ब्लैक फंगस, अब देहरादून में 4 मरीज मिले
महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक, ओडिशा, मध्यप्रदेश और दिल्ली के बाद म्यूकोरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) उत्तराखंड में भी पहुंच गया है। राजधानी देहरादून के मैक्स अस्पताल में भर्ती दो मरीजों में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है। जबकि यहीं एक अन्य मरीज में भी इसके लक्षण मिले हैं, जिसकी रिपोर्ट अभी आनी बाकी है। एक मामला दून के एक सरकारी अस्पताल में भी ऐसा आया है लेकिन अभी इसकी अधिकृत घोषणा नहीं की गई है। मैक्स अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राहुल प्रसाद ने इसकी पुष्टि की है। यह पहली बार है जब राज्य में ब्लैक फंगस के मामले सामने आए हैं। क्या है ब्लैक फंगस
ब्लैक फंगस शरीर में बहुत तेजी से फैलता है। इंडियन काउन्सिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की एडवाइजरी के अनुसार यह नाक, आँख, दिमाग, फेफड़े या फिर त्वचा पर भी हो सकता है। इस बीमारी में कई लोगों की आंखों की रोशनी तक चली जाती है, वहीं कुछ मरीजों के जबड़े और नाक की हड्डी गल जाती है।
कमजोर शरीर पर ज्यादा खतरा
ब्लैक फंगस आम तौर पर उन लोगों को तेजी से अपना शिकार बनाता है जिन लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम होती है। कोरोना के दौरान या फिर ठीक हो चुके मरीजों का इम्यून सिस्टम बहुत कमजोर होता है, इसलिए वह आसानी से इसकी चपेट में आ रहे हैं। खासतौर से जिन मरीजों को डायबिटीज है। शुगर लेवल बढने पर उनमें ब्लैक फंगस खतरनाक रूप ले सकता है। यह संक्रमण सांस के जरिये अंदर चला जाता है।
लक्षण
• नाक में दर्द हो, खून आए या नाक बंद हो जाए
• नाक में सूजन आ जाए
• दांत या जबड़े में दर्द हो या गिरने लगें
• आंखों के सामने धुंधलापन आए या दर्द हो, बुखार हो
• सीने में दर्द
• बुखार
• सिर दर्द
• खांसी
• सांस लेने में दिक्कत
• खून की उल्टियाँ होना
• कभी-कभी दिमाग पर भी असर होता है।
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