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यूपी: में पूरा हुआ ईस्टर्न और वेस्टर्न फ्रेट कारिडोर निर्माण, अब मालगाड़ियों की रेल लाइन अलग होने से बढ़ेगी रफ्तार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में ईस्टर्न और वेस्टर्न फ्रेट कारिडोर का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र के साथ शुक्रवार को डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर कारपोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआइएल) के अधिकारियों की हुई बैठक में यह जानकारी साझा की गई।

मुख्य सचिव ने कहा कि ईस्टर्न कारिडोर का सबसे बड़ा हिस्सा उत्तर प्रदेश में होने का लाभ प्रदेश के छोटे-बड़े उद्योगों को मिलेगा। मालगाड़ियों की रेल लाइन अलग होने से उनकी रफ्तार बढ़ेगी और माल ढुलाई में कम वक्त लगेगा।

बैठक में बताया गया कि ईस्टर्न फ्रेट कारिडोर की लंबाई 1337 किमी (सानेहवाल पंजाब से सोननगर-बिहार तक) तथा वेस्टर्न कारिडोर की लंबाई 1506 किमी है। ईस्टर्न कारिडोर का यूपी में 1097 किमी हिस्सा है जबकि वेस्टर्न फ्रेट कारिडोर का 19 किमी है, जिसका शत-प्रतिशत कार्य पूरा हो गया है।

इस परियोजना पर लगभग 34,200 करोड़ रुपये का व्यय किया गया है। यह कारिडोर प्रदेश के 20 जिलों सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, बुलंदशहर, गौतमबुद्धनगर, अलीगढ़, हाथरस, आगरा, फिरोजाबाद, इटावा, औरैया, कानपुर देहात, कानपुर नगर, फतेहपुर, कौशांबी, प्रयागराज, मीरजापुर, चंदौली से होकर गुजरते हैं।

इसमें कुल 48 स्टेशन (17 जंक्शन और 31 क्रासिंग स्टेशन) हैं। बैठक में लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव अजय चौहान, यूपीपीसीएल के एमडी पंकज कुमार, डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर कारपोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड के प्रबंध निदेशक आरके जैन, निदेशक (प्रोजेक्ट प्लानिंग) पंकज सक्सेना सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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