Uttar Pradesh

छह एयरोब्रिज वाला यूपी का पहला एयरपोर्ट बनेगा प्रयागराज, महाकुंभ से पहले 125 करोड़ की लागत से होगा पुनर्विकास

 महाकुंभ 2025 से पहले प्रयागराज एयरपोर्ट छह एयरोब्रिज वाला यूपी का पहला एयरपोर्ट बन जाएगा। विश्वस्तरीय सुविधाओं के लिए प्रयागराज एयरपोर्ट का 175 करोड़ से पुनर्विकास होगा। अभी यहां एयरोब्रिज की संख्या दो है।

पुनर्विकास में चार नए ब्रिज विकसित होंगे। यह ब्रिज विमान के दरवाजे को हवाई अड्डे के टर्मिनल से जोड़ता है। विमान व और उड़ान की संख्या बढ़ाने से पहले इसका कार्य पूरा होगा। महाकुंभ में आने वाली भीड़ के आकलन के बाद अब सरकार प्रयागराज एयरपोर्ट को देश के 20 शहरों से जोड़ेगी।

जुलाई में पूरी हो जाएगी टेंडर प्रक्रिया

यहां विमान और यात्री क्षमता बढ़ाने के लिए योगी सरकार ने पुनर्विकास को मंजूरी दे दी है। टेंडर प्रक्रिया जुलाई महीने में पूरी कर ली जाएगी।

प्रयागराज एयरपोर्ट को 426 करोड़ रुपये से मात्र 11 माह में ही बनाया गया था। ऐसे में पुनर्विकास की प्रक्रिया भी सितंबर-अक्टूबर 2024 तक पूरी कर ली जाएगी। प्रयागराज एयरपोर्ट ने बिना किसी अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट के 25 हजार से अधिक विमानों के संचालन का रिकार्ड बना दिया है।

एयरपोर्ट ने यात्रियों की संख्या के मामले में 19 लाख के आंकड़े को छू लिया है। वर्ष 2023 के प्रथम पांच महीने में ही प्रयागराज एयरपोर्ट घरेलू उड़ान में नंबर वन गया है। पांच महीने में ढ़ाई लाख से अधिक यात्रियों का आवागमन हुआ। यूपी में किसी भी एयरपोर्ट की यह सर्वाधिक संख्या है।

लखनऊ और वाराणसी विमानों और यात्रियों की संख्या के मामले में अधिक हैं, लेकिन वहां अंतरराष्ट्रीय फ्लाइटों का भी आवागमन होता है। अभी इंडिगो एयरलाइंस व एलाइंस एयर यहां से दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, भुवनेश्वर, पुणे, रायपुर, भोपाल, इंदौर, लखनऊ, देहरादून, बिलासपुर, कोलकाता (तीन जुलाई से) के लिए फ्लाइट उपलब्ध करा रहे हैं।

2018 में पीएम ने किया था उद्घाटन

16 दिसंबर 2018 को प्रधानमंत्री ने इसका उद्घाटन किया था। जबकि एक जनवरी 2019 से विमानों का संचालन शुरू हुआ।

क्या होगा प्रमुख कार्य

एयरपोर्ट पर अभी 6700 वर्ग मीटर का एक टर्मिनल है। इसमें 320 यात्री एक साथ बैठ सकते हैं। पुनर्विकास में टर्मिनल 9500 वर्गमीटर का हो जाएगा। एक नई टर्मिनल बिल्डिंग बनेगी, जिसमें 500 यात्री एक साथ बैठ सकेंगे।

कुंभ तक यहां एक समय में 820 यात्रियों के बैठने की क्षमता होगी। पूरी बिल्डिंग सौर ऊर्जा से संचालित होगी। एप्रन की क्षमता बढ़ेगी और एक साथ यहां 15 विमान खड़े हो सकेंगे।

प्रतिवर्ष यात्रियों का आवागमन

2019 में 390803 यात्री

2020 में 348752 यात्री

2021 में 445529 यात्री

2022 में 548310 यात्री

2023 में 254840 (मई तक)

इन शहरों के लिए फ्लाइट का प्रस्ताव

चेन्नई, अहमदाबाद, जयपुर, जम्मू, हैदराबाद, गुवाहाटी, पटना और नागपुर के लिए विमान संचालन के प्रस्ताव पर विचार चल रहा है ।

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