बिजली निजीकरण के विरोध में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश की प्रेस कॉन्फ्रेंस ।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रदेश के कई श्रम संघों, राज्य कर्मचारी संगठन और शिक्षक संगठन भी हुए शामिल। सरकार से बिजली के निजीकरण के प्रस्ताव को निरस्त करने की उठाई मांग। प्रदेश के सभी श्रम संगठन निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारियों के साथ उतरे। संयोजक शैलेंद्र दुबे सहित सभी नेताओं का कहना उत्तर प्रदेश में बिजली के निजीकरण के प्रस्ताव को सरकार को वापस लेना चाहिए किसी भी दशा में बिजली का निजीकरण नहीं होने दिया जाएगा ।
सरकार ने एस्मा लागू किया है लेकिन इसका हमारे आंदोलन पर कोई असर नहीं पड़ेगा हम आगे रणनीति तय करेंगे कि कैसे निजीकरण के विरोध में अपने आंदोलन को आगे बढ़ाना है।
लेकिन हम खुलकर इसका विरोध करते हैं मुख्यमंत्री से हमारी मांग है की बिजली के निजीकरण के प्रस्ताव को वापस ले क्योंकि यह सिर्फ उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी कर्मचारी और बिजली विभाग के ही नहीं बल्कि आम उपभोक्ता के हित में भी नहीं है।
लिहाजा उत्तर प्रदेश में बिजली का निजीकरण किसी भी हाल में नहीं होने दिया जाएगा।
अन्य खबरों के लिए हमसे फेसबुक पर जुड़ें। आप हमें ट्विटर पर फ़ॉलो कर सकते हैं. हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब कर सकते हैं।
किसी भी प्रकार के कवरेज के लिए संपर्क AdeventMedia: 9336666601