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बैंकों में जमा बिना दावे की राशि को हासिल कर सकेंगे खाताधारक व उनके वारिस, RBI ने की घोषणा की

इस पोर्टल की मदद से खाताधारक या उनके वारिस अनक्लेम्ड जमा राशि को आसानी से खोज सकेंगे और उनपर दावा पेश कर उसे हासिल कर सकेंगे। अभी अनक्लेम्ड जमा राशि का पता लगाने के लिए विभिन्न बैंकों की साइट खंगालनी पड़ती है।

आरबीआइ अनक्लेम्ड (बिना दावा की राशि) राशि को खाताधारक व उसके सही वारिस तक पहुंचाने के लिए केंद्रीकृत पोर्टल बनाने जा रहा है। गुरुवार को आरबीआइ गवर्नर ने इसकी घोषणा की। इस वेब पोर्टल पर सभी बैंकों के अनक्लेम्ड जमा राशि की जानकारी होगी।

विभिन्न बैंकों की साइट

इस पोर्टल की मदद से खाताधारक या उनके वारिस अनक्लेम्ड जमा राशि को आसानी से खोज सकेंगे और उनपर दावा पेश कर उसे हासिल कर सकेंगे। अभी अनक्लेम्ड जमा राशि का पता लगाने के लिए विभिन्न बैंकों की साइट खंगालनी पड़ती है। सरकार के आंकड़ों के मुताबिक इस साल फरवरी में 10,24,00599 खाताधारकों के 35,012 करोड़ रुपए अनक्लेम्ड रूप से बैंकों में जमा हैं।

क्या कहना है RBI

बैंकिंग नियमों के अनुसार, अगर दस साल तक किसी खाते में कोई लेनदेन नहीं होता है तो उसे अनक्लेम्ड माना जाता है। उसे आरबीआइ के डिपोजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस (डीईए) फंड में डाल दिया जाता है। आरबीआइ का कहना है कि उनकी ओर से यह लगातार कोशिश की जा रही है कि खाते में जमा राशि अनक्लेम्ड नहीं रहे और उसके सही मालिक को वापस कर दी जाए।

आरबीआइ के मुताबिक बैंक अपनी वेबसाइट पर अनक्लेम्ड जमा राशि की सूची देते हैं। अब सभी बैंकों की इस प्रकार की सूची व जानकारियों को केंद्रीकृत पोर्टल पर डाला जाएगा। इस साल फरवरी तक एसबीआइ में 8086 करोड़ तो पीएनबी में 5340 करोड़ अनक्लेम्ड राशि जमा थी।

आरबीआइ के इस फैसले से ग्राहकों में यह भी भरोसा जगेगा : श्रीराम

महाग्राम के सीईओ राम श्रीराम ने बताया कि आरबीआइ के इस फैसले से ग्राहकों में यह भी भरोसा जगेगा कि किसी भी बैंक खाते में उनका पैसा सुरक्षित है। ‘अब पहले से मंजूरी प्राप्त क्रेडिट लाइन से जोड़ सकेंगे यूपीआई को’ गुरुवार को आरबीआइ के गवर्नर ने कहा कि रुपे क्रेडिट कार्ड को यूनिफायड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) से जोड़ने की इजाजत दे दी गई है और अब यूपीआई को पहले से मंजूरी प्राप्त क्रेडिट लाइन से जोड़ने का प्रस्ताव रखा जा रहा है।

बैंक को फायदा

पीडब्ल्यूसी इंडिया के पार्टनर (पेमेंट ट्रांसफॉर्मेशन) मिहिर गांधी के मुताबिक अब पर्सनल लोन या वर्किंग कैपिटल लोन खाते को यूपीआई से जोड़ सकेंगे। इसका फायदा यह होगा कि ग्राहक क्रेडिट लाइन के जरिए भुगतान कर सकेगा और बैंक को फायदा यह होगा कि लोन के भुगतान की लागत कम होगी। जानकारों के मुताबिक मान लीजिए किसी ग्राहक को बैंक ने पर्सनल लोन की मंजूरी दे दी। वह ग्राहक उस पर्सनल लोन खाते को यूपीआई से जोड़ सकेगा और जरूरत पड़ने पर उस पर्सनल लोन के खाते से भुगतान कर सकेगा।

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