
H5N1 वायरस, जिसे आमतौर पर बर्ड फ्लू के नाम से जाना जाता है, एक प्रकार का एवियन इन्फ्लुएंजा है जो मुख्यतः पक्षियों को संक्रमित करता है। लेकिन हाल के घटनाक्रमों से यह स्पष्ट हो रहा है कि यह वायरस अब मनुष्यों और अन्य जानवरों को भी प्रभावित करने लगा है। अमेरिका में इसके तेजी से फैलाव ने चिंता को और बढ़ा दिया है, खासकर तब जब यह मवेशियों और कुछ इंसानों में भी पाया गया है।
संक्रमण के बढ़ते खतरे पर वैश्विक चेतावनी
ग्लोबल वायरस नेटवर्क — जो कि 40 से ज्यादा देशों के मानव और पशु वायरस वैज्ञानिकों का प्रतिनिधित्व करता है — ने इस बढ़ते खतरे को देखते हुए दुनियाभर की सरकारों से सतर्कता और त्वरित कार्रवाई की अपील की है। प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल LANCET में प्रकाशित रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि अमेरिका में डेयरी गायों और इंसानों में H5N1 संक्रमण की पुष्टि के बाद महामारी का खतरा पहले से अधिक गंभीर हो गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक 995 से अधिक डेयरी गायों के झुंड और कम से कम 70 लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं।
वायरस का फैलाव कैसे होता है?
H5N1 वायरस आमतौर पर संक्रमित पक्षियों के मल, लार या पंखों के संपर्क में आने से फैलता है। यदि कोई व्यक्ति अधपके संक्रमित मांस का सेवन करता है, तो उससे भी संक्रमण हो सकता है। ताजा रिपोर्ट्स के अनुसार, यह वायरस अब पशुओं खासकर मवेशियों में भी फैल चुका है, और कुछ मामलों में यह इंसानों तक भी पहुंच गया है। यही कारण है कि इसे अब केवल एक पशुजनित बीमारी नहीं, बल्कि एक संभावित सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट के रूप में देखा जा रहा है।
H5N1 का इतिहास और वैश्विक संदर्भ
इस वायरस की पहचान सबसे पहले 1996 में चीन के जंगली गीज़ में हुई थी। इसके बाद यह मुर्गियों में तेजी से फैला और अंततः इंसानों को भी संक्रमित करने लगा। हालांकि H5N1 अभी तक इंसानों के बीच आसानी से नहीं फैलता है, लेकिन जिन मामलों में यह फैला है, उनमें मृत्यु दर काफी अधिक रही है, जिससे इसे एक खतरनाक वायरस के रूप में माना जाता है।
लक्षण और सतर्कता के उपाय
2025 में अमेरिका के विभिन्न राज्यों में H5N1 के कई मामले सामने आए हैं, विशेष रूप से डेयरी फार्म्स और पोल्ट्री उद्योग में। अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसियां इस वायरस पर लगातार नजर रख रही हैं। इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति में तेज बुखार, खांसी, गले में खराश, सांस की तकलीफ, बदन दर्द और कभी-कभी निमोनिया जैसे लक्षण देखे जा सकते हैं।
बचाव के लिए जरूरी है कि संक्रमित पक्षियों या जानवरों से दूरी बनाई जाए। मांस और अंडों को अच्छी तरह से पकाकर ही खाएं। खेतों या फार्मों में काम करने वाले लोग मास्क और दस्ताने पहनें और व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखें। किसी भी असामान्य लक्षण पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।
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