विश्व बाल दिवस की पूर्व संध्या पर बच्चों के आत्मसम्मान को बढ़ावा देने के लिए हुआ कार्यक्रम का आयोजन
विश्व बाल दिवस की पूर्व संध्या पर प्रदेश के सीतापुर, हरदोई, बाराबंकी, बहराइच, रायबरेली एवं लखनऊ के उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लगभग 350 बच्चों ने लखनऊ स्थित दयाल गेटवे होटल में आयोजित ‘प्रगति 2024- स्वाभिमान और सफलता की ओर’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का आयोजन यूनिसेफ एवं समग्र शिक्षा अभियान उत्तर प्रदेश द्वारा किया गया जिसका उद्देश्य बच्चों के आत्मसम्मान को बढ़ावा देना एवं उन्हें प्रोत्साहित करना था।
कार्यक्रम में विश्व बाल दिवस की बधाई देते हुए यूनिसेफ उत्तर प्रदेश के प्रमुख, डॉ ज़कारी ऐडम ने बच्चों को बाल अधिकार के विषय में बताया। उन्होंने कहा,“बच्चों को अपने अधिकारों के विषय में जानना चाहिए और अपने आत्मसम्मान को भी बनाए रखना चाहिए”। उन्होंने बच्चों को बताया की 2024 भारत में यूनिसेफ का 75वां वर्ष है और इस वर्ष 20 नवंबर को हम संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार समझौते के भी 35 वर्ष मन रहे हैं। इस बार बाल दिवस का थीम ‘भविष्य की बात सुनें’ है।
कार्यक्रम में बच्चों द्वारा लिंग समानता, आत्मसम्मान, विज्ञान, भेदभाव एवं विविधता विषयों पर कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए एवं एक प्रदर्शिनी का भी आयोजन किया गया जिसमें अध्यापकों के लिए टीचिंग लर्निंग सामग्री भी प्रदर्शित की गई। अलग अलग विद्यालयों के बच्चों ने अपने द्वारा किए जा रहे रचनात्मक कार्यों को भी प्रदर्शित किया। बच्चों ने अपने सपनों के स्कूल संबंधित एक ज्ञापन शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भेंट किया।
अपर राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा सुश्री एकता सिंह ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा की ऐसे कार्यक्रमों से अध्यापकों एवं बच्चों को अन्य विद्यालयों में किए जा रहे प्रयासों के विषय में पता चलता है एवं उनसे सीखने का मौका मिलता है। उन्होंने कहा की जब बच्चे अपने कार्यों को सबके समक्ष प्रस्तुत करते हैं तो उनका आत्मविश्वास बढ़ता है और उन्हें और बेहतर कार्य करने की प्रेरणा मिलती है। यूनिसेफ नई दिल्ली से आई शिक्षा विशेषज्ञ सुश्री प्रमिला मनोहरम ने बच्चों से कहा, “हर बच्चा खास है इसलिए खुद की बराबरी किसी से न करें और अपने आत्मसम्मान को सदैव बनाए रखें।“
श्री मुकेश सिंह वरिष्ठ विशेषज्ञ बालिका शिक्षा समग्र शिक्षा अभियान उत्तर प्रदेश ने बच्चों से उनके सपनों के विषय में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा, “अक्सर बच्चे अपने दोस्तों से सुन कर या परिवार द्वारा बताए गए विकल्पों को ही अपने भविष्य का सपना समझते हैं। किन्तु उन्हें अपने परिवेश से बाहर निकल कर अपने सपनों को समझना चाहिए और खुल कर अपने सपनों को उड़ान देनी चाहिए। यूनिसेफ ने समग्र शिक्षा अभियान के साथ मिल कर 2022 में प्रदेश के 20 जिलों में आत्मसम्मान कार्यक्रम की शुरुआत की थी जिसकी सफलता के आधार पर इसे पूरे राज्य में बढ़ाया गया।
कार्यक्रम के विषय में अधिक जानकारी देते हुए यूनिसेफ उत्तर प्रदेश के शिक्षा विशेषज्ञ श्री ऋत्विक पात्रा ने कहा, “आत्मसम्मान शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में किशोरों के मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक भागफल का अभिन्न अंग है। इसका सीधा प्रभाव उनके आत्म विश्वास पर पड़ता है। आत्मसम्मान को बढ़ावा देने से संचार एवं समस्या का समाधान ढूँढने की क्षमता का भी विकास होता है।
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