Uttar Pradesh

इस तस्वीर के पीछे छिपा है बड़ा सियासी संदेश, अखिलेश ने तैयार किया लोकसभा चुनाव 2024 का प्लान

सपा ने लोहिया वाहिनी की तर्ज पर बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर वाहिनी बनाई। यह वाहिनी पूरे प्रदेश में दलितों को जोड़ने का काम कर रही है। अखिलेश सार्वजनिक मंच से लोहिया के साथ अंबेडकर का भी नाम लेते हैं।

लखनऊ : साल 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी समाजवादी पार्टी अपने परंपरागत वोट बैंक मुस्लिम-यादव (MY) के साथ ही दलितों पर और फोकस बढ़ाएगी। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में भी इसी सफल फार्मूले को अपनाकर सपा ने करीब 10 प्रतिशत वोट बढ़ाया था। अब फिर इसी फार्मूले को अपनाकर सपा आगे बढ़ने की रणनीति बनाई है।

यूं तो अखिलेश यादव ने एमवाई के साथ दलित वोट बैंक को जोड़ने के प्रयास तो वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा के साथ गठबंधन करके कर दिए थे। हालांकि यह गठबंधन चुनाव में सफल नहीं रहा और बाद में टूट गया। पिछले कई चुनाव के नतीजे इस बात के संकेत हैं कि प्रदेश में बसपा लगातार कमजोर हो रही है। ऐसे में अखिलेश की नजर बसपा से छिटकने वाले दलित मतदाताओं पर है।

वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में भी अखिलेश ने अपने परंपरागत मतदाताओं के साथ दलित मतदाताओं को जोड़ने की कोशिश की। इसके लिए संगठन में भी दलित नेताओं पर फोकस बढ़ाया है। सपा ने लोहिया वाहिनी की तर्ज पर बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर वाहिनी बनाई। यह वाहिनी पूरे प्रदेश में दलितों को जोड़ने का काम कर रही है।

अखिलेश सार्वजनिक मंच से लोहिया के साथ अंबेडकर का भी नाम लेते हैं। अखिलेश का यह प्रयोग वर्ष 2022 में सफल भी रहा। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा को 21.82 प्रतिशत मत के साथ 47 सीटें मिली थी जबकि 2022 के चुनाव में 32.05 प्रतिशत मतों के साथ 111 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इनमें 18 दलित विधायक भी हैं। सपा की कोलकाता में हुई दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी में भी दलितों पर फोकस बढ़ाने के साफ संकेत दिखाई दिए।

कोलकाता में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जाते समय हवाई जहाज में जो सेल्फी अखिलेश ने ली उसमें उनके साथ अवधेश प्रसाद व शिवपाल यादव थे। यही तस्वीर सपा ने ट्वीट भी की। कार्यकारिणी की बैठक में भी अखिलेश ने अवधेश प्रसाद को मंच पर ठीक अपने बगल में बैठाया।

इन मुद्दों को प्रमुखता से उठाएगी

सपा ने किसानों के साथ हो रहे अन्याय, बेरोजगारी, जातीय जनगणना, बढ़ती महंगाई, कानून व्यवस्था, उत्पीड़न के मुद्दों को लेकर अपनी चुनावी रणनीति को धार देने का इरादा किया है। बूथ स्तर तक पार्टी अपने संगठन को मजबूत करेगी। मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव की तर्ज पर एक बूथ 10 यूथ का फार्मूला लोकसभा की सभी 80 सीटों पर लगाकर प्रत्येक बूथ को मजबूत किया जाएगा

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