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दुर्गा सप्तशती पाठ के दौरान की गई ये गलतियां पड़ सकती हैं भारी :

शारदीय नवरात्र का पर्व अपने आप में बहुत शुभ माना जाता है। यह नौ दिनों और नौ रातों तक चलने वाला हिंदू त्योहार है। इस दौरान भक्त मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की उत्साह के साथ पूजा करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इन नौ दिनों  के दौरान, देवी दुर्गा पृथ्वी पर आती हैं और अपने भक्तों के सभी कष्टों को दूर करती हैं।

वहीं, इस दौरान भक्त दुर्गा सप्तशती का पाठ भी करते हैं, लेकिन कुछ विशेष नियमों  का पालन करना भूल जाते हैं, तो आइए इसके बारे में जानते हैं।

दुर्गा सप्तशती पाठ के दौरान इन बातों का रखें ध्यान

सबसे पहले पवित्र स्नान करें। फिर मां दुर्गा का ध्यान करें। देवी की विधिवत पूजा करें और उनका ध्यान करें। दुर्गा सप्तशती पाठ का संकल्प लें। नवरात्र के पहले दिन से दुर्गा सप्तशती पाठ की शुरुआत करें। पाठ के दौरान पवित्र और लाल वस्त्र धारण करें। दुर्गा सप्तशती को लाल चुनरी या वस्त्र से लपेटकर रखें। एक दिन में या फिर नौ दिनों में पूरे 13 अध्याय का पाठ पूर्ण करें। पाठ करते समय बीच में न उठें और न बोलें। ब्रह्मचर्य और पवित्रता का ध्यान रखें। पाठ जल्दबाजी में न करें, शब्दों का उच्चारण साफ और लय में करें।

पाठ पूर्ण होने के बाद क्षमा मांगे और माता रानी को उसे अर्पित करें। दुर्गा सप्तशती पाठ के दौरान मांस-मदिरा, लहसुन-प्याज का सेवन भूलकर भी न करें। व्रती तामसिक चीजों से दूर रहकर पाठ करें। पाठ के दौरान किसी के लिए बुरे भाव मन में न लाएं। दुर्गा सप्तशती का पाठ करते समय लाल आसन पर बैठें।

भय दूर करने के लिए

ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।

दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।

शक्ति प्राप्ति हेतु

या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

धन प्राप्ति हेतु

या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

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