Uttar Pradesh

उत्तर प्रदेश के निजी स्कूलों में फीस बढ़ाने को लेकर 14 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

उत्तर प्रदेश में निजी स्कूलों में फीस बढ़ाने को लेकर सरकार की तरफ से जारी हुए शासनादेश के खिलाफ दी गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 14 अगस्त को सुनवाई करेगा।

उत्तर प्रदेश में निजी स्कूलों में फीस बढ़ाने को लेकर सरकार की तरफ से जारी हुए शासनादेश के खिलाफ दी गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 14 अगस्त को सुनवाई करेगा। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना मामले की सुनवाई करेगी का करता नहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ मामले की सुनवाई करेगी। याचिकाकर्ता ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

हालांकि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी के निजी स्कूलों के मासिक फीस वसूलना करने की मांग को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट के इस फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की गई है।

1 जून को उत्तर प्रदेश के प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने फीस बढ़ाने को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इसी मामले में उपमुख्यमंत्री ने कहा था कि किसी भी तरह की स्कूल की फीस नहीं बनने दी जाएगी और अगर स्कूलों ने जबरदस्ती की तो भारी जुर्माना लगाया जाएगा।

कोरोना के संकट काल में  योगी सरकार ने एक आदेश निकाला था जिसमें सभी प्राइवेट स्कूलों में 1 साल के लिए फीस वृद्धि करने पर रोक लगा दी थी और साथ ही साथ वाहनों वाहन शुल्क लेने से भी इन रोक दिया गया था। जिसके खिलाफ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने उत्तर प्रदेश के हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

कोरोना के दौर में जब लोगों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। तब भी एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स का कहना है कि उन्हें हर साल की तरह इस साल भी फीस बढ़ाने के छूट दी जाए। एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल यूपी के प्रेसिडेंट अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि हम लोग लॉकडाउन में अभिभावकों की परेशानी समझ रहे हैं लेकिन स्कूलों की परेशानी को भी सरकार को समझना होगा।हम ऑनलाइन क्लासेस चला रहे हैं। लगातार लॉकडाउन में भी बच्चों को पढ़ा रहे हैं और जब तक लॉक डाउन रहेगा तब तक बच्चों को पढ़ाते भी रहेंगे, हमें शिक्षकों को सैलरी भी देनी है।

इस पूरे मामले पर डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने कहा कि हम लोगों ने सिर्फ 1 साल के लिए आदेश निकाला है। लोगों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। इसलिए स्कूल 1 साल के लिए फीस नहीं बढ़ाएं बल्कि हर महीने एक-एक करके फीस ले और एक साथ 3 महीने और 6 महीने की फीस को भी ना वसूल करें। साथ में जब बस नहीं चल रही है तो कोई भी वाहन शुल्क ना लिया जाए।

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