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दुनिया के टॉप इंस्टीट्यूट्स ही भारत में खोल सकेंगे कैंपस, फीस में छूट और… UGC ने बनाए ये नियम

यूजीसी ने कहा, “अगर कोई फॉरेन हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट (FHEIs) विदेशी योगदान प्राप्त करना या उसका उपयोग करना चाहता है, तो उसे विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 के तहत रजिस्टर्ड या पहले परमिशन लेनी होगी और एफसीआरए के तहत कानूनी आवश्यकता का अनुपालन करना होगा.’

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने विदेशी विश्वविद्यालयों के लिए भारत में कैंपस स्थापित करने से लेकर चलाने तक के लिए नियम जारी कर दिया हैं. यूजीसी चेयरमैन मामीडाला जगदीश कुमार ने कहा कि इन नियमों का उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) की सिफारिशों  के अनुरूप भारत में विदेशी हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स (FHI) के एडमिशन प्रोसेस को आसान बनाना और भारत में हायर एजुकेशन को एक अंतरराष्ट्रीय आयाम प्रदान करना है. इन नियमों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि (भारत) कैंपस में दी जाने वाली शिक्षा मूल देश के मुख्य परिसर के बराबर है और इसका संचालन लागू कानूनों और विनियमों का अनुपालन करता है.

टॉप 500 विदेशी विश्वविद्यालय ही खोल सकते हैं भारत में कैंपस

नियमों के अनुसार, “भारत में कैंपस स्थापित करने के इच्छुक विदेशी संस्थानों को समय-समय पर आयोग द्वारा तय की गई वर्ल्ड रैंकिंग की समग्र श्रेणी में टॉप 500 के अंदर स्थान हासिल प्राप्त होना चाहिए. वर्ल्ड रैंकिंग की सब्जेक्ट वाइज कैटेगरी में 500 और किसी विशेष क्षेत्र  में उत्कृष्ट विशेषज्ञता होनी चाहिए, जैसा कि समय-समय पर आयोग द्वारा तय किया जाता है

यूजीसी ने कहा, “अगर कोई फॉरेन हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट (FHEIs) विदेशी योगदान प्राप्त करना या उसका उपयोग करना चाहता है तो उसे विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 के तहत रजिस्टर्ड या पहले परमिशन लेनी होगी और एफसीआरए के तहत कानूनी आवश्यकता का अनुपालन करना होगा.’

“दो या दो से अधिक विश्वविद्यालय भारत में परिसर स्थापित करने के लिए सहयोग कर सकते हैं, बशर्ते प्रत्येक संस्थान व्यक्तिगत रूप से पात्रता मानदंडों को पूरा करता हो. प्रत्येक विदेशी विश्वविद्यालय भारत में एक से अधिक परिसर स्थापित कर सकता है. हालांकि, उन्हें  प्रत्येक प्रस्तावित परिसर के लिए एक अलग आवेदन करना होगा.

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