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स्वस्थ भविष्य का निर्माण: एमवे इंडिया ने बाल कुपोषण से निपटने के लिए लखनऊ में अपने ‘पावर ऑफ 5’ अभियान का किया विस्तार 

Building a Healthy Future: Amway India extends its ‘Power of 5’ campaign in Lucknow to tackle child malnutrition

 बच्चों में कुपोषण से निपटने और भारत में स्वास्थय को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, स्वास्थ्य और खुशहाली का समर्थन करने वाली अग्रणी कंपनियों में से एक, एमवे इंडिया ने चाइल्डफंड इंडिया के साथ साझेदारी में अपने प्रतिष्ठित कार्यक्रम ‘पावर ऑफ 5’ का लखनऊ में विस्तार करने की घोषणा की है। हरियाणा, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में लाखों लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालने के बाद, यह कार्यक्रम अब लखनऊ तक अपनी पहुंच बढ़ा रहा है। स्वास्थ्य और खुशहाली को बढ़ाने के लिए एमवे की दृढ़ प्रतिबद्धता के हिस्से के रूप में, यह पहल बच्चों, माताओं और देखभाल करने वालों को प्रभावी पोषण संबंधी शिक्षा और मार्गदर्शन के साथ लक्षित करती है। इस कार्यक्रम के माध्यम से, एमवे इंडिया न केवल व्यक्तिगत जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास करता है, बल्कि स्वस्थ परिवारों और समुदायों के लिए एक आधार तैयार करता है, जो लोगों को बेहतर, स्वस्थ जीवन जीने में मदद करने के कंपनी के दृष्टिकोण के साथ पूरी तरह से मेल खाता है।

इस विस्तार पर टिप्पणी करते हुए एमवे इंडिया के प्रबंध निदेशक रजनीश चोपड़ा ने कहा, “एक हालिया रिपोर्ट भारत में बच्चों में कुपोषण की चिंताजनक व्यापकता को रेखांकित करती है। इसमें कहा गया है कि 6 वर्ष से कम आयु के लगभग 8.57 करोड़ बच्चों में से 17% कम वजन वाले, 36% बौने और 6% कमजोर हैं। एमवे इंडिया द्वारा सरकार के राष्ट्रीय पोषण मिशन के साथ संरेखित करते हुए लखनऊ में पावर ऑफ 5 कार्यक्रम का शुभारंभ इस महत्वपूर्ण मुद्दे को संबोधित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। न्यूट्रीलाइट के साथ हमारी 90 साल की विरासत हमें जरूरत-आधारित स्वास्थ्य और खुशहाली समाधान प्रदान करने में एक विशेष बढ़त देती है। पोषण क्षेत्र में हमारी व्यापक विशेषज्ञता और हमारे सहयोगी चाइल्डफंड इंडिया के समर्पित प्रयासों के साथ, हमारा लक्ष्य बच्चों और उनके परिवारों के जीवन में एक सार्थक बदलाव लाना है। वर्ष 2018 से, हमने अपने पावर ऑफ़ 5 कार्यक्रम के माध्यम से 5,00,000 से अधिक व्यक्तियों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है, और वर्ष 2024 के अंत तक, हमारा लक्ष्य 7,50,000 से अधिक लोगों को लाभान्वित करना है। हमारा मिशन अपनी पहुँच का विस्तार जारी रखना और पूरे भारत में एक स्थायी, सकारात्मक बदलाव लाना है ताकि एक स्वस्थ भविष्य का मार्ग प्रशस्त हो सके।”

श्री चन्द्रशेखर पांडे, निदेशक, कार्यक्रम, चाइल्डफंड इंडिया ने कहा, “पावर ऑफ 5 कार्यक्रम के माध्यम से एमवे इंडिया के साथ हमारा सहयोग बचपन में कुपोषण के खिलाफ हमारी लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है। लखनऊ में इस पहल की शुरुआत के साथ, हम जरूरी पोषण प्रदान करने और दीर्घकालिक स्वास्थ्य सुधारों को बढ़ावा देने के लिए समर्पित हैं। यह साझेदारी न केवल तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने में मदद करती है, बल्कि सतत विकास के लिए ज्ञान और संसाधनों के साथ परिवारों को सशक्त बनाती है। हम स्वास्थ्य समानता को आगे बढ़ाने और जिन समुदायों में हम काम करते हैं, उन पर सार्थक प्रभाव डालने के लिए मिलकर काम करने के लिए उत्साहित हैं।”

लखनऊ में, यह कार्यक्रम 100,000 से ज़्यादा लोगों को लक्षित करेगा, जिसमें 50,000 से ज़्यादा माताएं, देखभाल करने वाले और 0-6 साल की उम्र के 5,000 बच्चे शामिल होंगे। यह कार्यक्रम शहर भर में लगभग 25 मलिन बस्तियों में लागू किया गया है जो 100 से ज़्यादा आंगनवाड़ी केंद्रों को कवर करेगा I 5,000 बच्चों में से, 3-6 वर्ष की आयु के 1,000 कुपोषित बच्चों को न्यूट्रिलाइट लिटिल बिट्स दिए जाएंगे, जो बेहतर स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया एक सूक्ष्म पोषक तत्व पूरक है।

इस पहल के तहत माता-पिता और देखभाल करने वालों को पोषण संबंधी आवश्यक तौर-तरीकों, जैसे कि उचित आहार तकनीक, आहार की गुणवत्ता और आयु-उपयुक्त पूरक आहार के बारे में शिक्षित किया जाएगा। इसमें स्वच्छ पेयजल, व्यक्तिगत स्वच्छता, सही तरीके से हाथ धोने और खाद्य सुरक्षा सहित डब्लयूएएसएच (WASH) (जल, स्वच्छता और स्वास्थ्य) संबंधी तौर-तरीकों पर भी जोर दिया जाएगा। पावर ऑफ़ 5 कार्यक्रम व्यापक सामुदायिक सहभागिता और समर्थन सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय नगर निगम, आईसीडीएस (ICDS) विभाग और स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों के साथ मिलकर काम करेगा।

वर्ष 2018 में शुरुआत के बाद से, पावर ऑफ़ 5 कार्यक्रम ने लक्षित पोषण शिक्षा और मार्गदर्शन के माध्यम से 100,000 बच्चों सहित 5,00,000 से अधिक व्यक्तियों को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। वर्ष 2024 के अंत तक, इस कार्यक्रम का लक्ष्य लखनऊ, मुंबई, कोलकाता और अन्य जगह लगभग 250,000 लोगों तक पहुँचना है, जिससे लाभार्थियों की कुल संख्या 750,000 तक हो जाएगी।

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