UP: छात्रों का भविष्य बर्बाद, बोर्ड एग्जाम के लिए नहीं दिए एडमिट कार्ड, छूटी परीक्षा
UP Board Exam में हिस्सा लेने जा रहे 40 छात्रों को एक स्कूल ने एडमिट कार्ड नहीं दिया. इस वजह से ये छात्र बोर्ड परीक्षा में हिस्सा नहीं ले पाए.
उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में शिक्षा माफिया की दबंगई चरम पर है. शिक्षा माफियाओं ने 40 छात्र और छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है. इन्होंने बिना मान्यता हासिल किए स्कूल संचालित किया और यहां पर छात्रों को एडमिशन दिया. इस दौरान मनमानी फीस भी ली गई. लेकिन जब UP Board Exam शुरू हुए, तो वे परीक्षा दिलाने की व्यवस्था भी नहीं कर पाएं. दरअसल, यूपी में इस वक्त UP Board Exam करवाए जा रहे हैं. 10वीं और 12वीं दोनों ही क्लास की परीक्षाएं चल रही हैं.
ये मामला मोहनगंज थाना क्षेत्र के राम सिंह बहुआ स्थित विजय बहादुर सिंह पब्लिक स्कूल का है. पहली से 12वीं तक का ये स्कूल बिना मान्यता हासिल किए चल रहा था. बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों की नजर संचालक पर मेहरबान रही और ये स्कूल बेरोकटोक चलता रहा. संचालक छात्रों से मनमानी फीस लेते रहे और क्लास का भी संचालन करते रहे. वहीं, हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के परीक्षार्थी पूरे प्रयास से जुटे रहे. लेकिन उन्हें एडमिट कार्ड नहीं मिला. संचालक यहीं आश्वासन देते रहे कि परीक्षा से पहले सबको एडमिट कार्ड मिल जाएगा.
एडमिट कार्ड न मिलने पर गुस्साए छात्र
एडमिट कार्ड नहीं मिला तो परीक्षा प्रभावित हुई. छात्रों का सब्र भी जवाब दे गया और वे गुरुवार सुबह स्कूल गेट पर प्रदर्शन करने लगे. छात्रों ने बताया कि हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में 40 स्टूडेंट्स का बोर्ड रजिस्ट्रेशन कराने के लिए फीस, आधार कार्ड प्रिंसिपल की ओर से जमा कराया गया था. पूरे साल पढ़ाने की फीस भी ली गई. अब परीक्षा के समय उन्हें एडमिट कार्ड नहीं दिया जा रहा है. उनका एक साल बर्बाद हो रहा है. स्कूल संचालक ने उनका रजिस्ट्रेशन किस कॉलेज से कराया है इसकी भी कोई जानकारी नहीं है.
हमदर्दी में पहुंची पुलिस भी हुई विफल
वहीं, जब छात्रों प्रदर्शन की सूचना मिली तो मौके पर पहुंचे मोहनगंज प्रभारी निरीक्षक धीरेंद्र यादव ने प्रकरण की जानकारी एसडीएम फाल्गुनी सिंह के साथ ही बेसिक शिक्षा विभाग और माध्यमिक शिक्षा विभाग के अफसरों को दी. लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. छात्रों की परीक्षा छूट गई. इस दौरान मठिया मजरे मढ़ौना गांव निवासी सविता सिंह ने प्रबंधक रामकरन सिंह के खिलाफ शिकायती पत्र दिया. शिकायती पत्र में हाईस्कूल और इंटर में 40 छात्रों के रजिस्टर होने की बात कहते हुए एडमिट कार्ड न देने का आरोप लगाया गया है.
मौके से फरार हुए शिक्षा माफिया
मामले की जानकारी के बाद एसडीएम फाल्गुनी सिंह ने बीईओ नूतन जायसवाल के पहुंचने से पहले ही शिक्षा माफिया मौके से फरार हो गए. इसके बाद पूरे प्रकरण की जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया. 40 छात्रों का भविष्य संकट में है. बावजूद इसके जिम्मेदार लोग जांच का दावा करते हुए एक-दूसरे को जिम्मेदार बताने में जुटे हैं. छात्रों को एडमिट कार्ड न मिलने की सूचना के बाद स्कूल संचालक गायब है. प्रधानाचार्य और प्रबंधक का मोबाइल फोन बंद है.
प्रशासन ने जारी किया मान्यता न होने का नोटिस
बिना मान्यता स्कूल संचालित होने की जानकारी बेसिक शिक्षा विभाग को एक साल से है. विभागीय सूत्रों की मानें तो अप्रैल 2022 से जनवरी 2023 तक कई बार नोटिस जारी किया गया. इसके बाद भी स्कूल संचालित होता रहा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. ऐसे में यदि विभाग समय से सक्रिय होकर कार्रवाई कर देता तो आज छात्रों के भविष्य पर संकट के बादल न आए होते. यह भी सवाल उठता है कि माध्यमिक विभाग में भी ब्लॉक स्तरीय नोडल नामित होने के बावजूद उन्हें इसकी जानकारी नहीं हो सकी. जबकि स्कूल में पिछले कई सालों से इंटर तक की पढ़ाई की जा रही है.
मामले की जानकारी माध्यमिक शिक्षा विभाग के संज्ञान में आने के बाद भी विभाग अब तक यह पता नहीं लगा सका कि छात्रों का पंजीकरण किस कॉलेज से कराया गया है. यदि विभाग सिर्फ यह ही पता कर लेता कि विद्यार्थियों का पंजीकरण किस स्कूल में है तो ऑनलाइन एडमिट कार्ड दिया जा सकता था.
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