योगी सरकार 2.0 में अब तक 21 कुख्यात हुए ढेर, माफिया की एक वर्ष में 1849 करोड़ की संपत्ति की जब्त
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लखनऊ:- प्रयागराज में उमेश पाल की दिनदहाड़े हुई हत्या जैसी घटनाएं पुलिस के लिए बड़ी चुनौती रही हैं। इनके बीच कानून-व्यवस्था के मार्चे पर यूपी पुलिस लगातार अपने कदम भी बढ़ा रही है। योगी सरकार 2.0 के पहले एक वर्ष की बात की जाए तो पिछले पांच वर्षों में यूपी पुलिस ने संसाधनों की जो ताकत जुटाई है, उसके बलबूते पुलिस और आगे बढ़ने का प्रयास कर रही है।
माफिया के दो सहयोगियों को मृत्यु दंड की सजा
विशेषकर जीरो टालरेंस की नीति के तहत चिन्हित माफिया की काली कमाई से खड़ी इमारतों पर बुल्डोजर का प्रहार जारी है। एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि 16 मार्च, 2022 से 15 मार्च, 2023 तक माफिया की 1849 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त व ध्वस्त की गई है। एक वर्ष में पुलिस ने चिन्हित माफिया के विरुद्ध विचाराधीन 28 मुकदमों में प्रभावी पैरवी के बलबूते 13 माफिया व उनके 21 सहयोगियों को सजा कराने में भी कामयाबी पाई है। इनमें माफिया के दो सहयोगियों को मृत्यु दंड की सजा हुई है।
माफिया का आर्थिक साम्राज्य किया जा रहा ध्वस्त
पुलिस ने बीते एक वर्ष में पुलिस मुठभेड़ में 21 कुख्यात मारे गए हैं, इनमें माफिया गिरोह के 12 सक्रिय सदस्य शामिल हैं। जबकि छह वर्ष में कुल 179 अपराधी पुलिस मुठभेड़ में मारे गए हैं। इस दौरान 15 पुलिसकर्मी ने भी बदमाशों से मुकाबले में अपने प्राणों का बलिदान दिया है। यूपी पुलिस सुशासन, सुरक्षा व संवाद की नीति पर काम कर रही है।
माफिया का वर्गीकरण करके उनके आर्थिक साम्राज्य को ध्वस्त किया जा रहा है। माफिया के विरुद्ध निष्पक्ष कार्रवाई की जा रही है। कहा कि यूपी पुलिस जाति-धर्म देखकर कार्रवाई नहीं करती। चिन्हित माफिया व उनके विरुद्ध कार्रवाई के अलावा अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई के सभी आंकड़े सार्वजनिक हैं। उनको देखा जा सकता है। समय-सयम पर यूपी पुलिस पर इसे लेकर लगने वाले आरोप निराधार हैं।
ढाई गुणा बढ़ीं महिला पुलिसकर्मी
एडीजी ने कहा कि यूपी पुलिस में महिला पुलिस कर्मियों की संख्या लगभग ढाई गुणा बढ़ी है। वर्ष 2017 में यूपी पुलिस में 13,842 महिला पुलिसकर्मी थीं। वर्तमान में यूपी पुलिस में 33,877 महिला पुलिसकर्मी हैं। अब प्रदेश के थानों में महिला हेल्प डेस्क की स्थापना होने के साथ ही सड़क पर महिला पुलिसकर्मियों की मौजूदगी बढ़ी है। महिला अधिकारियों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है।
महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान व स्वावलंबन के लिए अक्टूबर 2020 से मिशन शक्ति अभियान चल रहा है। इसे आगे बढ़ाते हुए इस वर्ष महिला सशक्तिकरण रैली का आयोजन किया गया है। यह रैली नवरात्र पर बुधवार से आरंभ होकर 28 मार्च को अष्टमी पर समाप्त होगी। महिला व बाल सुरक्षा संगठन के समन्वय से रैली दो मार्गों पर पूरब से पश्चिम (विंध्याचल से आरंभ होकर गौतमबुद्धनगर तक) तथा उत्तर से दक्षिण (देवीपाटन धाम से ललितपुर तक) में समाप्त होंगी। महिला व बाल सुरक्षा संगठन के मुख्याल में रैली के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है।
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