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 दो दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन, ‘टीबी हारेगा, देश जीतेगा’ के मंत्र पर बात

चंडीगढ़, 20 नवंबर – हरियाणा की स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री कुमारी आरती सिंह राव ने आज मल्टी-ड्रग रेसिस्टेंट ट्यूबरकुलोसिस के प्रबंधन के लिए नई व्यवस्था पर स्वास्थ्य पेशेवरों को प्रशिक्षित करने के लिए  एक कार्यशाला के उद्घाटन किया।

          इस अवसर पर कुमारी आरती सिंह राव ने कहा कि यह कार्यशाला एमडीआर टीबी के खिलाफ प्रदेश की लड़ाई को और मजबूत करने की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि स्वास्थ्य सेवाएं नवीनतम उपचार प्रोटोकॉल की पालना करे और रोगी के उपचार और देखभाल में बेहतरीन तरीकों को अपनाया जाए।

          उन्होंने कहा कि मल्टी-ड्रग रेसिस्टेंट ट्यूबरकुलोसिस (एमडीआर टीबी) से निपटने में स्वास्थ्य कर्मियों की क्षमता बढ़ाने की बहुत आवश्यकता है। यह विषय देश में सबसे अधिक चुनौतीपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंताओं में से एक है।

          स्वास्थ्य मंत्री ने टीबी के निदान, उपचार और परिणामों को बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला और विशेष रूप से दवा प्रतिरोधी संबंधित चुनौतियों पर बात की। उन्होंने  निक्षय शिविर के दौरान सामुदायिक भागीदारी पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि सामुदायिक भागीदारी टीबी मामलों को खोजने में बहुत सहायक सिद्ध होगी।

          स्वास्थ्य मंत्री ने  कहा कि प्रदेश सरकार प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन जारी रखेगी और एमडीआर टीबी से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराएगी।

          इस अवसर पर विधायक डॉ. कृष्ण कुमार ने अपने संबोधन में टीबी नियंत्रण कार्यक्रम के इतिहास पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने सभी हितधारकों से टीबी उन्मूलन के महान कार्य में सक्रिय रूप से योगदान देने की अपील की।

          स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव,श्री सुधीर राजपाल ने भी प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए सभी हितधारकों से टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सहयोग से काम करने का आग्रह किया। उन्होंने दोहराया कि टीबी के खिलाफ लड़ाई एक सामूहिक जिम्मेदारी है। बेहतर प्रशिक्षण, समय पर निदान और रोगी-केंद्रित देखभाल इस विषय की सफलता सुनिश्चित करने का मजबूत तरीका है।

          हरियाणा के निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं, हरियाणा डॉ. ब्रह्मदीप सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर टीबी की रोकथाम में बदलाव ला सकते हैं। हम टीबी के खिलाफ लड़ाई में अपने प्रयासों को मजबूत कर रहे हैं और भारत के टीबी मुक्त राष्ट्र के सपने को पूरा करने में भी योगदान दे रहे हैं।

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