ने कई मर्तबा पार्षद के ठिकानों पर दबिश दी मगर वह हाथ नहीं आया। जिसके बाद पुलिस ने न्यायालय में शौकत अली की संपत्ति कुर्की के लिए आवेदन किया। न्यायालय के आदेश पर एक सप्ताह पूर्व पुलिस ने शौकत के घर पर नोटिस चस्पा कर दिया था। नोटिस जारी करने की समय अवधि समाप्त होने के बाद भी वह पुलिस के हत्थे नहीं आया। इस मामले में इस बीच शौकत के दामाद परवेज अंसारी और दामाद का भाई गोलू उर्फ शाहनवाज ने न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था।
आइडीपीएल पुलिस चौकी प्रभारी नवीन डंगवाल ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर बुधवार को पार्षद के बैराज कालोनी स्थित आवास पर पुलिस टीम पहुंची। वहां जाकर पता चला कि करीब चार वर्ष पहले पार्षद जल विद्युत निगम से सेवानिवृत्त हो गया था। जिसके बाद सी- 24 बैराज कालोनी स्थित आवास मनोज कश्यप के नाम अलर्ट हो गया था। लेकिन पार्षद ने सरकारी आवास से अपना कब्जा नहीं छोड़ा था। इस दौरान उसने बैराज स्थित नेहरू ग्राम में अपना नया मकान बना लिया था। कुर्की की कार्यवाही करने के लिए पुलिस की टीम पार्षद शौकत अली के दोनों ठिकानों पर पहुंची। सरकारी आवास से कुछ फर्नीचर कब्जे में लिया गया। नेहरू ग्राम स्थित आवास से पुलिस ने टीवी,पलंग, चारपाई, फर्नीचर, क्रोकरी, घर के बर्तन आदि सामान कब्जे में लिया। पुलिस के मुताबिक नए घर में और भी सामान था, लेकिन उसके बिल अन्य लोग के नाम थे।
फरारी के दौरान ही बन गया मकान
पार्षद शौकत अली ने वैसे तो निर्दलीय चुनाव लड़ा था मगर, बाद में उसने भाजपा की सदस्यता ले ली थी। भाजपा संगठन ने उसे अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ का अध्यक्ष भी बनाया था। मामला दर्ज होने के बाद संगठन और पद दोनों से उसे हटा दिया गया। इसके बाद भी यह आरोप लगते रहे कि शौकत अली को संगठन के ही बड़े लोग का वरदहस्त प्राप्त है। बड़ी बात यह है कि अपनी फरारी के समय पार्षद ने अपने घर का निर्माण कार्य पूरा कराया और उसके अंदर साजों सामान भी उपलब्ध कराया। चौकी प्रभारी आइडीपीएल नवीन डंगवाल ने बताया कि नए घर में जब पुलिस टीम पहुंची तो जो कीमती सामान था वह पार्षद के नाम नहीं था। बल्कि उसके रिश्तेदारों के नाम पर उसके बिल भी उपलब्ध थे। अधिकतर सामान के बिल चार माह के अंतराल में खरीदे गए सामान के थे। पुलिस का कहना है कि शौकत अली शातिर दिमाग का है। उसने कुर्की को देखते हुए पहले से ही तैयारी कर रखी थी।
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