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अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा राज में अपराधियों का बोलबाला है

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा राज में अपराधियों का बोलबाला है। अवैध खनन हो या जहरीली शराब की बिक्री ये सभी धंधे सत्ता के संरक्षण में चल रहे हैं। अपने अब तक के कार्यकाल में जनसामान्य के प्रति भाजपा का व्यवहार पूर्णतया संवेदनहीन रहा है। चाहे कोरोना संक्रमण से हजारों मौतों का मसला हो या जहरीली शराब पीने से हुई सैकड़ों मौतों की बात, भाजपा सरकार इनको कोई महत्व नहीं देती है। जबकि हकीकत यह है कि प्रदेश में भाजपा सरकार के 4.5 साल के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश हत्या प्रदेश बन गया है।
       प्रदेश के आजमगढ़, बदायूं, अंबेडकरनगर, आगरा, चित्रकूट, एटा और प्रयागराज सहित अन्य कई जनपदों में सैकड़ों लोग जहरीली शराब पीकर मर चुके हैं। सहारनपुर में तो 74 मौतें भी हो चुकी हैं। साढ़े चार साल में भाजपा की सरकार में जहरीली शराब का धंधा बेरोकटोक चला है। चूंकि शराब माफियाओं को सत्ता का संरक्षण मिलता रहा हैं इस वजह से अब तक शराब के अवैध धंधे पर रोक नहीं लग पाई है। खुद सरकारी ठेकों से जहरीली शराब बिकने की शिकायतें मिलती रही हैं। किंतु भाजपा सरकार का इस सब पर कोई नियंत्रण नहीं।
       सच तो यह है कि भाजपा राज में मौतों का सिलसिला लगातार चल रहा है। समाज का हर वर्ग निराशा, हताशा में डूबा हुआ है। अवसाद के हालात में मौत को गले लगाने के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं दिखता है। किसान देश का अन्नदाता है। उसको सबसे ज्यादा उपेक्षित किया गया है। उसको अपनी फसल की न तो एमएसपी मिलती है और नहीं उसकी आय दुगनी करने का वादा पूरा हुआ है। गन्ना किसान वर्षों से अपने बकाया भुगतान के लिए परेशान है। हर ओर से त्रस्त किसान आत्महत्या को मजबूर है। किसान आंदोलन के दौरान ही बड़ी तादात में किसानों की जाने गई हैं।
नौजवान रोजगार के लिए भटक रहा है। कोरोना महामारी के दौर में तमाम औद्योगिक संस्थान या तो बंद हो गए अथवा वहां बड़े पैमाने पर छंटनी हो गई। भाजपा सरकार के शासनकाल में नौकरियां मिली नहीं। शिक्षक अभ्यर्थियों द्वारा रोजगार की मांग पर उनको लाठियां मिलीं। शिक्षामित्रों की समस्याओं का अब तक समाधान नहीं हुआ। बाहरी पूंजीनिवेश का भाजपा ने बड़ा होहल्ला मचाया लेकिन एक भी उद्योग नहीं लगा। प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर की मजबूती के लिए कुछ नहीं हुआ। एक यूनिट बिजली का उत्पादन नहीं हुआ।
      मुख्यमंत्री जी ने कानून व्यवस्था को अपनी ठोको और फर्जी इन्काउंटर कुनीतियों के चलते अपराधियों को खुली छूट मिली है। अवांछित तत्वों के हौंसले इतने बढ़े हुए हैं कि राजधानी लखनऊ में ही सिपाही को बौनट में टांगकर काफी दूर तक घुमाया जाता है और रास्ते में कोई कानून रक्षक मदद में नहीं आता है। दबंग सरेराह निर्दोषों की पिटाई कर रहे हैं। छेड़खानी की घटनाएं बढ़ रही है। लूट, हत्या की घटनाएं थम नहीं रही है।
       उत्तर प्रदेश में महिलाओं और बच्चियों की स्थिति सर्वाधिक चिंतनीय है। आए दिन उनके साथ दुष्कर्म की घटनाएं घटती हैं। पिता की पिटाई का वीडियो बनाती बच्ची को गोली मार दी जाती है। पीड़िताएं कहीं सुनवाई न होने पर आग लगाकर जान देने को मजबूर हो रही हैं। व्यापारियों के अपहरण, लूट और हत्या की घटनाओं पर कोई नियंत्रण नहीं है। भाजपा राज में समाज का हर वर्ग पीड़ित और प्रताड़ित है। अब उसने तय कर लिया है कि अपमान और उत्पीड़न को और ज्यादा वह बर्दाश्त नहीं करेगा। सन् 2022 में वह भाजपा को हटाने को संकल्पित है।

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