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नवनिर्मित 15 वृहद गोसंरक्षण केन्द्रों के लोकार्पण की तैयारियां शीघ्र पूरी की जाए

उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री श्री धर्मपाल सिंह ने कहा है कि निराश्रित गोवंश के संरक्षण कार्य नियमित रूप से संचालित किया जाए तथा गोआश्रय स्थलों में खंडविकास अधिकारियों एवं पशुचिकित्सा अधिकारियों द्वारा नियमित रूप से भ्रमण करते हुए शत-प्रतिशत पर्यवेक्षण किया जाए। निराश्रित गोवंशों के कारण हो रही दुर्घटनाआंें एवं अन्य शिकायतों का त्वरित संज्ञान लेकर उसका निस्तारण किया जाए। इसके साथ ही चारागाह/गोचर भूमि को शत-प्रतिशत कब्जा मुक्त कराकर हरा चारा उत्पादन कराया जाए और चारा विकास कार्यक्रम पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने नव निर्मित 15 वृहद गोसंरक्षण केन्द्रों के लोकार्पण की तैयारियां शीघ्र पूरा कराने के निर्देश दिये।
श्री धर्मपाल सिंह ने आज यहां विधानभवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में पशुधन विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि गोआश्रय स्थलों में गोवंश के ठंड से बचाव हेतु तिरपाल, अलाव व अन्य आवश्यक व्यवस्थायें तथा चारा, भूसा, पानी, प्रकाश, औषधि की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। श्री सिंह ने निर्देश दिये कि बकरी पालन तथा मुर्गी पालन की योजनाओं का व्यापक प्रचार करते हुए पात्र परिवारों को योजना का लाभ दिया जाए। वृहद गोसंरक्षण केन्द्रों का निर्माण ससमय पूर्ण किये जाए तथा गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए।
श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश के मा0 मुख्यमंत्री जी के दिशा-निर्देशन में निराश्रित गोवंश के संरक्षण एवं संवर्द्धन का कार्य निरन्तर किया जा रहा है। पशुपालकों एवं किसानों की आय में बढ़ोत्तरी करना सरकार का मुख्य उद्देश्य है। नस्ल सुधार एवं कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रमों को युद्ध स्तर पर संचालित किया जाए। गोशालाओं में गोवंश के भरण पोषण की व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाया जाए। पशुधन मंत्री ने निराश्रित गोवंश संरक्षण की अद्यतन स्थिति, प्रदेश में साइलेज टेंडर की समीक्षा, निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु अभियान, गोआश्रय पोर्टल में कब्जामुक्त भूमि एवं हरे चारे की बुआई, वृहद गोसंरक्षण केन्द्रों की स्थिति आदि बिन्दुओं की गहन समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
बैठक में पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री के0 रवीन्द्र नायक ने मंत्री जी को विभागीय योजनाओं की अद्यतन प्रगति से अवगत कराया। वर्तमान में 7695 गोआश्रय स्थलों पर 1231198 निराश्रित गोवंश संरक्षित हैं। प्रमुख सचिव ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि निराश्रित गोंवश के ठंड से बचाव हेतु पर्याप्त इंतजाम किये जाए और जहां कहीं भी कोई समस्या हो उसे तत्काल शासन को अवगत कराया जाए। गोआश्रय स्थलों के निरीक्षण के समय पशु चिकित्साधिकारी सभी बिन्दुओं की समीक्षा करें और निरीक्षण रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड करें।
बैठक में पशुधन विभाग के विशेष सचिव श्री देवेन्द्र पाण्डेय, पशुपालन निदेशालय के अपर निदेशक डा0 जयकेश पाण्डेय, संयुक्त निदेशक डा0 पी0एन0 सिंह सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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