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गरीब किसानों की फसलों तथा मार्ग दुर्घटनाओं के कारण जनहानि को रोकने के लिए दृढ़ संकल्पित

उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री श्री धर्मपाल सिंह ने आज पशुपालन निदेशालय में निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु 07 जनपदों के 12 वृहद गो संरक्षण केन्द्रों का वर्चुवल लोकार्पण  किया। प्रदेश के जनपद आगरा, शाहजहांपुर, उन्नाव में दो-दो, संभल में तीन तथा अमेठी, गोंडा एवं झांसी में एक-एक वृहद गो संरक्षण केंद्रो का शत प्रतिशत निर्माण पूर्ण हो चुका है। इन केंद्रों के निर्माण में राज्य सरकार द्वारा प्रति केंद्र रु 160.12 लाख अर्थात कुल रु0 1921.44 लाख की धनराशि व्यय की गई है। प्रति केंद्र में लगभग 400 गोवंश को संरक्षित किया जा सकता है।
पशुधन मंत्री ने इस अवसर पर संबंधित जनपदों के मुख्य पशु चिकित्साधिकारियों को निर्देशित किया कि गोवंश संरक्षण के कार्यों को पूरी गंभीरता और संवेदनशीलता के साथ किया जाए केन्दों पर सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए। गोशालाओं में गाय भूखी न रहे और चारा, भूसा, प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था हो। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार निराश्रित गोवंशों के कारण गरीब किसानों की फसलों को नुकसान तथा मार्ग दुर्घटनाओं के कारण जनहानि को रोकने के लिए दृढ़ संकल्पित है, जिसके परिणामस्वरूप सरकार द्वारा निराश्रित गोवंशों के संरक्षण हेतु नीति का प्रख्यापन कर ग्रामीण क्षेत्रों में 6,672 अस्थायी, 321 वृहद गो संरक्षण केंद्र तथा 307 कांजी हाउस एवं शहरी क्षेत्र में 289 कान्हा गो आश्रय सहित कुल 7,589 गो आश्रय स्थलों की स्थापना की जा चुकी है। इसमें कुल 12,08,088 गोवंश संरक्षित है। अभी तक कुल 522 वृहद गो संरक्षण केंद्रों की स्वीकृति प्रदान की गई है, जिसके सापेक्ष 321 केंद्र क्रियाशील हो चुकी हैं। इन केंद्रों में कुल 187919 निराश्रित गोवंश संरक्षित है।
श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी के दिशा-निर्देशन में निराश्रित गोवंश का संरक्षण एवं संवर्धन निरंतर किया जा रहा है। पशुपालकों एवं किसानों की आय में बढ़ोत्तरी करना हमारा मुख्य उद्देश्य है और इस दिशा में विभाग द्वारा निरन्तर सार्थक एवं सराहनीय कार्य किया जा है। उन्होंने कहा कि पशुधन के स्वास्थ्य एवं उत्पादकता के दृष्टिगत टीकाकरण कार्य नियमित रूप से सम्पादित किया जा रहा है और विभाग की सभी योजनाओं का लाभ किसानों और पशुपालकों को दिया जा रहा है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि नस्ल सुधार एवं कृत्रिम गर्भाधान पर जोर दिया जाये। विभाग की योजनाओं का लाभ किसानों और पशुपालकों को पहुचाया जाए और योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाए।

कार्यक्रम में प्रमुख सचिव पशुधन एवं दुग्ध विकास श्री के0 रविन्द्र नायक ने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व और पशुधन विकास मंत्री के मार्गदर्शन में विभाग द्वारा  निराश्रित गोवंश का गो आश्रय स्थलों में निरंतर संरक्षण किया जा रहा है। विगत तीन माह के भीतर माननीय मंत्री जी द्वारा बरेली के 09 केंद्रों तथा मुरादाबाद, बागपत, जालौन, मथुरा, उन्नाव व अमेठी में 12 केंद्रों सहित कुल 21 केंद्रों के लोकापर्ण किया जाना उनके दृढ संकल्प एवं समर्पण का द्योतक है। आज लोकार्पण किए जा रहे 12
केंद्रों में 06 केंद्र वर्ष 2022-23 तथा 06 केंद्र वर्ष 2023-24 में स्वीकृत किए गए थे। उन्होंने बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में माननीय मंत्री जी की प्रेरणा से 400 गोवंश धारण क्षमता की 45 केंद्रों की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है, जिनका निर्माण जून 2025 तक पूर्ण किए जाने का लक्ष्य है। इस वित्तीय वर्ष के निर्माण हेतु प्राविधानित धनराशि रू0- 140 करोड़ के सापेक्ष रू0- 88.13 करोड़ की वित्तीय स्वीकृति निर्गत की जा चुकी है।
कार्यक्रम में पशुधन विभाग के विशेष सचिव श्री देवेन्द्र पांडे, पशुपालन विभाग के निदेशक, प्रक्षेत्र डॉ0 पी0एन0 सिंह तथा अपर निदेशक डॉ0 अरविन्द कुमार सिंह तथा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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